ब्रॉडकास्ट बिल पर सरकार ने दिखाई सुस्ती, क्या है वजह?
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ब्रॉडकास्ट बिल पर सरकार ने दिखाई सुस्ती, क्या है वजह?

मंत्रालय ने कहा, “मसौदा विधेयक को हितधारकों और आम जनता की टिप्पणियों के लिए व्याख्यात्मक नोटों के साथ 10 नवंबर 2023 को सार्वजनिक डोमेन में रखा गया था।


Broadcast Bill: सरकार ने सोमवार को कहा कि वह प्रसारण विधेयक का नया मसौदा तैयार करने के लिए आगे विचार-विमर्श करेगी। प्रस्तावित कानून में सोशल और डिजिटल मीडिया पर प्रतिबंध को लेकर कुछ हलकों में चिंता व्यक्त की जा रही है।सरकार द्वारा कुछ हितधारकों के बीच प्रसारित प्रसारण सेवा विनियमन विधेयक के मसौदे की डिजीपब और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया जैसी मीडिया संस्थाओं ने आलोचना की थी, जिसमें दावा किया गया था कि इस कदम पर डिजिटल मीडिया संगठनों और नागरिक समाज संघों से परामर्श नहीं किया गया था।

अब परामर्श के बाद मसौदा
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "मंत्रालय मसौदा विधेयक पर हितधारकों के साथ विचार-विमर्श की एक श्रृंखला आयोजित कर रहा है। 15 अक्टूबर 2024 तक टिप्पणियाँ/सुझाव आमंत्रित करने के लिए अतिरिक्त समय दिया जा रहा है।"मंत्रालय ने कहा, "विस्तृत विचार-विमर्श के बाद एक नया मसौदा प्रकाशित किया जाएगा।"मंत्रालय ने कहा कि वह प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक के मसौदे पर काम कर रहा है।मंत्रालय ने कहा, "मसौदा विधेयक को हितधारकों और आम जनता की टिप्पणियों के लिए व्याख्यात्मक नोटों के साथ 10.11.2023 को सार्वजनिक डोमेन में रखा गया था। इसमें कहा गया है कि इसके जवाब में विभिन्न एसोसिएशनों सहित अनेक सिफारिशें, टिप्पणियां और सुझाव प्राप्त हुए।

मसौदा विधेयक के एक संस्करण में ऑनलाइन सामग्री निर्माताओं को ओटीटी और डिजिटल समाचार प्रसारकों के साथ जोड़ने की मांग की गई है, ताकि उन्हें मंत्रालय की सामग्री और विज्ञापन संहिता के दायरे में लाया जा सके।इन प्रावधानों के तहत ऑनलाइन सामग्री निर्माताओं के लिए एक निश्चित संख्या में सब्सक्राइबर हो जाने पर शिकायत निवारण अधिकारी और सामग्री मूल्यांकन समिति की नियुक्ति करना अनिवार्य कर दिया गया है।

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