पहले जाकर कांग्रेस से पूछो...खड़गे की बैठक में नहीं आई TMC, अडानी मुद्दे पर बंटा विपक्ष
तृणमूल कांग्रेस (ने स्पष्ट संदेश देते हुए कि वह अडानी अभियोग मुद्दे पर संसद को बाधित करने में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के साथ नहीं है.
Adani impeachment issue: समय बीतने के साथ ही विपक्षी इंडिया गठबंधन में तकरार सामने आने लगे हैं. महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव में जहां कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी. वहीं, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने पश्चिम बंगाल में हुए विधानसभा उपचुनाव में शानदार जीत हासिल की है. इसके बाद से ही इंडिया गठबंधन के घटक दलों में मतभेद सामने आने लगे हैं. इसी बीच संसद का शीतकालीन सत्र भी चल रहा है और टीएमसी ने इंडिया ब्लॉक का दामन छोड़कर अलग राह पकड़ ली है.
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने स्पष्ट संदेश देते हुए कि वह अडानी अभियोग मुद्दे पर संसद को बाधित करने में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के साथ नहीं है. टीएमसी ने आज कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के कक्ष में इंडिया ब्लॉक नेताओं की बैठक में भाग नहीं लिया.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि वह संसद में छह प्रमुख मुद्दे उठाना चाहती है, जिसमें मूल्य वृद्धि, बेरोजगारी, धन की कमी और मणिपुर अशांति शामिल है. लेकिन कांग्रेस केवल अडानी मुद्दे पर जोर देना चाहती है. इसलिए, तृणमूल आज इंडिया ब्लॉक के नेताओं की बैठक में शामिल नहीं हुई. तृणमूल सूत्र ने यह भी कहा कि यह इंडिया ब्लॉक में एकमात्र पार्टी है, जो कांग्रेस की चुनावी भागीदार नहीं है. इसलिए पार्टी में यह भावना है कि जब हमारे शीर्ष बिंदु एजेंडे में नहीं हैं तो हम इंडिया ब्लॉक में भाग लेने के लिए बाध्य नहीं हैं.।
बता दें कि कांग्रेस मांग कर रही है कि अडानी ग्रीन के निदेशकों के खिलाफ अमेरिकी न्याय विभाग के अभियोग पर चर्चा के लिए सदन में सभी कामकाज को स्थगित कर दिया जाए. आज सुबह भी कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने अडानी मुद्दे पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया. हालांकि, कांग्रेस समेत कई दलों के सांसदों ने चक्रवात फेंगल से हुए नुकसान, उत्तर प्रदेश के संभल में मस्जिद के सर्वेक्षण को लेकर हुई हिंसा, बांग्लादेश में इस्कॉन के पुजारियों को निशाना बनाए जाने और पंजाब में धान की खरीद में देरी जैसे कई अहम मुद्दों पर चर्चा की मांग की है.
इससे पहले तृणमूल महासचिव और पार्टी के नंबर 2 नेता अभिषेक बनर्जी ने स्पष्ट किया था कि तृणमूल शीतकालीन सत्र के दौरान बंगाल के मुद्दों को प्राथमिकता देगी. हमारा रुख बिल्कुल साफ है. हम पहले बंगाल के मुद्दों को प्राथमिकता देंगे. केंद्र ने बंगाल के बकाए को रोक दिया है. हम इन मुद्दों पर संसद में चर्चा चाहते हैं. कांग्रेस से जाकर पूछिए. उनका क्या रुख है?
वहीं, तृणमूल की वरिष्ठ सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने कहा कि पार्टी नहीं चाहती कि संसद बाधित हो. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि संसद चले. हम सिर्फ़ एक मुद्दे पर सदन को बाधित नहीं करना चाहते. हम इस सरकार को कई मामलों में जवाबदेह ठहराएंगे. तृणमूल ने पहले कहा था कि वह संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान मणिपुर में चल रही अशांति का मुद्दा उठाएगी और पूर्वोत्तर राज्य में शांति लाने के लिए केंद्र से तत्काल कार्रवाई की मांग करेगी.