जगदीप धनखड़ में कांग्रेस को भरोसा नहीं, संख्या बल कम फिर क्यों उठाया यह कदम
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जगदीप धनखड़ में कांग्रेस को भरोसा नहीं, संख्या बल कम फिर क्यों उठाया यह कदम

Jagdeep Dhankhar: कांग्रेस ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया है। संख्या बल कम होने के बावजूद इसके पीछे मकसद क्या है।


Jagdeep Dhankhar No Confidence News: कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष ने मंगलवार (10 दिसंबर) को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जो देश के संसदीय इतिहास में इस तरह की पहली घटना है।विपक्ष ने भारत के उपराष्ट्रपति धनखड़ पर सदन में पक्षपातपूर्ण कामकाज का आरोप लगाया है। कांग्रेस की ओर से इस बात की पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि 65 हस्ताक्षरों के साथ प्रस्ताव पेश किया गया था।हालांकि राज्यसभा (Parliament Winter Session)में संख्याबल को देखते हुए इस प्रस्ताव के गिर जाने की संभावना है, लेकिन विपक्ष अपनी बात साबित करना चाहता है कि पीठासीन अधिकारी ने उसे सदन में बोलने का मौका नहीं दिया। गौरतलब है कि विपक्ष ने अगस्त में भी धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर विचार किया था।

कांग्रेस, टीएमसी, आप, समाजवादी पार्टी, डीएमके और आरजेडी RJD) का प्रतिनिधित्व करने वाले संसद सदस्य शामिल थे जिसे राज्यसभा सचिवालय को सौंपा गया।बताया जाता है कि यह प्रस्ताव संसद के दोनों सदनों में भाजपा सांसदों और विपक्ष के सांसदों के बीच विभिन्न मुद्दों पर हुई झड़प के बाद पेश किया गया था। कांग्रेस को उम्मीद है कि हस्ताक्षरकर्ताओं की संख्या 90 से अधिक होगी, हालांकि प्रस्ताव को अध्यक्ष द्वारा स्वीकार किए जाने की संभावना बहुत कम है, चर्चा के लिए उठाए जाने की तो बात ही छोड़िए।

दोनों सदन स्थगित

इससे पहले, संसद के दोनों सदनों को हंगामे (Lok Sabha ruckus News) के बीच दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया क्योंकि सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने सोरोस और अडानी मुद्दों पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए।संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस और उसके नेतृत्व पर अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस और भारत विरोधी ताकतों के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया, जिसके कारण लोकसभा में हंगामा हुआ और कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी।शून्यकाल के दौरान बोलते हुए रिजिजू ने कांग्रेस नेताओं पर सदन में मास्क और कार्टून वाले जैकेट पहनकर आने के लिए संसद की गरिमा पर हमला करने का आरोप लगाया।

रिजिजू के यह कहते ही विपक्षी सदस्य आसन के सामने आ गए। मंत्री ने कहा कि कांग्रेस नेताओं द्वारा संसद की कार्यवाही (Rajya Sabha Proceedings) बाधित करने से सदन के अन्य सदस्य भी अपने निर्वाचन क्षेत्रों से संबंधित मुद्दे उठाने से वंचित हो रहे हैं।इससे पहले, आसन पर आसीन भाजपा सदस्य दिलीप सैकिया ने संसदीय दस्तावेजों और संसदीय स्थायी समितियों की रिपोर्टों को सदन के पटल पर रखने की अनुमति दी।जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कांग्रेस सदस्य मनीष तिवारी और तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सौगत राय (TMC Leader Saugat Roy) द्वारा उठाई गई आपत्तियों का जवाब देने के बाद मर्चेंट शिपिंग विधेयक पेश किया।इसके तुरंत बाद लोकसभा में अराजकता फैल गई, जिसके कारण सैकिया को सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी।

कांग्रेस, भाजपा में राज्यसभा में तकरार

पहले स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे जैसे ही राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई, सदन के नेता जे.पी. नड्डा(JP Nadda) ने कांग्रेस नेतृत्व और अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस के बीच कथित संबंधों का मुद्दा उठाया और आरोप लगाया कि वे देश को अस्थिर करने की साजिश कर रहे हैं। नड्डा ने सदन में मौजूद कांग्रेस नेता सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) का नाम लिए बिना देश को अस्थिर करने में "सोरोस द्वारा वित्तपोषित संगठन की सह-अध्यक्ष" के रूप में उनकी भूमिका पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि इससे देश की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा को लेकर चिंताएं पैदा होती हैं।जैसे ही नड्डा ने यह टिप्पणी की, सत्ता पक्ष ने कांग्रेस के खिलाफ नारे लगाए और जवाब की मांग की।

विपक्षी सांसदों ने किया विरोध प्रदर्शन

इससे पहले, कई विपक्षी सांसदों ने अडानी मुद्दे (Gautam Adani) पर संसद परिसर में प्रदर्शन किया, जिसमें वे काले रंग के 'झोले' लेकर आए, जिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अरबपति गौतम अडानी के कार्टून छपे थे और उनके आगे वाले हिस्से पर 'मोदी अडानी भाई भाई' लिखा था।लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, कांग्रेस, डीएमके (DMK), जेएमएम, वामपंथी दलों के सांसदों सहित अन्य ने मकर द्वार की सीढ़ियों के सामने विरोध प्रदर्शन किया।उन्होंने मोदी और अडानी के बीच कथित मिलीभगत के खिलाफ नारे लगाए और मामले की संयुक्त संसदीय समिति (Joint Parliamentary Committee) से जांच कराने की मांग की।इससे पहले राहुल (Rahul Gandhi) ने विभिन्न मुद्दों पर पार्टी के रुख और संसद में आगे की राह का जायजा लेने के लिए लोकसभा में कांग्रेस सांसदों की एक बैठक की अध्यक्षता की।

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