
चीन पर अब अमेरिका ने लगाया 245% तक टैरिफ, व्हाइट हाउस फैक्ट शीट में खुलासा
चीन को अमेरिका में निर्यात पर 245% टैक्स का सामना करना पड़ रहा है, वहीं अन्य देशों को फिलहाल कुछ ड्यूटीज़ में 90 दिनों की राहत मिली है.
US-China Trade War: अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापारिक तनावों के बीच अब चीन को अमेरिका में अपने निर्यात पर 245% तक के भारी टैरिफ देना होगा. यह कदम अमेरिका द्वारा चीनी सामानों पर 145% शुल्क लगाए जाने के बाद आया है, जिसका जवाब चीन ने बोइंग विमानों की डिलीवरी रोककर और अमेरिकी विमान उपकरणों की खरीद बंद करके दिया है.
चीन की जवाबी कार्रवाई
बीजिंग ने चीनी एयरलाइनों को निर्देश दिया है कि वे अमेरिका से बोइंग विमानों की आगे कोई डिलीवरी न लें और अमेरिकी कंपनियों से विमान से जुड़ा कोई भी उपकरण या पुर्ज़ा न खरीदें. इसके साथ ही चीन ने अमेरिका को चेतावनी दी कि वह व्यापार युद्ध से डरता नहीं है, लेकिन फिर भी वह सम्मानजनक संवाद और सौहार्दपूर्ण समाधान का पक्षधर है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा, "अगर अमेरिका वाकई बातचीत और समझौते के ज़रिए इस मुद्दे को सुलझाना चाहता है, तो उसे यह ज़ोर-ज़बरदस्ती, धमकियाँ और ब्लैकमेलिंग बंद करनी होगी. उसे बराबरी, सम्मान और पारस्परिक लाभ के आधार पर चीन से बात करनी चाहिए."
ट्रंप का कड़ा रुख
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट के मुताबिक, ट्रंप चीन के साथ व्यापार समझौते के लिए तैयार हैं, लेकिन उनका मानना है कि पहला कदम चीन को उठाना होगा. "गेंद अब चीन के पाले में है. हमें चीन से समझौता करने की ज़रूरत नहीं है, चीन को हमसे करना है". लेविट ने यह भी कहा, "चीन को वही चाहिए जो हमारे पास है वो है अमेरिकी उपभोक्ता. साफ़ शब्दों में कहें तो, उन्हें हमारे पैसे की ज़रूरत है."
चीन पर अब अमेरिका में लगाया 245% तक टैरिफ, व्हाइट हाउस फैक्ट शीट में खुलासाचीन पर अब अमेरिका में लगाया 245% तक टैरिफ, व्हाइट हाउस फैक्ट शीट में खुलासा
ट्रंप ने कई बार चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तारीफ़ की है, लेकिन दोनों नेताओं ने अब तक अपने रुख में कोई नरमी नहीं दिखाई है. दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध धीरे-धीरे गहराता जा रहा है. दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं अब एक दूसरे के सामानों पर लगातार टैरिफ बढ़ा रही हैं. जहां चीन को अमेरिका में निर्यात पर 245% टैक्स का सामना करना पड़ रहा है, वहीं अन्य देशों को फिलहाल कुछ ड्यूटीज़ में 90 दिनों की राहत मिली है.