बीजेपी ने कंगना को क्यों नहीं निकाला? रनौत के बयान पर कांग्रेस हमलावर
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'बीजेपी ने कंगना को क्यों नहीं निकाला?' रनौत के बयान पर कांग्रेस हमलावर

कांग्रेस पार्टी ने भाजपा पर हमला तेज करते हुए अभिनेत्री और सांसद कंगना रनौत को पार्टी से निष्कासित करने की मांग की.


Congress party attack BJP: कांग्रेस पार्टी ने बुधवार को भाजपा पर अपना हमला तेज कर दिया और अभिनेत्री- सांसद कंगना रनौत को पार्टी से निष्कासित करने की मांग की. बता दें कि कंगना ने साल 2021 में निरस्त किए गए तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने की बात कही थी.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रनौत की टिप्पणी की निंदा की और चेतावनी दी कि हरियाणा सहित चुनाव की ओर अग्रसर राज्य कानूनों को वापस लाने के किसी भी प्रयास का जोरदार जवाब देंगे. रनौत ने कृषि कानूनों को फिर से लागू करने का समर्थन करते हुए एक बयान दिया था. हालांकि, बाद में उन्होंने अपनी टिप्पणी वापस ले ली थी और कहा था कि उनके विचार व्यक्तिगत थे और पार्टी की स्थिति को नहीं दर्शाते हैं. कंगना रनौत ने कहा कि मुझे याद रखना चाहिए कि मैं न केवल एक कलाकार हूं, बल्कि अब भाजपा की सदस्य भी हूं और मेरे बयान पार्टी की नीतियों के अनुरूप होने चाहिए.

वहीं, कांग्रेस ने मौके का फायदा उठाते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें रनौत को कानूनों की वापसी की वकालत करते हुए सुना जा सकता है. इस वीडियो में उन्होंने कहा था कि किसानों के हित में कानूनों को वापस लाया जाना चाहिए. किसानों को अपनी समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए इसकी मांग करनी चाहिए.

वहीं, जवाब में खड़गे ने भाजपा पर विरोध-प्रदर्शन के दौरान 750 से अधिक किसानों की मौत के बावजूद “किसान विरोधी” रुख अपनाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि 750 किसानों की शहादत के बाद भी भाजपा और मोदी सरकार ने अपना सबक नहीं सीखा है. वे काले किसान विरोधी कानूनों को फिर से लागू करने पर विचार कर रहे हैं. खड़गे ने आगे आरोप लगाया कि मोदी सरकार किसानों से किए गए वादों को पूरा करने में विफल रही है, जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी और मृतक किसानों के परिवारों को मुआवजा देना शामिल है.

वहीं, कांग्रेस के प्रवक्ता शक्तिसिंह गोहिल ने भी रनौत की टिप्पणी की निंदा नहीं करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना की. गोहिल ने सवाल किया कि पीएम मोदी ने उनकी निंदा क्यों नहीं की? अगर भाजपा उनके बयान से सहमत नहीं है तो उन्होंने उन्हें निष्कासित क्यों नहीं किया? गोहिल ने सुझाव दिया कि इस मामले पर भाजपा की चुप्पी ने अपने “चतुर” लोगों के माध्यम से कानूनों को फिर से लागू करने के इरादे को इंगित किया है. उन्होंने मांग की कि भाजपा रनौत को निष्कासित करे, ताकि उनके रुख के प्रति अपना विरोध प्रदर्शित किया जा सके, चेतावनी दी कि ऐसा न करने पर पार्टी के कृषि कानूनों को फिर से लागू करके कुछ चुनिंदा लोगों को लाभ पहुंचाने के असली इरादे का पता चलेगा.

बता दें कि कृषि कानून किसान उपज व्यापार और वाणिज्य अधिनियम, किसान मूल्य आश्वासन अधिनियम और आवश्यक वस्तु अधिनियम को पहली बार जून 2020 में पेश किया गया था और 2020 के अंत में शुरू हुए देशव्यापी विरोध के बाद नवंबर 2021 में निरस्त कर दिया गया था.

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