लोकसभा में चन्नी ने किसकी ओर किया इशारा कि बीजेपी को याद दिलानी पड़ी इंदिरा गाँधी की हत्या
चन्नी ने जेल में बंद कट्टरपंथी सिख कट्टरपंथ अमृतपाल सिंह का स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा कि “एनएसए के तहत एक निर्वाचित सांसद” को हिरासत में लेना “अघोषित आपातकाल” का हिस्सा था.
Charanjeet singh Channi Vs Ravneet Bittoo : संसद में आज पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के सांसद चरणजीत सिंह चन्नी के उस समय हंगामा हो गया जब उन्होंने अमृतपाल सिंह का नाम लिए बगैर ये कहा कि “एनएसए के तहत एक निर्वाचित सांसद की हिरासत” केंद्र सरकार द्वारा “अघोषित आपातकाल” का हिस्सा है. चन्नी के इस बयान पर विवाद खड़ा हो गया और भाजपा ने कहा कि चन्नी जेल में बंद कट्टरपंथी सिख नेता अमृतपाल सिंह का जिक्र कर रहे थे.
गुरुवार (25 जुलाई) को लोकसभा में सत्र के चर्चा के दौरान पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चन्नी ने हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों का हवाला देते हुए कहा, "ये भी एक आपातकाल है कि पंजाब में 20 लाख लोगों द्वारा चुने गए एक सांसद को एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम) के तहत हिरासत में लिया गया है. वो यहां (संसद में) अपने निर्वाचन क्षेत्र के बारे में बोलने में असमर्थ हैं. ये भी एक आपातकाल है."
हालांकि चन्नी ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन भाजपा नेताओं ने कहा कि वो अमृतपाल सिंह के बारे में बोल रहे थे, जिन्होंने इस साल के लोकसभा चुनावों में खडूर साहिब निर्वाचन क्षेत्र से लगभग 2 लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी.
Congress MP and Former Punjab CM Channi bats for radical pro-Khalistan separatist Amritpal Singh.
— Shehzad Jai Hind (Modi Ka Parivar) (@Shehzad_Ind) July 25, 2024
Is this Jai Sanvidhan? Batting for separatist who wants tukde tukde of India ?
Rahul ji must answer - the idea of Khalistan that caused the assassination of PM Indira ji is being… pic.twitter.com/j1MDq8s8QY
पूनावाला का ट्वीट
सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट में भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि कांग्रेस को ये जवाब देना चाहिए कि क्या पार्टी खालिस्तान के विचार का समर्थन करती है, जिसके कारण 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या हुई थी.
उन्होंने लिखा, "भारत के टुकड़े-टुकड़े चाहने वाले अलगाववादियों की वकालत कर रहे हैं? राहुल जी को जवाब देना चाहिए - खालिस्तान के विचार की सराहना की जा रही है, जिसकी वजह से प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या हुई थी! कांग्रेस हमेशा अलगाववादियों और आतंकवादियों की वकालत क्यों करती है? याकूब, अफजल, 26/11 जिहादी, अब के आतंकवादी?"
“खालिस्तानियों का साथ दे रही है कांग्रेस”
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि संसद में कांग्रेस सांसद चन्नी की टिप्पणी "दुर्भाग्यपूर्ण" थी. उन्होंने पीटीआई वीडियो से कहा, "इंदिरा गांधी की हत्या करने वाले खालिस्तानी को आज चन्नी का खुला समर्थन मिला है, इसका मतलब है कि कांग्रेस खालिस्तानियों का साथ दे रही है. ये भारत की अखंडता पर हमला है. मैं क्या कह सकता हूं, मैं कहूंगा कि कार्रवाई होनी चाहिए. "
भाजपा सांसद दिनेश शर्मा ने कांग्रेस से चन्नी को निष्कासित करने की मांग की. उन्होंने पीटीआई वीडियो से कहा, "आज चन्नी, जिनकी हैसियत एक चवन्नी (एक चौथाई रुपये का सिक्का) की भी नहीं है, आतंकवादियों के समर्थन में बोल रहे हैं और उनका महिमामंडन कर रहे हैं. वो कनाडा में बैठे राष्ट्रविरोधी तत्वों के इशारे पर काम कर रहे हैं."
उन्होंने कहा, "कांग्रेस को उन्हें निष्कासित कर देना चाहिए और अगर कांग्रेस उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करती है, तो इसका मतलब है कि कहीं न कहीं कांग्रेस इन असामाजिक और राष्ट्रविरोधी तत्वों के साथ मिली हुई है."
