
राधाकृष्णन की जीत पर कांग्रेस का संदेश– विचारधारा की लड़ाई जारी
कांग्रेस ने उपराष्ट्रपति-निर्वाचित सी.पी. राधाकृष्णन को शुभकामनाएँ दीं और सरवेपल्ली राधाकृष्णन के लोकतांत्रिक मूल्यों पर दिए ऐतिहासिक संदेश को याद किया।
कांग्रेस पार्टी ने उपराष्ट्रपति-निर्वाचित सी.पी. राधाकृष्णन को शुभकामनाएँ दीं और स्वतंत्र भारत के पहले उपराष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के 1952 में राज्यसभा में दिए गए उस ऐतिहासिक वक्तव्य को याद किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि लोकतंत्र विपक्षी दलों को सरकार की नीतियों की निष्पक्ष, स्वतंत्र और स्पष्ट आलोचना की अनुमति नहीं देता, तो वह तानाशाही में बदल सकता है।
कहा और करके दिखाया – कांग्रेस
कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने कहा, सी.पी. राधाकृष्णन को शुभकामनाएँ देते हुए, जो अब भारत के नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति बने हैं, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की बुद्धिमत्ता को याद करती है। 16 मई, 1952 को राज्यसभा की पहली बैठक में उन्होंने कहा था: ‘मैं किसी दल से नहीं हूँ, इसका अर्थ है मैं इस सदन के हर दल का हूँ। मेरा प्रयास रहेगा कि मैं संसदीय लोकतंत्र की सर्वोच्च परंपराओं को बनाए रखूँ और हर दल के प्रति निष्पक्ष और न्यायपूर्ण रवैया अपनाऊँ। किसी के प्रति दुर्भावना नहीं, सभी के प्रति सद्भावना... लोकतंत्र तानाशाही में बदल सकता है यदि विपक्षी दलों को सरकार की नीतियों की निष्पक्ष, स्वतंत्र और स्पष्ट आलोचना करने की अनुमति न हो।’”
रमेश ने सोशल मीडिया मंच एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि डॉ. राधाकृष्णन ने केवल कहा ही नहीं, बल्कि “कहा और करके दिखाया” – अपने शब्दों को पूरी तरह आत्मसात किया।
राधाकृष्णन की जीत और विपक्ष की प्रतिक्रिया
एनडीए उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन ने उपराष्ट्रपति चुनाव में 452 वोट हासिल कर विपक्ष के उम्मीदवार बी. सुधर्शन रेड्डी (300 वोट) को बड़े अंतर से हराया। चुनाव परिणामों के बाद कांग्रेस ने कहा कि भाजपा की यह सांख्यिकीय जीत दरअसल नैतिक और राजनीतिक पराजय है। पार्टी का कहना था कि विपक्ष एकजुट रहा और सम्मानजनक प्रदर्शन किया।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राधाकृष्णन को विजय की शुभकामनाएं दीं, साथ ही न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बी. सुधर्शन रेड्डी को “संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार” के रूप में सिद्धांतवादी और जोशीली लड़ाई लड़ने के लिए धन्यवाद दिया।
कांग्रेस का दावा: विपक्ष का प्रदर्शन मजबूत
जयराम रमेश ने मंगलवार (9 सितंबर) को कहा था कि विपक्ष का प्रदर्शन काफी सम्मानजनक रहा।2025 के उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार को 40 प्रतिशत वोट मिले। जबकि 2022 के चुनाव में विपक्ष को केवल 26 प्रतिशत वोट मिले थे।रमेश के अनुसार, भाजपा की जीत केवल अंकगणितीय है, लेकिन वैचारिक लड़ाई अभी भी जारी है और यह “अविचल” है। कांग्रेस ने उपराष्ट्रपति-निर्वाचित राधाकृष्णन को शुभकामनाएँ दीं, वहीं लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा और विपक्ष की भूमिका पर जोर देते हुए डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के ऐतिहासिक शब्दों को आज की राजनीति से जोड़ा।