एक बार फिर चर्चा में अग्निपथ स्कीम, जानें- दो साल में क्या कुछ बदला
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एक बार फिर चर्चा में अग्निपथ स्कीम, जानें- दो साल में क्या कुछ बदला

एनडीए के सहयोगी दलों ने पुनर्विचार का सुझाव दिया है, सशस्त्र बलों के लिए अल्पकालिक भर्ती योजना के फायदे और नुकसान की एक सूची यहां दी गई है


Agnipath Scheme: अग्निपथ स्कीम आगाज के साथ ही विवादों से घिरी रही. आप को दो साल पहले की वो तस्वीरें याद होंगी जब इसके खिलाफ छात्रों ने प्रदर्शन किया था. हालांकि केंद्र सरकार ने इसके फायदे बताते हुए वापस लेने से इनकार कर दिया. २०२४ के आम चुनाव में विपक्षी दलों ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया. केंद्र में एनडीए का साझा सरकार है और बीजेपी अपने बलबूते सत्ता में नहीं है, ऐसे में इसके समीक्षा की जून 2022 में केंद्र सरकार ने तीनों सेवाओं की आयु प्रोफ़ाइल को कम करने के उद्देश्य से सशस्त्र बलों के कर्मियों की अल्पकालिक भर्ती के लिए अग्निपथ भर्ती योजना शुरू की।इसकी शुरुआत के दो साल बाद, जिसके कारण देश के कई हिस्सों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे, यह योजना फिर से चर्चा का विषय बन गई है।

बदलाव की उठी जबरदस्त मांग

लोकसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस ने वादा किया था कि सत्ता में आने पर वह इस योजना को ख़त्म कर देगी।हाल ही में एक समीक्षा में, सेना ने अग्निपथ योजना में महत्वपूर्ण बदलावों का प्रस्ताव रखा, जिसमें सेवा अवधि बढ़ाना और अग्निवीरों की प्रतिधारण दर बढ़ाना शामिल है। इन सिफारिशों का उद्देश्य प्रशिक्षण, अनुभव और परिचालन क्षमताओं को बढ़ाना है।नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल (यूनाइटेड) जब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के हिस्से के रूप में केंद्र की नई नरेंद्र मोदी 3.0 सरकार में शामिल हुई, तो उसने अग्निपथ योजना की समीक्षा की मांग की।जेडी(यू) नेता केसी त्यागी ने संवाददाताओं को बताया कि गठबंधन सरकार में शामिल होने के दौरान उनकी पार्टी के सुझावों में यह भी शामिल था।

अग्निपथ स्कीम के फायदे

  • इसे सैन्य बलों में अल्ट्रा सुधार के तौर पर पेश किया गया. नाम दिया गया अग्निवीर
  • इसमें 17.5 से 23 साल की उम्र में नौकरी मिलने का मौका मिलता है.
  • चार साल की सेवा के बाद बेहतर नतीजा देने वाले 25 फीसद का चयन सेना में स्थाई तौर पर होगा
  • ऐसे अग्निवीर जो सेना का स्थाई हिस्सा नहीं बनेंगे उनके लिए रोजगार हासिल करने में मदद की व्यवस्था
  • सेना का स्थाई हिस्सा ना बनने वाले अग्निवीरों को 11.71 लाख रुपए की मदद जिसके जरिए वो बिजनेस या पढ़ाई में इस्तेमाल कर सकते हैं.
  • अग्निपथ स्कीम के जरिए पहले साल में सेना, नेवी और एयरफोर्स के लिए 46 हजार भर्तियों का रास्ता खोला
  • इसका मकसद कम समय में युवाओं को देश सेवा के लिए मौका देना है.
  • अग्निवीरों का इतना ट्रेन कर दिया जाएगा कि उन्हें बेहतर नौकरियों को हासिल करने में मदद मिलेगी.

विरोध में आवाज

  • ज्यादातर अग्निवीरों को सिर्फ चार साल तक ही सेना में काम करने का मौका मिलेगा
  • 75 फीसद से अधिक अग्नवीर 21.5 से 27 साल के अंदर ही रिटायर हो जाएंगे.
  • अग्निवीरों के लिए पेंशन की सुविधा नहीं है.
  • चार साल की सेवा के बाद सेवा निधि कोष के जरिए महज 11.71 लाख रुपए ही मिलेंगे.
  • इस पैसे के लिए अग्निवीर की सैलरी में से ही कटौती होगी.
  • इनकी भर्ती नॉन कमीशन्ड रैंक जैसे की सिपाही, नायक या लांस नायक तक होगी
  • नॉन कांट्रिब्यूटरी इंश्योरेंस कवर भी महज 48 लाख की होगा.

मूल्यांकन समय

अग्निपथ पर बात करने वाले एनडीए के एकमात्र सहयोगी दल वे नहीं थे। एलजेपी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान, जो हाल ही में केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री बने हैं, ने कहा कि केंद्र को इस बात का आकलन करना चाहिए कि इस योजना के माध्यम से कितना लाभ मिल सकता है, क्योंकि यह सीधे तौर पर युवाओं से जुड़ा है।उन्होंने कहा, "अगर यह योजना उनके लिए फायदेमंद है और योजना के उद्देश्य के अनुसार काम कर रही है, तो हमें इसे जारी रखना चाहिए। अगर नहीं, तो हमें सुझाव देना चाहिए कि क्या किया जा सकता है। लेकिन इन चीजों को कुछ समय के लिए या सरकार बनने तक रोका जा सकता है। उसके तुरंत बाद, हम बैठकर इन सभी चीजों पर चर्चा कर सकते हैं।

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