Delhi air pollution: ‘गंभीर’ श्रेणी में AQI, CAQM ने स्कूलों के दिशा-निर्देशों में किया संशोधन
दिल्ली- एनसीआर में वायु प्रदूषण की स्थिति कई दिनों से 'अति गंभीर' श्रेणी में बनी हुई थी. इसमें अब थोड़ा सुधार होता हुआ दिखाई दे रहा है.
Delhi-NCR air pollution: दिल्ली- एनसीआर में वायु प्रदूषण की स्थिति कई दिनों से 'अति गंभीर' श्रेणी में बनी हुई थी. इसमें अब थोड़ा सुधार होता हुआ दिखाई दे रहा है. हालांकि, दिल्ली में अभी भी हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है. दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम में गुरुवार सुबह के समय धुंध की पतली चादर छाई रही. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, गुरुवार सुबह 6 बजे दिल्ली में AQI गंभीर श्रेणी में रहा. दिल्ली के आनंद विहार में (406), अशोक विहार (416), बवाना (419), द्वारका सेक्टर-8 (404), जहांगीरपुरी (437), मुंडका (416) और नेहरू नगर (410) रहा.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के बुलेटिन के अनुसार, बुधवार शाम 4 बजे दर्ज 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 419 रहा. जो मंगलवार को 444 था. वहीं, सोमवार को "अति गंभीर" श्रेणी में लगभग 500 को छू गया था. वहीं, अब केंद्र सरकार के प्रदूषण निगरानीकर्ता वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने बुधवार को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) को संशोधित किया. इसमें योजना के चरण 3 और 4 के तहत दिल्ली और एनसीआर जिलों में स्कूलों को बंद करना अनिवार्य कर दिया गया है. वहीं, इससे पहले इन उपायों को लागू करने का निर्णय राज्य सरकारों के विवेक पर छोड़ दिया गया था.
एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में सीएक्यूएम ने बुधवार को जीआरएपी में संशोधन किया. इसके तहत चरण 3 और 4 के तहत दिल्ली और एनसीआर के गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर जिलों में स्कूलों को बंद करना अनिवार्य कर दिया गया. जीआरएपी के चरण 3 के तहत एक अतिरिक्त निर्देश के तहत अब राज्य सरकारों को दिल्ली और उक्त एनसीआर जिलों में सार्वजनिक कार्यालयों और नगर निकायों के समय में बदलाव करने की आवश्यकता है.
आदेश के अनुसार, अन्य एनसीआर जिलों के लिए कार्यालय समय पर निर्णय संबंधित राज्य सरकारों के विवेक पर है. पिछले दिशा-निर्देश पहले चरण 3 के तहत, राज्य सरकारें यह तय कर सकती थीं कि कक्षा 5 तक के छात्रों के लिए ऑफलाइन कक्षाएं रोकनी हैं या नहीं और ऑनलाइन शिक्षा में बदलाव करना है या नहीं. इसी तरह चरण 4 के तहत, उनके पास कक्षा 6 से 9 और 11 के छात्रों के लिए व्यक्तिगत रूप से कक्षाएं बंद करने का विकल्प था. हालांकि, संशोधित GRAP अब दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर के लिए इन उपायों को अनिवार्य बनाता है. जबकि अन्य एनसीआर जिलों को निर्णय लेने की छूट देता है.
सुप्रीम कोर्ट की CAQM को फटकार
बता दें कि इस सप्ताह की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने GRAP के चरण 3 और 4 के कार्यान्वयन में देरी के लिए CAQM को फटकार लगाई और अगले आदेश तक पूरे एनसीआर में स्कूलों को बंद करने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने CAQM को चरण 3 और 4 के तहत सख्त उपाय अपनाने का भी निर्देश दिया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कार्यान्वयन अब स्थानीय अधिकारियों के विवेक पर न छोड़ा जाए.