मोदी सरकार ने देश को गुमराह किया? CDS के बयान के बाद कांग्रेस ने उठाए सवाल
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मोदी सरकार ने देश को गुमराह किया? CDS के बयान के बाद कांग्रेस ने उठाए सवाल

CDS के बयान से जहां भारत की रक्षा रणनीति को लेकर पारदर्शिता की नई शुरुआत हुई है। वहीं, विपक्षी दलों खासकर कांग्रेस ने इसे मोदी सरकार की विफलता बताते हुए संसद में जवाबदेही की मांग तेज कर दी है।


ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हुए भारतीय सैन्य नुकसान को पहली बार सार्वजनिक रूप से स्वीकार किए जाने के बाद कांग्रेस पार्टी ने शनिवार को मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा कि सरकार ने देश को गुमराह किया है। पार्टी ने कारगिल समीक्षा समिति की तर्ज पर एक स्वतंत्र समिति से रक्षा तैयारियों की संपूर्ण समीक्षा कराने और संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है।

CDS ने स्वीकारा नुकसान

भारतीय सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने एक इंटरव्यू में कहा कि जरूरी यह नहीं कि जेट गिरा, बल्कि यह जानना जरूरी है कि वो क्यों गिरा। हमने जो रणनीतिक गलतियां कीं, उन्हें दो दिन में सुधारा और फिर से सभी जेट लंबी दूरी तक लक्ष्य भेदने में सफल रहे। हालांकि, जनरल चौहान ने यह नहीं बताया कि कितने भारतीय फाइटर जेट ऑपरेशन सिंदूर के दौरान गिरे। लेकिन उन्होंने पाकिस्तान द्वारा छह भारतीय जेट गिराने के दावे को "पूरी तरह गलत" बताया।

सरकार ने देश को गुमराह किया: खड़गे

CDS की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि देश को अंधेरे में रखा गया और अब "वास्तविकता सामने आ रही है। उन्होंने अपने एक्स पोस्ट में लिखा कि CDS के इंटरव्यू के बाद कई अहम सवाल उठते हैं। इन सवालों के जवाब सिर्फ संसद के विशेष सत्र में ही दिए जा सकते हैं। मोदी सरकार ने देश को गुमराह किया है। उन्होंने कहा कि हमारे वायुसेना के पायलटों ने जान की बाज़ी लगाकर दुश्मन से लड़ा। CDS के अनुसार, हमने गलतियां सुधारीं और फिर से पूरी ताकत से जवाब दिया। उनके साहस को हम सलाम करते हैं। लेकिन अब एक व्यापक रणनीतिक समीक्षा समय की मांग है।

ट्रंप के दावे और मोदी का चुनावी प्रचार

खड़गे ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत-पाकिस्तान के बीच सीज़फायर कराने के दावे को लेकर भी मोदी सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि ट्रंप बार-बार दावा कर रहे हैं कि उन्होंने युद्ध रुकवाया। यह शिमला समझौते का सीधा उल्लंघन है। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ट्रंप के दावे पर कुछ नहीं कह रहे और सेना की बहादुरी का श्रेय खुद ले रहे हैं। उन्होंने पूछा कि क्या भारत और पाकिस्तान अब फिर से एक साथ जोड़े जा रहे हैं? क्या सीज़फायर की कोई शर्तें तय हुई हैं? 140 करोड़ देशवासियों को इसका जवाब मिलना चाहिए।

कांग्रेस की मांग

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कारगिल युद्ध के बाद बनी कारगिल रिव्यू कमेटी की याद दिलाते हुए कहा कि उसी तरह की एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति अब भी बनाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि 1999 में युद्ध खत्म होने के तीन दिन बाद वाजपेयी सरकार ने के. सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में समिति बनाई थी, जिनके पुत्र आज हमारे विदेश मंत्री हैं। उन्होंने यह भी बताया कि उस समिति की रिपोर्ट पांच महीने में तैयार हो गई थी और उसे संसद में भी रखा गया था। क्या मोदी सरकार भी अब वैसा ही कोई कदम उठाएगी, जैसा CDS ने सिंगापुर में उजागर किया है?

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