
कांग्रेस की अहम बैठक से नदारद रहे सांसद शशि थरूर, यात्रा को बताया गैरमौजूदगी की वजह
शशि थरूर ने संसद के शीतकालीन सत्र से पहले हुई कांग्रेस की रणनीतिक बैठक में हिस्सा नहीं लिया। उन्होंने इसकी वजह केरल से अपनी वृद्ध मां के साथ यात्रा करना बताया। यह घटना उनकी पहले की अनुपस्थितियों और प्रधानमंत्री मोदी की सार्वजनिक प्रशंसा के बाद पार्टी के भीतर बढ़ते तनाव को और गहरा करती है
संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से ठीक एक दिन पहले शशि थरूर और कांग्रेस के बीच मतभेद एक नए स्तर पर पहुंच गए। रविवार को सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस ने सत्र की रणनीति तय करने के लिए एक अहम बैठक की, लेकिन बैठक में थरूर नहीं पहुंचे।
थरूर ने स्पष्ट किया कि उन्होंने बैठक “जानबूझकर” नहीं छोड़ी। उनका कहना था कि बैठक के समय वे केरल से लौटते हुए हवाई जहाज़ में थे। उन्होंने कहा, “मैंने इसे नहीं छोड़ा था; मैं केरल से उड़ान में था।”
थरूर के कार्यालय ने भी कहा, “वे अपनी 90 वर्षीय मां के साथ यात्रा कर रहे थे, इसलिए समय पर दिल्ली पहुंचना संभव नहीं था।”
थरूर ने एक सोशल मीडिया पोस्ट को री-पोस्ट करते हुए इस बारे में बताया भी है।
कार्यालय ने यह भी बताया कि “कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल भी केरल में स्थानीय निकाय चुनाव अभियान के चलते बैठक में शामिल नहीं हो सके।”
पहले भी बैठकें छोड़ीं
इससे कुछ दिन पहले तिरुवनंतपुरम सांसद ने विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) मुद्दे पर कांग्रेस की बैठक बीमारी का हवाला देकर छोड़ दी थी, जबकि ठीक अगले दिन वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधित एक सरकारी कार्यक्रम में दिखाई दिए। इसे लेकर कई कांग्रेस नेताओं ने सवाल उठाए।
मोदी की तारीफ़ ने बढ़ाया विवाद
इस बीच थरूर ने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा कर विवाद को और हवा दे दी। कांग्रेस नेताओं ने उनकी कड़ी आलोचना की।
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने ANI से कहा, “शशि थरूर की समस्या यह है कि उन्हें देश के बारे में बहुत कम जानकारी है… अगर आपके अनुसार कांग्रेस की नीति के खिलाफ जाकर कोई देश के लिए अच्छा कर रहा है, तो फिर आप उन नीतियों का पालन करें। कांग्रेस में क्यों हैं? सिर्फ इसलिए कि आप सांसद हैं?”**
उन्होंने आगे कहा, “अगर आपको लगता है कि बीजेपी या प्रधानमंत्री मोदी की रणनीति कांग्रेस से बेहतर है, तो आपको स्पष्टीकरण देना चाहिए। नहीं दे रहे हैं, तो यह ढोंग है।”
कांग्रेस नेतृत्व से रिश्ते में खटास
खबरों के मुताबिक थरूर और कांग्रेस नेतृत्व के बीच तनाव उस समय से बढ़ता गया है जब उन्होंने अध्यक्ष पद के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ चुनाव लड़ा था।
तनाव तब और गहरा गया जब उनका नाम “ऑपरेशन सिंदूर” के लिए सुझाए गए नेताओं की सूची में शामिल नहीं किया गया।
इसके बावजूद प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें अमेरिका और अन्य अमेरिकी देशों के दौरे के लिए प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने को आमंत्रित किया। उनके हालिया बयान, जो प्रधानमंत्री के पक्ष में समझे गए, कांग्रेस में असहजता का कारण बने।
थरूर की हालिया टिप्पणियों और सोशल मीडिया पोस्टों ने पार्टी नेतृत्व के साथ उनके मतभेदों को और स्पष्ट कर दिया है।

