क्षमता से अधिक क्यों बेचे टिकट? NDLS भगदड़ मामले में दिल्ली HC की रेलवे को फटकार
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'क्षमता से अधिक क्यों बेचे टिकट?' NDLS भगदड़ मामले में दिल्ली HC की रेलवे को फटकार

Delhi High Court ने कहा कि यह केवल हालिया घटना तक सीमित नहीं है. इसने ट्रेन कोच में अधिकतम यात्रियों की संख्या और प्लेटफार्म टिकटों की बिक्री के संबंध में मौजूदा कानूनी प्रावधानों को लागू करने की मांग की है.


Stampede in delhi railway station: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में हुई लोगों की मौत के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई की. इस दौरान हाई कोर्ट ने रेलवे पर कड़ी टिप्पणी की और क्षमता से अधिक टिकट बेचने की पर सवाल उठाया. अब कोर्ट ने भारतीय रेलवे से जवाब मांगा है. इस मामले की अगली सुनवाई 26 मार्च को होगी. बता दें कि इस मामले को लेकर एक जनहित याचिका (PIL) में उठाए गए थे.

हाई कोर्ट ने रेलवे बोर्ड के उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों से इस बात पर विचार करने को कहा कि ऐसी घटनाओं को कैसे रोका जा सकता है? साथ ही अदालत ने रेलवे एक्ट को पूरी भावना के साथ लागू करने को कहा. इसके साथ ही कोर्ट ने रेलवे को प्लेटफार्म टिकटों की बिक्री और ट्रेन कोच में अधिकतम यात्रियों की संख्या के मुद्दों को ठीक करने का निर्देश दिया.

दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की बेंच ने कहा कि यह PIL केवल हालिया घटना तक सीमित नहीं है. इसने ट्रेन कोच में अधिकतम यात्रियों की संख्या और प्लेटफार्म टिकटों की बिक्री के संबंध में मौजूदा कानूनी प्रावधानों (रेलवे एक्ट की धारा 57 और 147) को लागू करने की मांग की है. धारा 57 के अनुसार, रेलवे प्रशासन को हर तरह के डिब्बे में अधिकतम यात्रियों की संख्या तय करनी चाहिए. जबकि धारा 147 के अनुसार, रेलवे स्टेशन पर प्रवेश के लिए प्लेटफार्म टिकट की जरूरत होती है.

बेंच की यह टिप्पणी सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के बयान के बाद आई, जो रेलवे की ओर से पेश हो रहे थे. उन्होंने कहा कि भगदड़ की रात 'अभूतपूर्व' स्थिति थी और अदालत को आश्वासन दिया कि PIL में उठाए गए मुद्दों पर 'सर्वोच्च स्तर' पर विचार किया जाएगा. वहीं, बेंच ने कहा कि अगर आप (रेलवे) कोच में यात्रियों की संख्या तय कर देते हैं तो फिर आप क्यों अधिक टिकट बेचते हैं. जबकि बेची गई टिकटों की संख्या उस तय की गई संख्या से अधिक क्यों होती है?

बेंच ने यह भी कहा कि अगर कानूनी प्रावधानों को ठीक से लागू किया जाता तो शायद भगदड़ जैसी घटनाओं से बचा जा सकता था. बता दें कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ में 18 लोगों की जान गई और 15 लोग घायल हुए. यह भगदड़ उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान हुई.

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