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DGCA में 50 % स्टाफ की कमी का संकट, क्या ऐसे होगी देश में हवाई सुरक्षा?

2025 के जून महीने में अहमदाबाद में एयर इंडिया का विमान AI 171 दुर्घटना का शिकार हुआ था जिसमें 241 लोगों की जान चली गई थी. इतने बड़े हादसे के बाद भी डीजीसीए अपनी आधी क्षमता के साथ काम कर रहा है.


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देश में हवाई उड़ान की सुरक्षा की जिम्मेदारी एविशन सेक्टर की रेगुलेटर डीजीसीए (Directorate General of Civil Aviation) पर है. लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय यानी डीजीसीए अपनी कुल क्षमता के आधे से भी कम स्टाफ के साथ काम कर रहा है. ये खुलासा संसद में पूछे गए सवाल पर सरकार की ओर से दिए गए जवाब के बाद सामने आया है. डीजीसीए (DGCA) में कुल स्वीकृत पद (Santioned Posts) 1630 हैं जिसमें से 829 पद ही केवल भरे हुए हैं. हालांकि कम वर्कफोर्स के बावजूद हवाई सुरक्षा जांच और निगरानी पर पड़ने वाले असर को लेकर सरकार ने सफाई दी है कि इससे कोई असर नहीं पड़ा है.

DGCA में वर्कफोर्स में कमी पर सरकार से सवाल

दरअसल शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा में प्रश्नकाल में नागरिक उड्डयन मंत्रालय से सांसद अशोक कुमार मित्तल ने पूछा कि डीजीसीए के 50% से कम क्षमता पर काम करने को सवाल पूछा. उन्होंने सवाल किया कि, बढ़ती हवाई यात्राओं और सुरक्षा खतरे के बावजूद DGCA इतने समय से 50% से कम क्षमता पर क्यों काम कर रहा है? कर्मचारियों की कमी का असर एयरलाइन जांच, सुरक्षा ऑडिट और कार्रवाई पर क्या पड़ा है? DGCA को ICAO के अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप लाने के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए हैं, और स्टाफ की कमी का अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों पर क्या असर हुआ है? और क्या DGCA को मजबूत और सक्षम बनाने के लिए लंबी अवधि में सरकार की कोई योजना है?

50 फीसदी वर्कफोर्स के साथ काम कर रहा DGCA

इन सवालों का लिखित में जवाब देते हुए नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री मुरलीधर मोहोळ ने कहा, DGCA लंबे समय से अपनी क्षमता के आधे से भी कम स्टाफ के साथ काम कर रहा है लेकिन स्टाफ की भारी कमी के बावजूद DGCA की सुरक्षा जांच प्रभावित नहीं हुई है. मुरलीधर मोहोळ ने बताया कि DGCA में कुल 1630 स्वीकृत पदों में से केवल 829 ही भरे हुए हैं.

सरकार ने सदन को बताया, DGCA के पुनर्गठन के तहत पिछले तीन वर्षों में 441 नए पद बनाए गए हैं. उन्होंने कहा कि कम स्टाफ के बावजूद DGCA हर साल अपनी निगरानी और निरीक्षण योजनाओं को नियमित रूप से लागू कर रहा है और ये योजनाएँ वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है.

वैकेंसी के बाद भी ज्वाइन नहीं कर रहे लोग

नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री ने बताया कि, DGCA में ग्रुप A अधिकारियों की भर्ती UPSC (Union Public Services Commission) से और ग्रुप B और C की SSC (Staff Selection Commission) से होती है. सरकार सभी भर्ती प्रक्रियाओं को तेज़ी से पूरा करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने बताया, कई बार विज्ञापन देने के बावजूद कम लोगों का आवेदन करना, चुने गए उम्मीदवारों का जॉइन न करना, या प्रमोशन के लिए योग्य उम्मीदवारों का ना होना जैसी वजहों से पद खाली रह जाते हैं. ऐसी परिस्थिति में जरूरत पड़ने पर अस्थायी या संविदा कर्मचारियों (contract) की भर्ती की जाती है. मुरलीधर मोहोळ ने बताया कि, तकनीकी स्टाफ की कमी दूर करने, उनके प्रशिक्षण को बढ़ाने और भविष्य की योजना बनाने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं.

सरकार बोली - वर्कफोर्स बढ़ाने की हो रही कोशिश

सरकार ने सदन को बताया कि तकनीकी स्टाफ बढ़ाने, कर्मचारियों के प्रशिक्षण और DGCA की दीर्घकालिक क्षमता को मजबूत करने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि संस्था अंतरराष्ट्रीय विमानन मानकों (International Civil Aviation Organisation) के अनुरूप काम कर सके.

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