
कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी के बयान पर बवाल, सेना पर दबाव विवाद गरमाया
रेणुका चौधरी ने मीडिया के सामने बाइट देते हुए कहा कि सेना पर सरकार के समर्थन में बोलने का दबाव; BJP ने बयान को देशविरोधी बताया, राहुल गांधी पर भी बरसे पार्टी प्रवक्ता।
Renuka Chowdhary Remarks Over Army Sparks Row : कांग्रेस की वरिष्ठ सांसद रेणुका चौधरी के एक बयान ने सोमवार को राष्ट्रीय राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी। चौधरी ने दावा किया कि “पहली बार सेना के शीर्ष अधिकारी कह रहे हैं कि उन पर सरकार के समर्थन में बोलने का दबाव है”। इस टिप्पणी ने ना सिर्फ सरकार को निशाने पर लिया, बल्कि सियासी हलकों में तीखी बहस भी छेड़ दी।
बीजेपी ने रेणुका चौधरी के इस बयान को “सबसे भयावह और दुर्भावनापूर्ण आरोप” करार देते हुए कड़ा विरोध दर्ज कराया। पार्टी प्रवक्ता सी.आर. केसवन ने कहा कि कांग्रेस सेना की गरिमा को ठेस पहुँचाने की “पुरानी आदत” से बाज नहीं आ रही है।
These deeply divisive & malicious remarks of Congress MP Smt. Renuka Choudhary demeaning the dignity of our valiant armed forces is most condemnable. Rahul Gandhi and the Congress party with their Sena Virodhi mentality have been serial offenders when it comes to abusing our… pic.twitter.com/eO0o0WGXpn
— C.R.Kesavan (@crkesavan) December 2, 2025
क्या कहा रेणुका चौधरी ने?
संसद के बाहर न्यूज़ एजेंसी से बात करते हुए चौधरी ने आरोप लगाया कि “सबसे डरावनी स्थिति यह है कि पहली बार सेना के अधिकारी सामने आकर कह रहे हैं कि उन पर सरकार के पक्ष में बयान देने का दबाव बनाया जा रहा है।” उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर भी तीखी प्रतिक्रियाएँ शुरू हो गईं।
बीजेपी का पलटवार: ‘सेना-विरोधी मानसिकता साफ दिखती है’
बीजेपी प्रवक्ता केसवन ने इस टिप्पणी को “गंभीर, विभाजनकारी और सेना का अपमान करने वाला” बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और राहुल गांधी की “सेना-विरोधी मानसिकता” पहले भी कई मौकों पर सामने आ चुकी है।
केसवन ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं ने पहले भी सेना प्रमुख को “सड़क का गुंडा” जैसे शब्द कहकर उनका अपमान किया।
कांग्रेस ने सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट एयर स्ट्राइक और ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियानों पर सवाल उठाकर जवानों की विश्वसनीयता पर हमला बोला।
“राहुल गांधी को सेना का अपमान करने पर कोर्ट ने भी फटकार लगाई है, जब उन्होंने ‘पिटाई’ शब्द का इस्तेमाल किया था।”
उन्होंने आगे कहा कि सेना के लिए राष्ट्रहित सर्वोपरि होता है, इसलिए रेणुका चौधरी को अपने “कुंठित और राजनीति से प्रेरित” बयान के लिए तत्काल माफी मांगनी चाहिए।
‘कांग्रेस नेतृत्व कार्रवाई करे, अगर शर्म बची हो’
केसवन ने कांग्रेस नेतृत्व पर भी निशाना साधते हुए कहा कि “अगर कांग्रेस में थोड़ी भी शर्म बची है, तो चौधरी पर कार्रवाई करे। लेकिन राहुल गांधी की सोच भी वही है, इसलिए कार्रवाई की उम्मीद नहीं है।”
बीजेपी ने कांग्रेस को “गैर-देशभक्त” बताते हुए कहा कि पार्टी लगातार सशस्त्र बलों की गरिमा पर हमला करती रही है।
#WATCH | BJP National Spokesperson and MP Sambit Patra says, "...Yesterday, when MP Renuka Chowdhury came to the Parliament with her pet dog and when someone from the media asked her about it, she said that this is just a tiny being and doesn't bite, that those sitting inside… pic.twitter.com/V7L6MTpPMv
— ANI (@ANI) December 2, 2025
भाजपा ने रेणुका चौधरी पर किया हमला
भाजपा के राष्ट्रिय प्रवक्ता और सांसद संबित पात्रा ने कहा कि कल, जब सांसद रेणुका चौधरी अपने पेट डॉग के साथ पार्लियामेंट आईं और जब मीडिया में से किसी ने उनसे इसके बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा कि यह तो बस एक छोटा सा जीव है और काटता नहीं है, जो लोग (पार्लियामेंट) अंदर बैठे हैं, वही काटते हैं, कि जो सरकार चला रहे हैं, वही काटते हैं। मीडिया ने उनसे पूछा कि क्या उनके पेट को पार्लियामेंट लाने का कोई प्रोटोकॉल है। उन्होंने कहा, "कौन सा प्रोटोकॉल?"...आज, जब राहुल गांधी से इसके बारे में पूछा गया, तो उन्होंने पूछा कि क्या डॉग यहां तक पहुंचा...उन्होंने कहा, "अंदर तो अलाउड है" और हाउस की तरफ इशारा किया...उन्होंने देश के सभी MPs को शामिल किया, जिसमें उनके अपने अलायंस के सांसद भी शामिल थे। राहुल जी, आपसे यह उम्मीद नहीं है। मुझे उम्मीद है कि आप घर जाकर टीवी पर रेणुका चौधरी और अपनी बाइट देखेंगे। इस तरह के भाषण, व्यवहार से क्या देश आपकी इज्ज़त करेगा? क्या लोग आपको वोट देंगे जब आप कोई सीरियसनेस नहीं दिखाएंगे या मर्यादा?...मुझे लगता है कि जिस तरह से राहुल गांधी और रेणुका चौधरी के बयान से संसद की मर्यादा और गरिमा को ठेस पहुंची है, मुझे लगता है कि दोनों 'R' को तीसरा R, यानी एक सांसद की ज़िम्मेदारियां याद रखने की ज़रूरत है।
विवाद आगे और बढ़ने के संकेत
कांग्रेस की ओर से अभी कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद संसद के मानसून सत्र के बीच और भी तेज़ हो सकता है।
सेना जैसे संवेदनशील विषय पर आरोप-प्रत्यारोप ने दोनों दलों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है।