बजट पर विवाद
चन्नी ने देश में अघोषित आपातकाल के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया जबकि लोकसभा में चर्चा के दौरान भाजपा के रवनीत सिंह बिट्टू के साथ तीखी नोकझोंक के कारण कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित करनी पड़ी.
निचले सदन में केंद्रीय बजट पर बहस के दौरान चन्नी ने किसानों को "खालिस्तानी" कहे जाने के लिए भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि इस साल के बजट में उनके गृह राज्य पंजाब की अनदेखी की गई.
चन्नी ने कहा, "ये देश को बचाने के लिए बजट नहीं है, ये सिर्फ़ अपनी सरकार को बचाने के लिए है. उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पंजाब में बाढ़ का समाधान नहीं किया, मज़दूरी नहीं बढ़ाई और इस बजट में पंजाब को नज़रअंदाज़ किया है. जालंधर को स्मार्ट सिटी घोषित किया गया था, लेकिन अभी भी यहाँ गंदा पानी और नशीली दवाओं की समस्या है."
चन्नी और बिट्टू में झगड़ा
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चन्नी और केंद्रीय रेल एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू के बीच कुछ व्यक्तिगत टिप्पणियों को लेकर हुई बहस के कारण लोकसभा की कार्यवाही 30 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई.
चन्नी ने बिट्टू के दादा, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या का जिक्र किया. इस पर बिट्टू और चन्नी के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया. बिट्टू ने हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं. इस पर बिट्टू ने चन्नी और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ कुछ निजी टिप्पणियां कीं, जिससे हंगामा मच गया.
तीखी नोकझोंक के बीच चन्नी ने बिट्टू से कहा, ''आपके दादा उसी दिन शहीद हो गए थे, जिस दिन आपने कांग्रेस छोड़ी थी.'' इस पर भाजपा नेता ने पलटवार करते हुए कहा, ''मेरे दादा ने कांग्रेस के लिए नहीं, देश के लिए बलिदान दिया.'' उन्होंने चन्नी को ''पंजाब का सबसे भ्रष्ट व्यक्ति'' भी कहा.
“अघोषित आपातकाल”
लोकसभा में अपने संबोधन के दौरान चन्नी ने सरकार पर आपातकाल जैसे हालात पैदा करने का आरोप लगाया. उन्होंने सिद्धू मूसेवाला मामले में प्रगति की कमी, केंद्रीय एजेंसियों द्वारा विपक्षी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई और किसानों, महिला एथलीटों और पत्रकारों के साथ कथित दुर्व्यवहार को इसके सबूत के तौर पर गिनाया.
कांग्रेस नेता ने मणिपुर में लंबे समय से चल रही अशांति और हाथरस गैंगरेप मामले की ओर भी इशारा किया, जिसमें उन्होंने कहा कि पीड़िता का अंतिम संस्कार जल्दबाजी में किया गया. चन्नी ने कहा, "देश अघोषित आपातकाल का सामना कर रहा है और इसके लिए भाजपा जिम्मेदार है."
उन्होंने कहा, "जब किसान मांग करते हैं और उन्हें पूरा नहीं किया जाता तो उन्हें खालिस्तानी कहा जाता है. यह भी एक आपातकाल है."
प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री लापता
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 10 साल सत्ता में रहने के बाद अपने विचारों और ईमानदारी को समाप्त कर दिया है, उन्होंने "इतनी महत्वपूर्ण चर्चा" के दौरान प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री की अनुपस्थिति की ओर इशारा किया. उन्होंने पूछा, "उनकी कुर्सियाँ खाली हैं. उन्हें बजट के बारे में बताना चाहिए, लेकिन यहाँ कोई नहीं है। यह आपकी ईमानदारी है?"
चन्नी ने कहा, "मैं एक गरीब परिवार से आता हूं और कांग्रेस सरकार की बदौलत मैंने अपनी शिक्षा प्राप्त की है. 2014 में भाजपा का सबसे खराब कदम अल्पसंख्यकों और दलित बच्चों के लिए छात्रवृत्ति में कटौती करना था."
रुपये के अवमूल्यन की आलोचना करते हुए चन्नी ने दावा किया, "डॉलर का मूल्य दस साल में 25 रुपये बढ़ा है, जबकि (पूर्व प्रधानमंत्री) मनमोहन सिंह के समय में यह 10 साल में केवल 13 रुपये बढ़ा था. कभी-कभी ऐसा लगता है कि रुपये और सरकार के बीच प्रतिस्पर्धा चल रही है कि कौन तेजी से गिरता है."
भोजनावकाश के बाद लोकसभा की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी, क्योंकि चन्नी और बिट्टू के बीच हुई कहासुनी के कारण सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया.
(एजेंसी इनपुट्स के साथ)
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