कौन हैं जस्टिस संजीव खन्ना जो 11 नवम्बर को बनेंगे चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया
जस्टिस संजीव खन्ना ने अधिवक्ता के तौर पर अपना करियर शुरू किया था. इस दौरान अलग अलग विधिक मामलों में प्रैक्टिस की. इसके बाद वो दिल्ली हाई कोर्ट में 14 साल तक दिल्ली हाई कोर्ट में जज रहे. अब वो सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बनने जा रहे हैं.
Justice Sanjeev Khanna : देश को 51वें चीफ जस्टिस मिलने वाले हैं. 51 शुभ अंक माना जाता है. 51वें चीफ जस्टिस के तौर पर जस्टिस संजीव खन्ना 11 नवम्बर को पदभार ग्रहण करेंगे. उनका कार्यकाल 6 महीने का होगा. वो 13 मई 2025 तक इस पद पर बने रहेंगे. जस्टिस खन्ना की बात करें तो उन्हें कानून की काफी गहन जानकारी है. उन्होंने अपना करियर बतौर अधिवक्ता के तौर पर शुरू किया था और लम्बी प्रैक्टिस के बाद वो दिल्ली हाई कोर्ट में लम्बे करियर के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और अब देश के चीफ जस्टिस बनने जा रहे हैं.
जानते हैं देश के होने वाले चीफ जस्टिस के बारे में
कौन हैं जस्टिस संजीव खन्ना?
जस्टिस संजीव खन्ना की बात करें तो उनका जन्म 14 मई 1960 को हुआ था. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से लॉ की डिग्री करने के बाद 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन करवाया. इसके बाद उन्होंने दिल्ली की सबसे पुरानी जिला अदालत में से एक तीस हजारी अदालत में प्रैक्टिस शुरू की. जिला अदालत से प्रमोट होकर वो दिल्ली हाई कोर्ट पहुंचे.
दिल्ली हाई कोर्ट में 14 साल तक जज के तौर पर रहे कार्यरत
जस्टिस खन्ना ने दिल्ली हाई कोर्ट में काफी लम्बा वक्त बिताया है. वो14 साल तक दिल्ली हाईकोर्ट में जज रहे हैं. वर्ष 2005 में उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट में एडिशनल जज नियुक्त किया गया था, जिसके बाद 2006 में उन्हें स्थायी जज बनाया गया. इसके बाद 18 जनवरी 2019 को उन्हें प्रमोशन मिला और वो भारत के सुप्रीम कोर्ट में जज के रूप में नियुक्त हुए. उन्होंने 17 जून 2023 से लेकर 25 दिसम्बर 2023 तक सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विस समिति के अध्यक्ष के तौर पर कार्यरत रहे. वर्तमान में वो राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष हैं और राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, भोपाल की गवर्निंग काउंसिल के सदस्य भी हैं.
कई फील्ड का है अनुभव
जस्टिस संजीव खन्ना के क़ानूनी ज्ञान की बात करें तो उन्हें कई फील्ड का अनुभव है. वे वैधानिक कानून, मध्यस्थता, कमर्शियल लॉ, कंपनी लॉ और आपराधिक कानून सहित अलग-अलग क्षेत्रों में प्रैक्टिस कर चुके हैं. वे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के वरिष्ठ स्थायी वकील के तौर पर काम किया. बाद में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के लिए स्थायी वकील (सिविल) के रूप में जिम्मेदारी को संभाला. इसके अलावा वे कई महत्वपूर्ण मामलों में दिल्ली हाईकोर्ट की मदद के लिए एमिकस क्यूरी (न्यायमित्र) के रूप में भी कार्य कर चुके हैं.
इन बड़े फैसलों का रहे हिस्सा
जस्टिस संजीव खन्ना की बात करें तो वे बिलकिस बानो केस में फैसला देने वाली बेंच में शामिल रहे थे. अभी हाल ही में लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने अरविंद केजरीवाल को प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत दी थी. उसके बाद केजरीवाल को नियमित जमानत भी दी. इसके अलावा संजीव खन्ना VPAT का 100% वैरिफिकेशन, इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम, आर्टिकल 370 हटाने को लेकर दायर याचिकाओं की सुनवाई करने वाली बेंच का भी हिस्सा रहे हैं. इतना ही नहीं जस्टिस संजीव खन्ना समलैंगिक विवाह वाले केस की सुनवाई का भी हिस्सा थे. अगस्त 2024 में समलैंगिक विवाह पर 52 रिव्यू पिटीशन पर सुनवाई होनी थी, लेकिन सुनवाई से ठीक पहले जस्टिस संजीव खन्ना ने खुद को इस मामले की सुनवाई से अलग कर लिया था.
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