
ब्रह्मोस एयरोस्पेस को बड़ा झटका! DG की नियुक्ति रद्द; CAT ने दिया आदेश
BrahMos: यह फैसला भारत के सबसे महत्वपूर्ण मिसाइल कार्यक्रमों में से एक ब्रह्मोस प्रोजेक्ट के प्रशासनिक ढांचे पर बड़ा असर डाल सकता है। अब सबकी नजर इस पर है कि सरकार और DRDO चार हफ्तों में DG ब्रह्मोस के लिए नया फैसला कैसे लेते हैं।
Defence News: देश की सबसे ताक़तवर मिसाइल बनाने वाली कंपनी में अब नियुक्ति पर सवाल खड़े हो गए हैं। ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल से जुड़ी भारत की सबसे अहम रक्षा परियोजना को उस वक्त झटका लगा, जब केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) ने ब्रह्मोस एयरोस्पेस के महानिदेशक की नियुक्ति ही रद्द कर दी। वरिष्ठता और योग्यता को नजरअंदाज करने के आरोपों के बीच अब चयन प्रक्रिया दोबारा शुरू करने के आदेश दिए गए हैं, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है।
CAT की हैदराबाद बेंच ने ब्रह्मोस एयरोस्पेस के महानिदेशक (DG) पद पर डॉ. जयतीर्थ आर जोशी की नियुक्ति को रद्द कर दिया है। ब्रह्मोस एयरोस्पेस भारत-रूस की संयुक्त कंपनी है, जो दुनिया की प्रसिद्ध ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल बनाती है। CAT ने यह फैसला 29 दिसंबर 2025 को सुनाया। न्यायाधिकरण ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि इस रणनीतिक पद के लिए चयन प्रक्रिया पर फिर से विचार किया जाए।
किसकी याचिका पर हुआ फैसला?
यह मामला DRDO के साइंटिस्ट डॉ. शिवसुब्रमणियम नंबी नायडू की याचिका पर सामने आया। डॉ. नायडू ने दावा किया था कि उनसे कम वरिष्ठ अधिकारी को DG बनाया गया, जबकि वह वरिष्ठता, योग्यता और अनुभव में आगे हैं। CAT ने 2024 में जारी डॉ. जोशी की नियुक्ति को रद्द और निरस्त करते हुए कहा कि चार हफ्ते में DG ब्रह्मोस की नियुक्ति की प्रक्रिया दोबारा शुरू की जाए।
वरिष्ठता को किया गया नजरअंदाज?
डॉ. नायडू को 7 अक्टूबर 2024 को वैज्ञानिकों की सबसे ऊंची श्रेणी पे लेवल-16 (डिस्टिंग्विश्ड साइंटिस्ट) में पदोन्नत किया गया था। उन्होंने कहा कि वह चयन पैनल में सबसे वरिष्ठ और शीर्ष रैंक वाले उम्मीदवार थे। इसके बावजूद, उस समय पे लेवल-15 (आउटस्टैंडिंग साइंटिस्ट) में कार्यरत डॉ. जयतीर्थ जोशी को 1 दिसंबर 2024 से DG नियुक्त कर दिया गया। न्यायाधिकरण ने माना कि डॉ. नायडू, डॉ. जोशी से पे लेवल-15 में भी लगभग 6 साल वरिष्ठ थे।
DRDO की दलील
वही, DRDO ने नियुक्ति का बचाव करते हुए कहा कि DRDO चेयरमैन सेवा प्रमुख होने के नाते डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट सर्विस नियम, 2023 के तहत किसी भी अहम पद पर “सबसे उपयुक्त” वैज्ञानिक को तैनात करने का अधिकार रखते हैं। DRDO का यह भी कहना था कि DG ब्रह्मोस का पद ट्रांसफर आधारित है और इसमें कोई अतिरिक्त वित्तीय लाभ नहीं मिलता, इसलिए वरिष्ठता ही एकमात्र मानदंड नहीं हो सकता।
CAT ने क्या कहा?
CAT की पीठ ने माना कि इस उच्च स्तरीय और संवेदनशील पद के चयन में मेरिट-कम-सीनियरिटी के सिद्धांतों का पालन नहीं किया गया। हालांकि, CAT ने सीधे तौर पर डॉ. नायडू को DG नियुक्त करने का आदेश नहीं दिया, लेकिन डॉ. जोशी की नियुक्ति रद्द कर दी और चयन प्रक्रिया पर नए सिरे से विचार करने को कहा।

