
'UPA शासन वाली डबल डिजिट की मंहगाई दर अब अतीत की बात', लोकसभा में बोली वित्त मंत्री
budget debate: डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमतों में लगातार हो रही गिरावट को लेकर Nirmala Sitharaman कहा कि इसमें कई फैक्टर काम करते हैं.
Budget Session: लोकसभा में बजट सत्र चल रहा है. बीते कई दिनों से सभी सांसद बजट (Budget) पर अपने विचार रख रहे हैं और साथ ही सवाल भी पूछ रहे हैं. आज इन्हीं सवालों का जवाब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) लोकसभा में दिया. लोकसभा में बजट बहस (Budget) के जवाब में वित्त मंत्री (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में दुनिया के परिदृश्य में 180 डिग्री का चेंज आया है. अब बजट (Budget) बनाना पहले से कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण हो गया है. पूर्व यूपीए शासन के तहत दो अंकों वाली महंगाई दर अब अतीत की बात हो गई है.
डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमतों में लगातार हो रही गिरावट को लेकर उन्होंने (Nirmala Sitharaman) कहा कि इसमें कई फैक्टर काम करते हैं. दुनियाभर के देशों की करेंसी गिरी है. इंडोनेशिया से लेकर जी-10 करेंसी, जापानी येन, ब्रिटिश पाउंड, यूरो तक की कीमतें डॉलर के मुकाबले गिरी हैं. विभिन्न वैश्विक, घरेलू कारकों ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये के मूल्य को प्रभावित किया है. यह बजट (Budget) दुनिया भर चल रही अनिश्चितताओं के समय में आया है. ऐसी कई वैश्विक चिंताएं हैं, जिनका हमारे बजट (Budget) निर्माण पर भी असर पड़ता है.
वित्त मंत्री (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि प्रभावी पूंजीगत व्यय 4.3% और वित्तीय घाटा 2025-26 के लिए GDP का 4.4% है. इसका मतलब है कि सरकार अपने सभी उधारी संसाधनों का उपयोग प्रभावी पूंजीगत व्यय को वित्तपोषित करने के लिए कर रही है. जिससे पूंजीगत संपत्तियां बनाई जा रही हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि महंगाई प्रबंधन इस सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और कुल खुदरा महंगाई 2%-6% के घोषित दायरे के भीतर है. खाद्य महंगाई प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों या आपूर्ति श्रृंखला की वजह से प्रभावित हुई थी, उसे पूरी तरह से संबोधित किया गया है और हम इसे जारी रख रहे हैं.
सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि हम 2021 से कर्ज को घटाने के उपाय उठा रहे हैं और सार्वजनिक पैसे को उत्पादक संपत्ति निर्माण गतिविधियों के लिए लगाने की दिशा में काम कर रहे हैं. बेरोजगारी दर 2017-18 में 6% से घटकर 2023-24 में 3.2% हो गई है. पूर्व यूपीए शासन के तहत दो अंकों वाली महंगाई दर अब अतीत की बात है. वित्त मंत्री (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि रुपया पर विभिन्न घरेलू और वैश्विक कारक प्रभाव डालते हैं. जैसे डॉलर इंडेक्स का मूवमेंट, पूंजी प्रवाह का स्तर, ब्याज दरों का स्तर, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और यह कि प्रमुख देशों में मुद्रा अस्थिरता वास्तव में काफी व्यापक है.
वित्त मंत्री सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने यह भी कहा कि पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने भारत जोड़ो यात्रा में भी भाग लिया था. उन्होंने 15 जनवरी 2025 को यह स्वीकार किया कि रुपया-डॉलर विनिमय दर पर हमेशा ध्यान केंद्रित किया जाता है. जबकि वास्तविकता यह है कि डॉलर कई मुद्राओं के मुकाबले, विशेष रूप से यूरो के मुकाबले मजबूत हो रहा है तो यह वास्तव में डॉलर का मुद्दा है. वित्त मंत्री (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि 2.44 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त खर्च का मुख्यत: इस्तेमाल ब्याज भुगतान, केंद्रीय क्षेत्र योजनाओं और केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं के लिए किया जाएगा.
वित्त मंत्री (Nirmala Sitharaman) ने पहले की यूपीए सरकार पर भी हमला किया और कहा कि यूपीए युग के तेल, उर्वरक और एफसीआई बांड अब तक चुकाए जा रहे हैं. इसका ब्याज ही FY26 में 3,524 करोड़ रुपये है और बकाया 40,464 करोड़ रुपये है. वित्त मंत्री (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि 31 दिसंबर 2024 तक राज्यों के विभिन्न योजनाओं के लिए एसएनए या एस्क्रो खातों में 1 लाख करोड़ रुपये का अनयूज्ड बैलेंस पड़ा है और राज्य ऐसे बैलेंस पड़े होने के बावजूद और अधिक पैसे की मांग कर रहे हैं.
सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने यह भी कहा कि राज्य के एसएनए, खजाना और एस्क्रो खातों में 1395.45 करोड़ रुपये पड़े हैं, खाद्य सुरक्षा के लिए राज्य खातों में 4636.55 करोड़ रुपये हैं और शहरी पुनरोद्धार मिशन के लिए- AMRUT योजना के तहत राज्य में 12,377 करोड़ रुपये पड़े हैं. इसके अलावा MGNREGA के लिए राज्यों के पास 4351 करोड़ रुपये पड़े हैं.