रिश्तों में जमी बर्फ पिघलाने की कवायद, चीन ने कहा- 'शक और अलगाव बचें दोनों देश'
India and China: भारत और चीन के बीच चार साल से अधिक समय तक चले सैन्य गतिरोध के बाद LAC पर तनाव कम करने के मकसद से सहमति बनी है.
India and China relations: चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने सोमवार को विदेश सचिव विक्रम मिस्री से कहा कि भारत और चीन (India and China) को आपसी समझ की दिशा में काम करना चाहिए. इसके साथ ही शक और अलगाव से भी बचना चाहिए. मिस्री ने उप विदेश मंत्री सन वेइदोंग के साथ बातचीत से पहले वांग से यह मुलाकात की.
बता दें भारत और चीन (India and China) के बीच चार साल से अधिक समय तक चले सैन्य गतिरोध के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव कम करने के मकसद से सहमति बनी है. इसके बाद से हुई मुलाकातों का दौर शुरू हुआ है. चीन के विदेश मंत्रालय की मंदारिन भाषा में जारी एक रीडआउट के अनुसार वांग ने कहा कि दोनों पक्षों को एक दूसरे से मिलना चाहिए और आपसी समझ व आपसी समर्थन के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए. इसके साथ ही आपसी संदेह और आपसी अलगाव से बचना चाहिए.
वांग ने कहा कि चीन-भारत (India and China) संबंधों का सुधार और विकास पूरी तरह से दोनों देशों के मौलिक हितों के अनुरूप है. बता दें कि भारत और चीन (India and China) ने 21 अक्टूबर को डेमचोक और देपसांग पर सेनाओं के पीछे हटने पर सहमति बनाई थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने दो दिन बाद रूस में मुलाकात की थी.
हाल के हफ्तों में दोनों पक्षों के विदेश और रक्षा मंत्रियों ने बहुपक्षीय बैठकों के दौरान मुलाकात की और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों की बैठक के लिए दिसंबर में बीजिंग की यात्रा की. वांग चीनी पक्ष के लिए विशेष प्रतिनिधि भी हैं और यह पांच महीने से भी कम समय में उनकी दूसरी बैठक थी. भारत ने वीजा प्रतिबंधों को कम करने और 2020 से सस्पेंड सीधी उड़ानों को फिर से शुरू करने की चीनी मांगों के मद्देनजर इन बैठकों के लिए अधिक सतर्क और सूक्ष्म दृष्टिकोण अपनाया है.