Bomb Hoax Threat : धमकियों की जाँच पश्चिम, दक्षिण पूर्व आतंकी संगठनों के इर्द गिर्द
केंद्रीय जांच एजेंसियों का कहना है कि ये समूह त्यौहारी सीजन में भीड़ को ध्यान में रखते हुए जानबूझकर विमानन और होटल उद्योगों को निशाना बना रहे हैं।
Hoax Bomb Threat: देश में पिछले कुछ दिनों से लगातार फ्लाइट्स में बम की धमकी मिल रही हैं, जिसकी वजह से तमाम विमानों की जाँच की जाती है. इस वजह से न केवल यात्रिओं को देरी होती है बल्कि सुरक्षा चेक व अन्य प्रबंधों के चलते काफी पैसा भी खर्च होता है. बम की धमकी सिर्फ एयरलाइन्स की फ्लाइट में नहीं बल्कि होटलों और मंदिरों के लिए भी आ रही हैं. ये शरारत है या फिर साजिश पुलिस व अन्य जांच एजेंसियां इसका पता लगा रही हैं. इस बीच सूत्रों का कहना है कि इस मामले में पश्चिम में खालिस्तानी सिख चरमपंथियों से लेकर दक्षिण-पूर्व एशिया में साइबर अपराध सिंडिकेट तक, विभिन्न समूह भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की जांच के दायरे में हैं, जो भारत भर में एयरलाइनों और होटलों को दी गई फर्जी धमकियों की जांच कर रही हैं.
रविवार को फिर मिली एयरलाइन्स के लिए धमकी
जानकारी के अनुसार अकेले रविवार (27 अक्टूबर) को ही करीब 50 उड़ानों, एक दर्जन होटलों और एक मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी मिली. इस महीने की शुरुआत में शुरू हुए इस ट्रेंड ने सुरक्षा एजेंसियों को खासा परेशान कर रखा है, खासकर त्योहारों के मौसम में.
इस मामले की जांच कर रही विभिन्न एजेंसियों का मानना है कि इन घटनाओं में जो दिख रहा है, उससे कहीं अधिक हो सकता है.
दिल्ली का युवक गिरफ्तार
इस बीच शनिवार (26 अक्टूबर) को दिल्ली के एक युवक को गिरफ्तार किया गया, जिसने दावा किया था कि उसने “ध्यान आकर्षित करने” के लिए कई उड़ानों और इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर फर्जी कॉल की थी.
कोलकाता स्थित एक केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारी ने बताया कि, "दिल्ली के उत्तम नगर से गिरफ्तार किए गए युवक का मामला एक विचित्र मामला है. उसने फर्जी धमकियों की रिपोर्ट देखने के बाद सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए संदेश भेजा. ज्यादातर मामलों के विपरीत, अकाउंट का पता आसानी से लगाया जा सका, जो शौकिया तौर पर काम करने का संकेत देता है.''
डार्क नेट और वीपीएन की मदद से दी जा रहीं हैं धमकियाँ
अधिकारी ने बताया कि अधिकांश फर्जी बम धमकी संदेश और कॉल वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) और डार्क वेब ब्राउजर का उपयोग करके किए जाते हैं, जिससे वास्तविक इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) पते का पता लगाना मुश्किल हो जाता है, जहां से संदेश भेजे गए थे. उन्होंने इसमें साइबर अपराधियों की संभावित संलिप्तता की ओर इशारा किया.
खतरों से पश्चिमी संबंध
जांच में पता चला है कि धमकी भेजने के लिए प्रयुक्त कुछ एक्स हैंडल्स के आईपी एड्रेस का स्थान कई देशों का था. उदाहरण के लिए, एक्स हैंडल @schizobomber777 के आईपी पते का स्थान जिससे कई धमकियाँ भेजी गईं, लंदन और जर्मनी में पाया गया. कई वीपीएन का उपयोग किए जाने के कारण स्थान अलग-अलग देशों में वापस आ गया.
इस तरह की चालाकीपूर्ण हरकतों को देखते हुए जांचकर्ताओं को संदेह हुआ कि इसके पीछे संगठित समूहों का हाथ है.
पिछले कुछ हफ्तों में लगभग 350 उड़ानों को निशाना बनाए जाने की धमकियों के कारण भारतीय विमानन उद्योग को पहले ही कई सौ करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है.
भारी वित्तीय घाटा
एयरवेज मैगजीन के डिजिटल संपादक हेलविंग विलमिजर ने कहा, "एयरलाइंस पर वित्तीय प्रभाव काफी बड़ा है और करोड़ों रुपए का नुकसान होने का अनुमान है." "मुंबई से न्यूयॉर्क जा रहे बोइंग 777 विमान को एक खतरे के कारण 100 टन से अधिक ईंधन फेंकना पड़ा, जिससे एयरलाइन को केवल ईंधन पर ही 1 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ."
विलमिजार ने कहा, "एक भी झूठी धमकी की कुल लागत 3 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है, जिसमें अनिर्धारित लैंडिंग, यात्रियों के आवास और चालक दल के प्रतिस्थापन शामिल हैं।"
जांच एजेंसी के अधिकारी ने कहा, "ऐसा लगता है कि त्योहारी सीजन में विमानन और होटल उद्योग को अधिक नुकसान पहुंचाने के लिए जानबूझकर निशाना बनाया गया है।"
भारतीय एजेंसियां जांच में जुटी
राष्ट्रीय जांच एजेंसी, खुफिया ब्यूरो, भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) और भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल (सीईआरटी-इन) तथा नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) उन एजेंसियों में शामिल हैं जो घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रही हैं.
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के महानिदेशक राजविंदर सिंह भट्टी और नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो के महानिदेशक जुल्फिकार हसन ने पिछले सप्ताह केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन के समक्ष एक विस्तृत प्रस्तुति दी.
पन्नू के विडियो ने जांच को खालिस्तानी अलगवादी की तरफ मोड़ा
अमेरिका स्थित सिख फॉर जस्टिस के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक वीडियो संदेश जारी करते हुए यात्रियों को 1-19 नवंबर तक एयर इंडिया की उड़ानों में यात्रा न करने की चेतावनी दी. सूत्रों ने द फेडरल को बताया कि चेतावनी के कारण अलगाववादी समूह को संदिग्धों में से एक माना गया।
पाकिस्तान, चीन संबंध?
अधिकारी ने बताया कि प्रतिबंधित सिख समूह के अलावा, धमकियों के पीछे बाहरी सरकारी तत्वों (जैसे पाकिस्तान और चीन) की भूमिका से भी इंकार नहीं किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि ऐसे सरकारी तत्व आमतौर पर कंबोडिया, लाओस और म्यांमार से संचालित होने वाले गिरोहों को डार्कनेट-सक्षम साइबर अपराध के लिए आउटसोर्स करते हैं, ताकि पता लगने पर वे आसानी से इनकार कर सकें.
सूत्रों ने दावा किया कि इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि बीजिंग अपने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव और नए ग्लोबल सिक्योरिटी इनिशिएटिव को आगे बढ़ाने के लिए वान कुओक-कोई के होंग्मेन कार्टेल जैसे दक्षिण-पूर्व एशियाई साइबर-आपराधिक समूहों का उपयोग कर रहा है.
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