बजट 2025: वित्त मंत्री की मिडिल क्लास को बड़ी राहत, रक्षा और रेलवे पर ध्यान नहीं?
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बजट 2025: वित्त मंत्री की मिडिल क्लास को बड़ी राहत, रक्षा और रेलवे पर ध्यान नहीं?

Budget 2025: सीतारमण के बजट भाषण में "रक्षा" शब्द एक बार भी नहीं आया. पिछले कुछ वर्षों में, भारत में रक्षा उत्पादन और निर्यात में तेजी आई है. लेकिन इस बार किसी नई रक्षा योजना की घोषणा नहीं की गई.


Budget 2025-26: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बजट 2025-26 मिडिल क्लास को टैक्स पर राहत देने पर केंद्रित रहा. इसके साथ ही बजट में कृषि, लघु उद्योग, बिजनेस, कौशल विकास और मैन्युफैक्चरिंग को भी बढ़ावा देने के लिए कई घोषणाएं कीं गई थीं. हालांकि, मध्यम वर्ग पर विशेष ध्यान देने की वजह से पिछले बजटों में महत्वपूर्ण माने जाने वाले कुछ क्षेत्रों को इस बार नजर अंदाज कर दिया गया. इनमें रक्षा और रेलवे क्षेत्र प्रमुख हैं.

किन सेक्टर नहीं हुआ जिक्र

रक्षा क्षेत्र

सीतारमण के बजट भाषण में "रक्षा" शब्द एक बार भी नहीं आया. पिछले कुछ वर्षों में, भारत में रक्षा उत्पादन और निर्यात में तेजी आई है. लेकिन इस बार किसी नई रक्षा योजना की घोषणा नहीं की गई. हालांकि, रक्षा खर्च के लिए ₹6,81,210 करोड़ आवंटित किए गए हैं. जो कि पिछले पूर्ण बजट में घोषित ₹6.21 लाख करोड़ से थोड़ा अधिक है. इसकी वजह से रक्षा कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखने को मिली. Hindustan Aeronautics Limited (HAL), Bharat Dynamics, Bharat Electronics (BEL), Bharat Heavy Electricals (BHEL) के शेयर 6 फीसदी तक गिर गए. वहीं, Paras Defense and Space Technologies, Data Patterns और MTAR Technologies के शेयर 9% तक टूटे.

रेलवे को भी नहीं मिली कोई सौगात

रेलवे पर कोई नई योजना या बजट बढ़ोतरी की घोषणा नहीं की गई. रेलवे का बजट ॉ₹2.55 लाख करोड़ पर स्थिर रखा गया है. जो कि पिछले वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान के बराबर है. इसका असर रेलवे स्टॉक्स पर भी देखने को मिला. RVNL के शेयर 9% तक गिरे. Ircon, Texmaco, IRFC, Titagarh Rail और Jupiter Wagons के शेयर 5-7% तक टूटे.

पूंजीगत व्यय (Capex) पर प्रभाव

पूंजीगत व्यय (Capex) को बुनियादी ढांचे के विकास की रीढ़ माना जाता है. इस बार बजट में प्राथमिकता नहीं बना. सरकार ने पूंजीगत व्यय लक्ष्य को 10.08% बढ़ाकर ₹11.21 लाख करोड़ कर दिया है. लेकिन इस वर्ष के लिए लक्ष्य ₹10.18 लाख करोड़ कर दिया गया. जो पहले ₹11.11 लाख करोड़ था.

राज्यों को सब्सिडी वाला लोन में भी कमी

राज्यों को पूंजीगत व्यय बढ़ाने के लिए दिए जाने वाले सस्ते लोन में भी सुस्ती देखी गई. इससे बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की गति धीमी हो सकती है. सरकार ने पिछले 11 वर्षों में ₹54 लाख करोड़ का पूंजीगत व्यय किया है. जिसमें से ₹38 लाख करोड़ केवल COVID-19 के बाद खर्च किया गया.

निजी निवेश की सुस्ती चिंता का विषय

वित्त वर्ष 2025 में पूंजीगत व्यय कुल सरकारी खर्च का 23% होगा. जो 2004 के बाद सबसे अधिक है. हालांकि, निजी क्षेत्र का निवेश अब भी कमजोर बना हुआ है. जिससे सरकार के इन्फ्रास्ट्रक्चर खर्च का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है.

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