Delhi air pollution: प्रदूषण पर सख्त सुप्रीम कोर्ट, GRAP-4 की खामियों पर जताई चिंता
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Delhi air pollution: प्रदूषण पर सख्त सुप्रीम कोर्ट, GRAP-4 की खामियों पर जताई चिंता

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए निर्देश देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई फिर से शुरू की.


Delhi NCR air pollution: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर कम होने का नाम नहीं ले रहा है. अभी भी वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 'गंभीर' स्तर पर बना हुआ है. इसी वजह से दिल्ली ग्रैप-4 को लागू करना पड़ा. ग्रैप लागू होते ही दिल्ली में कई तरह के प्रतिबंध लागू हो गए. हालांकि, इन प्रतिबंधों को अच्छी तरह से लागू किया जा रहा है कि नहीं. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार से सुनवाई शुरू की.

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए निर्देश देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई फिर से शुरू की. इस सप्ताह की शुरुआत में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 'अति गंभीर' स्तर पर पहुंच गया था, जिसके कारण ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चरण 4 को लागू करना पड़ा था. इसके तहत ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया था और सार्वजनिक परियोजनाओं पर निर्माण कार्य को अस्थायी रूप से रोक दिया गया था.

हालांकि, पुलिस भारी वाहनों के राजधानी में प्रवेश के संबंध में GRAP चरण 4 प्रतिबंधों को लागू करने में विफल रही. शीर्ष अदालत ने सभी दिल्ली के 13 प्रमुख एंट्री प्वाइंट से CCTV कैमरा फुटेज की मांग की, जिससे कि यह सुनिश्चित किया जा सके कि क्या वास्तव में भारी वाहनों को प्रवेश की अनुमति दी गई थी?

सुप्रीम कोर्ट ने 13 वकीलों को 13 प्वाइंट का दौरा करने और सोमवार, 25 नवंबर से पहले एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए नियुक्त किया है. इसमें बताया जाएगा कि क्या दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड भारी वाहनों और हल्के वाणिज्यिक वाहनों (LCV) को अनुमति दी जा रही है, जो जरूरी वस्तुएं नहीं ले जा रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट सोमवार को इस मामले की सुनवाई करेगा.

वायु प्रदूषण पर इस सप्ताह की शुरूआत में हुई अंतिम सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सभी दिल्ली-एनसीआर राज्यों को निर्देश दिया कि वे प्रदूषण विरोधी GRAP 4 प्रतिबंधों को सख्ती से लागू करने के लिए तुरंत टीमें गठित करें, साथ ही यह स्पष्ट किया कि अगले आदेश तक प्रतिबंध जारी रहेंगे.

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि उसके लिए यह मान लेना बहुत मुश्किल है कि GRAP 4 के तहत प्रतिबंधित राष्ट्रीय राजधानी में ट्रकों का प्रवेश रोक दिया गया है. जस्टिस अभय एस ओका और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि हमारे लिए यह मान लेना बहुत मुश्किल है कि दिल्ली में ट्रकों का प्रवेश रोक दिया गया है. पीठ ने कहा कि वह केंद्र को दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश की जांच करने के लिए सभी 13 बिंदुओं पर पुलिस कर्मियों को तैनात करने और 25 नवंबर तक एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश देने का प्रस्ताव करती है, जब मामले की अगली सुनवाई होगी.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 18 नवंबर को कहा था कि यह सभी राज्यों का संवैधानिक कर्तव्य है कि वे सुनिश्चित करें कि सभी नागरिक प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहें और निर्देश दिया कि GRAP चरण 4 तब तक जारी रहे, जब तक AQI 450 से नीचे न आ जाए. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, रविवार को शाम 7 बजे तक दिल्ली का दैनिक औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) तेजी से बढ़कर 457 हो गया और सोमवार सुबह 9 बजे तक यह बढ़कर 485 'गंभीर' श्रेणी पर पहुंच गया.

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