राहुल गाँधी के इंडिगो संकट पर किये पोस्ट पर मंत्री बोले राजनीति ठीक नहीं
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राहुल गाँधी के इंडिगो संकट पर किये पोस्ट पर मंत्री बोले राजनीति ठीक नहीं

राहुल गांधी के ‘मोनोपॉली मॉडल’ आरोप पर नागरिक उड्डयन मंत्री का पलटवार, बोले मांग बढ़ी है, प्रतिस्पर्धा बढ़ाने पर सरकार का जोर है।


Indigo Crisis : इंडिगो के बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द होने से देशभर में अफरातफरी मची हुई है, और इसी बीच इस संकट पर राजनीतिक टकराव भी तेज हो गया है। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सरकार पर ‘मोनोपॉली मॉडल’ अपनाने का आरोप लगाया था, जिसे नागरिक उड्डयन मंत्री किंजारापु राम मोहन नायडू ने सख़्ती से खारिज कर दिया।


मंत्री का पलटवार - “यह राजनीति नहीं, जनता का मुद्दा है”

मंत्री नायडू ने कहा कि गांधी इस मामले को गलत दिशा में ले जा रहे हैं। उनके शब्दों में “यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं, जनता से जुड़ा मामला है। सरकार हमेशा से प्रतिस्पर्धा बढ़ाने की कोशिश करती रही है। हमने लीज़िंग कॉस्ट कम करने के लिए क़ानून बनाए, ताकि एयरलाइंस अपने बेड़े में अधिक विमान जोड़ सकें।”

उन्होंने आगे कहा कि देश में हवाई यात्रा की मांग लगातार बढ़ रही है, जो नए निवेशकों के लिए अवसर है। “प्रतिस्पर्धा बढ़नी चाहिए और सरकार भी यही चाहती है। बेहतर होगा कि राहुल गांधी पूरी जानकारी लेकर ही बोलें।”



राहुल गांधी का आरोप -“मैच-फिक्सिंग मोनोपॉली से आम लोग परेशान”

राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा कि इंडिगो संकट सरकार की गलत नीतियों का नतीजा है। उन्होंने कहा कि “IndiGo fiasco इस सरकार के मोनोपॉली मॉडल की कीमत है। हर बार नुकसान आम भारतीयों को होता है। उड़ानों में देरी, कैंसिलेशन और बेबसी। देश को हर सेक्टर में फेयर कॉम्पिटिशन चाहिए, न कि मैच-फिक्सिंग मोनोपॉली।”


इंडिगो में क्या चल रहा है? पायलट शॉर्टेज से टूटे संचालन

पिछले कई दिनों से इंडिगो में क्रू की भारी कमी और अव्यवस्थित रोस्टर के कारण रोज़ सैकड़ों उड़ानें रद्द हो रही हैं। इससे देशभर के एयरपोर्ट्स पर हज़ारों यात्री फंसे हुए हैं।


पूरे संकट के केंद्र में है :

नई फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) के क्रियान्वयन में भारी गड़बड़ी। DGCA ने पायलट थकान कम करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार नए नियम जनवरी 2024 में ही घोषित कर दिए थे और इन्हें चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा था। लेकिन इंडिगो अपनी विशाल संचालन प्रणाली में समय रहते बदलाव नहीं कर पाया। रोस्टर समय पर अपडेट नहीं हुए। क्रू की उपलब्धता अव्यवस्थित हो गई। ड्यूटी-रेस्ट साइकिल में भ्रम की स्थिति पैदा हुई और नतीजा यह हुआ कि एयरलाइन का संचालन लगभग ढह गया।

अब DGCA ने नई गाइडलाइंस की प्रक्रिया को अस्थायी रूप से रोक दिया है, और इंडिगो की उड़ानें धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही हैं।


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