सीआईएसएफ, बीएसएफ, सीआरपीएफ प्रमुखों ने पूर्व अग्निवीरों के लिए आरक्षण और आयु में छूट की घोषणा की
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सीमा सुरक्षा बढ़ाने और दोनों राज्य पुलिस बलों तथा सीमा सुरक्षा बल के बीच तालमेल पर ध्यान केंद्रित करने के लिए बीएसएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस, केंद्रीय एजेंसियों और पंजाब पुलिस के बीच एक अंतर-राज्यीय समन्वय सम्मेलन कठुआ, जम्मू-कश्मीर में आयोजित किया जा रहा है। | पीटीआई

सीआईएसएफ, बीएसएफ, सीआरपीएफ प्रमुखों ने पूर्व अग्निवीरों के लिए आरक्षण और आयु में छूट की घोषणा की

सीआईएसएफ, सीआरपीएफ, बीएसएफ के प्रमुखों ने गुरुवार को ये एलान किया है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्णय के अनुरूप उनके संबंधित बलों में कांस्टेबलों के 10 प्रतिशत पद पूर्व अग्निवीरों के लिए आरक्षित रहेंगे.


Agniveer: केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना का विपक्ष द्वारा भारी विरोध लगातार जारी है. इस बीच केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के प्रमुखों ने गुरुवार को ये एलान किया है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्णय के अनुरूप उनके संबंधित बलों में कांस्टेबलों के 10 प्रतिशत पद पूर्व अग्निवीरों के लिए आरक्षित रहेंगे.

सीआईएसएफ महानिदेशक नीना सिंह और बीएसएफ के डीजी नितिन अग्रवाल की ये टिप्पणी सेना, नौसेना और वायु सेना में कर्मियों की अल्पकालिक भर्ती के लिए अग्निपथ भर्ती योजना पर नए सिरे से चर्चा के बीच आई है.

नीना सिंह ने कहा, "केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पूर्व अग्निवीरों की भर्ती के संबंध में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. उसी के अनुसार सीआईएसएफ भी पूर्व अग्निवीरों की भर्ती की प्रक्रिया तैयार कर रहा है."

केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के प्रमुख ने कहा कि भविष्य में कांस्टेबलों की सभी नियुक्तियों में पूर्व अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत नौकरियां आरक्षित रहेंगी.

उन्होंने डीडी न्यूज को बताया कि "शारीरिक परीक्षण में भी उन्हें आयु में छूट के साथ ये छूट दी जाएगी. पहले वर्ष में आयु में छूट पांच वर्ष की होगी और उसके बाद के वर्ष में आयु में छूट तीन वर्ष की होगी."

सिंह ने कहा, "पूर्व अग्निवीर इसका लाभ उठा सकेंगे और सीआईएसएफ इस बात को सुनिश्चित करेगी. ये सीआईएसएफ के लिए भी लाभकारी होगा, क्योंकि बल को प्रशिक्षित और अनुशासित कार्मिक मिलेंगे."

जून 2022 में सरकार ने तीनों सेवाओं की आयु सीमा को कम करने के उद्देश्य से अग्निपथ भर्ती योजना शुरू की.

अग्निपथ योजना में साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष की आयु वर्ग के युवाओं को चार वर्षों के लिए भर्ती करने का प्रावधान है, तथा 25 प्रतिशत को अगले 15 वर्षों तक बनाए रखने का प्रावधान है.

कांग्रेस सहित कई विपक्षी दल इस योजना को लेकर सरकार पर लगातार निशाना साध रहे हैं और इस बात को लेकर सवाल उठा रहे हैं कि चार साल का कार्यकाल समाप्त होने के बाद 75 प्रतिशत अग्निवीरों का क्या होगा? क्योंकि कुल भर्तियों में से केवल 25 प्रतिशत ही 15 साल तक सेना में बने रहेंगे.

विभिन्न केंद्रीय सरकारी एजेंसियों और विभागों ने पूर्व अग्निवीरों की भर्ती करने की योजना की घोषणा पहले ही कर दी है.

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक अग्रवाल ने कहा, "उन्हें ( अग्निवीर ) चार साल का अनुभव मिला है. वे पूरी तरह अनुशासित और प्रशिक्षित जवान हैं. ये बीएसएफ के लिए बहुत अच्छी बात है, क्योंकि हमें प्रशिक्षित जवान मिल रहे हैं. थोड़े समय के प्रशिक्षण के बाद उन्हें सीमा पर तैनात किया जाएगा."

उन्होंने कहा कि पूर्व अग्निवीरों की भर्ती से सभी सुरक्षा बलों को लाभ मिलेगा. कुल रिक्तियों में से 10 प्रतिशत उनके लिए आरक्षित होंगी."

उन्होंने डीडी न्यूज से कहा, "उनके लिए आयु में भी छूट होगी. पहले बैच को आयु में पांच साल की छूट मिलेगी और उसके बाद के बैच को आयु में तीन साल की छूट मिलेगी."

इसी तरह से सीआरपीएफ के डीजी ने कि अग्निवीरों को भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी और उसके लिए सारी तैयारियां कर ली गयीं हैं. तय योजना के तहत भर्ती की जाएगी.

(शीर्षक को छोड़कर, इस कहानी को फेडरल स्टाफ द्वारा संपादित नहीं किया गया है और एक सिंडिकेटेड फीड से स्वतः प्रकाशित किया गया है।)

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