नेट यूजीसी परीक्षा गड़बड़ी मामले में सीबीआई ने दर्ज किया मुकदमा
केंद्र सरकार के शिक्षा विभाग से मिली शिकायत के आधार पर सीबी आई ने मुकदमा दर्ज किया है. इस मामले को लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार पर कई तरह के आरोप लगाये. केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया था कि मामले की जाँच सीबीआई से कराई जाएगी
NET-UGC Exam: नेट-यूजीसी परीक्षा रद्द होने के बाद अब सीबीआई ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है. सिबिअई के पास केंद्र सरकार के शिक्षा विभाग के सचिव की तरफ से शिकायत दी गयी थी, जिस पर संज्ञान लेते हुए सीबीआई ने गुरूवार( 20 जून) को धारा 120बी, 420 आईपीसी के तहत अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
सीबीआई को दी गयी शिकायत में आरोप लगाया गया है कि 19 जून 2024 को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र(आई4सी) की राष्ट्रीय साइबर अपराध खतरा विश्लेषण इकाई से इनपुट मिला था कि देश के विभिन्न शहरों में दो शिफ्टों में राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित की गयी यूजीसी नेट-2024 परीक्षा में गड़बड़ी हुई है. जिसके बाद केंद्र सरकार ने तुरंत ही परीक्षा रद्द की और मामले की जाँच सीबीआई से कराने की बात कही थी.
सीबीआई को मिली शिकायत में क्या लिखा है?
इस मामले में सीबीआई को लिखित शिकायत मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन की तरफ से मिली है. शिकायतकर्ता सेकेट्री संजय मूर्ति ने 20 जून 2024 को सीबीआई को दी शिकायत में कहा है कि यूजीसी नेट 2024 की परीक्षा का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए ने 18 जून 2024 को दो अलग-अलग शिफ्ट में करवाया गया था. 19 जून को यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन यानी यूजीसी को नेशनल साइबर क्राइम थ्रेट एनेलिसिस यूनिट की तरफ से इस सम्बन्ध में सुचना मिली थी कि ये परीक्षा कॉम्प्रोमाइज्ड हो चुकी है, यानि इस परीक्षा में गड़बड़ी हुई है. ये मामला बेहद गंभीर है और लाखों छात्रों के भविष्य से जुड़ा है.
टेलीग्राम एप पर बेचा गया था पेपर, देश के कई शहरों में पहुंचा था पेपर
नेट परीक्षा के बाद एनटीए की तरफ से ये दावा किया था कि पुरे देश में परीक्षा के ठीक तरीके से संपन्न हुई है, लेकिन उसका ये दावा उस समय फुस्स हो गया जब ये पता चला कि प्रशन पत्र टेलीग्राम एप के माध्यम से लीक किया गया था और देश के कई हिस्सों में लीक हुआ था. ये जानकारी सामने आते ही सबके हाथ पैर फूल गए और जब टेलीग्राम एप व् दोनों शिफ्टों के प्रश्न पत्र का मिलाना किया गया तो वो एक जैसे पाए गये. इसके बाद एनटीए और शिक्षा मंत्रालय हरकत में आये. जिसके बाद केंद्र सरकार की तरफ से ये परीक्षा रद्द करने का आदेश दिया गया था.