वोट हटाने के आरोप: राहुल गांधी से पहले चंद्रबाबू नायडू ने भी लगाए थे चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप
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वोट हटाने के आरोप: राहुल गांधी से पहले चंद्रबाबू नायडू ने भी लगाए थे चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप

voter list discrepancy: जहां राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर भाजपा के साथ मिलकर लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाया है. वहीं, चंद्रबाबू नायडू जैसे नेता भी अलग-अलग समय पर इसी चुनाव आयोग पर वोटर लिस्ट में गड़बड़ी और वोट हटाने के आरोप लगा चुके हैं.


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deletion of name from voter list: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा भारत निर्वाचन आयोग (ECI) पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ मिलकर ‘वोट चुराने’ का आरोप लगाने से कई साल पहले आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने भी अपने राज्य में ऐसे ही आरोप लगाए थे. एनडीए के सहयोगी और तत्कालीन तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के प्रमुख नायडू ने मार्च 2019 में आरोप लगाया था कि लगभग 8 लाख TDP मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए.

Form-7 का दुरुपयोग

मार्च 2019 में तत्कालीन मुख्यमंत्री नायडू ने ट्वीट करते हुए कहा था कि TDP के आठ लाख वोट हटा दिए गए हैं. इसके लिए Form-7 का उपयोग किया गया. लगता है कल मेरा भी वोट हटा देंगे. वोटर लिस्ट से किसी का नाम हटाने की प्रक्रिया केवल Form-7 के माध्यम से होती है, जिसमें बूथ लेवल अधिकारियों द्वारा जांच, ज़मीनी सत्यापन और निर्वाचन रजिस्ट्रेशन अधिकारी (ERO) द्वारा अंतिम आदेश शामिल होता है. इस आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी गोपाल कृष्ण द्विवेदी ने कहा था कि चुनाव आयोग ने सिर्फ 74 विधानसभा क्षेत्रों में 40,000 मतदाताओं के नाम हटाने की अनुमति दी थी और अब तक केवल 10,000 नाम ही हटाए गए हैं.

चुनाव के नतीजे

इन आरोपों के एक महीने बाद आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए. वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) ने भारी जीत दर्ज करते हुए 175 में से 151 सीटें जीतीं. TDP मात्र 23 सीटों पर सिमट गई.

SIR प्रक्रिया पर भी सवाल

हाल ही में NDA की दूसरी सबसे बड़ी सहयोगी पार्टी TDP ने बिहार में चल रही Special Intensive Revision (SIR) प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए हैं. TDP ने चुनाव आयोग से यह स्पष्ट करने की मांग की कि यह प्रक्रिया नागरिकता सत्यापन से संबंधित नहीं है और इसे किसी भी बड़े चुनाव से छह महीने पहले तक नहीं किया जाना चाहिए. 15 जुलाई को TDP सांसद लवु श्री कृष्ण देव रायालु और पांच अन्य नेताओं द्वारा मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को पत्र लिखकर यह मांग की गई कि SIR की परिभाषा स्पष्ट होनी चाहिए और यह केवल वोटर लिस्ट सुधार और नाम जोड़ने तक ही सीमित रहनी चाहिए.

वोटर लिस्ट पर पहले भी जताई चिंता

दिसंबर 2023 में विपक्ष में रहते हुए भी चंद्रबाबू नायडू ने आंध्र प्रदेश के CEO को पत्र लिखकर मतदाता सूची में गंभीर गड़बड़ियों की शिकायत की थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि YSRCP सरकार द्वारा वोटर रजिस्ट्रेशन की तय प्रक्रिया का पालन नहीं किया जा रहा है. यह कोई नया मामला नहीं है. साल 2004 में मुख्यमंत्री रहते हुए भी नायडू ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाए थे कि वह विपक्षी दलों की बेबुनियाद शिकायतों पर ज्यादा ध्यान देता है.

2024 में फिर वापसी

2024 के विधानसभा चुनाव से पहले नायडू ने फिर से NDA का दामन थामा. TDP-नेतृत्व वाले गठबंधन ने चुनावों में जबरदस्त जीत दर्ज करते हुए 175 में से 164 सीटें जीतीं. TDP ने अकेले 144 में से 135 सीटों पर जीत दर्ज की. YSRCP मात्र 11 सीटों पर सिमट गई और नायडू तीसरी बार मुख्यमंत्री बने.

राहुल गांधी का ताजा आरोप

18 सितंबर को राहुल गांधी ने कर्नाटक की अलंद विधानसभा सीट से जुड़े कथित वोट हटाने के प्रयासों का हवाला देते हुए चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने महाराष्ट्र की राजुरा सीट का भी उदाहरण दिया, जहां कथित तौर पर ऑटोमेटेड सॉफ्टवेयर के जरिए मतदाताओं को फर्जी रूप से जोड़ा गया. राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार उन लोगों की रक्षा कर रहे हैं, जो लोकतंत्र को नष्ट कर रहे हैं. क्योंकि उन्होंने वोट हटाने के पीछे तकनीकी जानकारी साझा करने से इनकार किया.

ECI की प्रतिक्रिया

भारत निर्वाचन आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए पांच बिंदुओं वाला जवाब जारी किया. आयोग ने कहा कि ऑनलाइन वोट हटाना संभव नहीं है. पोर्टल और ऐप्स के माध्यम से केवल आवेदन जमा किए जा सकते हैं, जिन्हें बाद में जांचा जाता है. हालांकि, आयोग ने माना कि 2023 में कर्नाटक की अलंद विधानसभा सीट पर कुछ असफल प्रयास हुए थे, जिनकी FIR दर्ज कर जांच की जा रही है. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा भारत निर्वाचन आयोग (ECI) पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ मिलकर ‘वोट चुराने’ का आरोप लगाने से कई साल पहले आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने भी अपने राज्य में ऐसे ही आरोप लगाए थे. एनडीए के सहयोगी और तत्कालीन तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के प्रमुख नायडू ने मार्च 2019 में आरोप लगाया था कि लगभग 8 लाख TDP मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए.

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