राहुल गांधी को पीछे बैठाने पर भड़की कांग्रेस, जवाब में रक्षा मंत्रालय ने बताई वजह
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान 'पांचवीं पंक्ति' में बैठाया गया.
Independence Day Celebrations: कांग्रेस ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान 'पांचवीं पंक्ति' में बैठाया गया. उन्होंने इसे 'क्षुद्रता' और लोकतांत्रिक मानदंडों की अवहेलना बताया है.
बता दें कि राहुल गांधी को हाल ही में संपन्न पेरिस खेलों में भाग लेने वाले भारतीय दल के सदस्यों की कई पंक्तियों के पीछे बैठे देखा गया. यह एक दशक में पहली बार था कि स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए विपक्ष का कोई नेता लाल किले पर मौजूद था.
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कार्यक्रम का आयोजन करने वाले रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि बैठने की व्यवस्था "वरीयता तालिका के अनुसार" की गई थी, जिसमें इस वर्ष "पेरिस ओलंपिक पदक विजेताओं" को विशेष अतिथि के रूप में सम्मानित करने का निर्णय लिया गया था. आगे की पंक्तियों में मनु भाकर और सरबजोत सिंह जैसे ओलंपिक पदक विजेता बैठे थे. ओलंपिक कांस्य विजेता हॉकी टीम के सदस्य, जिसमें कप्तान हरमनप्रीत सिंह और पीआर श्रीजेश भी शामिल थे, राहुल गांधी से आगे बैठे थे.
वहीं, प्रोटोकॉल के अनुसार लोकसभा में विपक्ष के नेता का दर्जा कैबिनेट मंत्री के बराबर होता है. उनको हमेशा आगे की पंक्ति में सीट दी जाती है. आगे की पंक्ति में भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, शिवराज सिंह चौहान, अमित शाह और एस जयशंकर बैठे थे.
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि पीएम मोदी "क्षुद्र मानसिकता" का प्रदर्शन करते हैं, जो लगातार उनके चरित्र के इस पहलू को उजागर करता है. उन्होंने एक्स पर पोस्ट किए एक वीडियो में कहा कि छोटी सोच वाले व्यक्तियों से महत्वपूर्ण कार्यों की उम्मीद करना व्यर्थ है. स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान राहुल गांधी को पांचवीं पंक्ति में रखने का मोदी का फैसला उनकी हताशा को दर्शाता है. लेकिन यह गांधी को लोगों की चिंताओं को संबोधित करने से नहीं रोकता है. हालांकि, यह कृत्य लोकतंत्र लोकतांत्रिक परंपराओं और विपक्ष के नेता के प्रति सम्मान की कमी को रेखांकित करता है.
श्रीनेत ने जोर देकर कहा कि विपक्ष के नेता का दर्जा कैबिनेट मंत्री के बराबर होता है. जबकि सरकार के मंत्री पहली पंक्ति में बैठते हैं. उन्होंने कहा कि न केवल राहुल गांधी को पांचवीं पंक्ति में रखा गया, बल्कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भी उसी पंक्ति में बैठाया गया. उन्होंने बैठने की व्यवस्था के लिए रक्षा मंत्रालय के औचित्य की आलोचना की, जिसमें दावा किया गया था कि इसका उद्देश्य ओलंपियनों को सम्मानित करना था.
उन्होंने सवाल किया कि अमित शाह, जेपी नड्डा, एस जयशंकर और निर्मला सीतारमण जैसे प्रमुख नेताओं को भी क्यों नहीं पहचाना गया. श्रीनेत ने कहा कि सरकार को जवाबदेह ठहराने और सार्वजनिक मुद्दों को उठाने के लिए विपक्ष के नेता का होना महत्वपूर्ण है. उन्होंने आरोप लगाया कि छोटी मानसिकता वाले ये लोग लोकतंत्र और उसकी परंपराओं की अवहेलना करते हैं.
उन्होंने आगे दावा किया कि मोदी और उनके मंत्री गांधी की पूछताछ से असहज हैं. चाहे राहुल गांधी पांचवीं पंक्ति में बैठें या पचासवीं पंक्ति में, वे हमेशा लोगों के नेता रहेंगे. आप ये शर्मनाक हरकतें कब बंद करेंगे?
छोटे मन के लोगों से बड़ी चीज़ों की उम्मीद करना बेमानी है
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) August 15, 2024
नेता प्रतिपक्ष @RahulGandhi को स्वतंत्रता दिवस के समारोह में पाँचवीं लाइन में बिठा कर नरेंद्र मोदी ने अपनी कुंठा ज़रूर दिखाई, लेकिन इससे राहुल गांधी को कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता है
नेता प्रतिपक्ष की रैंक कैबिनेट मंत्री की… pic.twitter.com/hS8B4ybApN