सेलेबी को एअरपोर्ट पर काम करने की इजाजत मिलेगी या नहीं सोमवार को आएगा फैसला
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सेलेबी को एअरपोर्ट पर काम करने की इजाजत मिलेगी या नहीं सोमवार को आएगा फैसला

ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तुर्किये की कंपनी सेलेबी का करार रद्द कर दिया गया था. सेलेबी दिल्ली समेत देश के 9 बड़े एअरपोर्ट पर सेवायें देती है.


Airports Security Issue : दिल्ली हाई कोर्ट तुर्की की ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी सेलेबी से जुड़े एक अहम मामले में सोमवार यानी 7 जुलाई को अपना फैसला सुनाने वाला है। सेलेबी ने केंद्र सरकार द्वारा उसकी सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के फैसले को चुनौती दी है, जिसमें कंपनी का आरोप है कि उस पर "झूठे और आधारहीन" आरोप लगाए जा रहे हैं।

सेलेबी ने अपनी याचिका में कहा है कि उसकी सुरक्षा मंजूरी "बिना किसी तर्क या पूर्व चेतावनी के राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर" रद्द की गई है।

पाकिस्तान का समर्थन करने का आरोप

सेलेबी की सुरक्षा मंजूरी ऐसे समय में रद्द की गई थी, जब तुर्की ने पाकिस्तान का समर्थन किया था और कथित तौर पर पड़ोसी देश में आतंकी शिविरों पर भारत के हमलों की निंदा की थी। इसके अलावा, खबरों के अनुसार, जब भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया था, उसी दौरान तुर्की ने पाकिस्तान को ड्रोन और अन्य रक्षा उपकरणों की आपूर्ति की थी। भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानते हुए सेलेबी के संचालन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी।

16 मई को खटखटाया था हाईकोर्ट का दरवाजा

सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 16 मई, 2025 को नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) द्वारा 'राष्ट्रीय सुरक्षा के हित' में उसकी सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।

सेलेबी का भारतीय विमानन क्षेत्र में योगदान

तुर्की की यह कंपनी भारतीय विमानन क्षेत्र में 15 साल से अधिक समय से काम कर रही है और इसमें 10 हजार से अधिक लोग कार्यरत हैं। सेलेबी भारत के 9 हवाई अड्डों पर अपनी सेवाएं देती है, जिनमें दिल्ली, मुंबई, कोचीन, बेंगलुरु, कन्नूर, हैदराबाद, गोवा, अहमदाबाद और चेन्नई शामिल हैं। कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, सेलेबी भारत में सालाना 58,000 उड़ानों और 5,40,00 टन कार्गो का संचालन करती है। सेलेबी को नवंबर 2022 में सुरक्षा मंजूरी दी गई थी, जिसे BCAS ने एक आदेश में तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया था।


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