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संसद की स्थाई समिति ने DGCA, BCAS और AAI में खाली पड़े पदों पर जताई चिंता

DGCA में 53% पद है खाली, कैसे होगा देश में एयर ट्रैवल सेफ? संसदीय समिति ने जताई वेकैंसी पर चिंता

देश में एयर ट्रैवल ने जोरदार उछाल देखा जा रहा है. इसके बावजूद एविएशन सेक्टर की रेगुलेटर डीजीसीए में 50 फीसदी पद खाली पड़ा है . यही हाल BCAS और AAI का जिसे लेकर संसदीय समिति ने चिंता जाहिर की है.


अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरते ही में एयर इंडिया का विमान AI171 बोइंग 787 ड्रीमलाइनर, हादसे का शिकार हो गया जिसमें 280 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. इस विमान के दुर्घटना होने के साथ ही देश में एविएशन सिक्योरिटी को लेकर सवाल उठने लगे हैं. लेकिन देश में नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर सरकार कितनी गंभीर है इसकी बानगी ट्रांसपोर्ट, टूरिज्म और कल्चर से जुड़ी संसद की स्थाई समिति की रिपोर्ट से मिलती है. कमिटी ने इसी वर्ष बजट सत्र के दौरान 25 मार्च 2025 को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय को लेकर संसद में रिपोर्ट पेश की है. अपनी रिपोर्ट में कमिटी ने एविएशन क्षेत्र की रेगुलेटर डीजीसीए और उसकी ऑपरेशनल बॉडी में भारी संख्या में खाली पड़े पदों को लेकर बेहद गंभीर चिंता जताई है.

ऐसे होगी हवाई यात्रा की सुरक्षा?

संसद की स्थाई समिति ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय से लिखित में मिनिस्ट्री के अधीन कुल मंजूर पदों और वैकेंसी को लेकर सवाल पूछा. जिसके जवाब में मंत्रालय ने DGCA, BCAS, और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया में खाली पड़े पदों को लेकर जो रिपोर्ट सौंपी वो हैरान करने वाला है. मंत्रालय ने बताया कि, डीजीसीए (DGCA) में कुल मंजूर पद 1633 है लेकिन इसमें 50 फीसदी से भी ज्यादा 879 पद खाली पड़ा है. BCAS यानी ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी में कुल मंजूर पद 598 है जिसमें 208 पद खाली पड़े हैं. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया में कुल मंजूर पद 19,269 है जिसमें 3265 पद खाली पड़ा है.

संसद की स्थाई समिति ने खाली पदों पर जताई चिंता

संसद की स्थाई समिति ने गहरी चिंता जताते हुए कहा, देश की प्रमुख विमानन एजेंसियों जैसे डीजीसीए, BCAS यानी नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया में बहुत सारे पद खाली पड़े हैं. DGCA, जो उड़ानों की सुरक्षा और नियमों की निगरानी करता है, वहां 53% से ज्यादा पद खाली हैं. समिति ने कहा, इससे यह चिंता पैदा होती है कि डीजीसीए अपनी जिम्मेदारियां कैसे ठीक से निभा पाएगा.

रिपोर्ट में समिति ने कहा, BCAS, जो हवाई अड्डों की सुरक्षा देखता है, वहां भी करीब 35% पद खाली है. इससे एयरपोर्ट्स की सुरक्षा कमजोर हो सकती है. तो एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया जो हवाई अड्डों का संचालन और एयर ट्रैफिक कंट्रोल को संभालता है, उसमें भी करीब 17 फीसदी यानी 3,200 से ज्यादा पद खाली है. इससे एयरपोर्ट्स का ऑपरेशन से लेकर हवाई अड्डों के विकास पर असर पड़ सकता है. समिति ने कहा, अगर इन एजेंसियों में स्टाफ की कमी बनी रही, तो विमानन क्षेत्र की सुरक्षा, सेवा और मानक कमजोर हो सकते हैं, खासकर तब जब देश में एयर ट्रैवल में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है.

संसदीय समिति ने जल्द पदों को भरने को कहा

संसदीय समिति ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय से कहा है कि वह जल्दी से जल्दी इन पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू करे, ताकि सुरक्षा और संचालन में कोई परेशानी न हो. साथ ही, मंत्रालय को आगे के लिए एक ठोस योजना बनानी चाहिए ताकि जरूरत के मुताबिक कर्मचारियों की संख्या बनी रहे.

भारत झेल चुका है विमान हाईजैक भी

एयर इंडिया का विमान AI171 हादसे का शिकार हो गया. बोइंग के इस 787 ड्रीमलाइनर विमान में सवार 242 लोगों में 241 की मौत हो गई जिसमें 12 क्रू मेंबर और पायलट शामिल थे. भारत में इससे पहले भी कई विमान दुर्घटनाएं हुई हैं. लेकिन ये खाली पड़े पद एयर ट्रैवल को सुरक्षित बनाने को लेकर सरकार की उदासीनता को दिखाता है. ये तो बात हुई विमान दुर्घटना की. लेकिन कई आतंकी हमले झेलने वाले भारत में विमान हाईजैक भी हो चुका है.

करीब 26 साल पहले 24 दिसंबर 1999 को हरकत-उल-मुजाहिदीन के पांच आतंकियों ने इंडियन एयरलाइंस की IC 814 एयरबस 300 जो काठमांडू से दिल्ली आ रहा था उसके भारतीय एयरस्पेस में घुसते ही विमान में सवार आतंकियों ने हाईजैक कर लिया. विमान में 179 यात्री के अलावा पायलट समेत 11 लोग सवार थे. इस विमान को आतंकी अमृतसर, लाहौर और फिर दुबई ले गए. फिर आतंकी विमान को अफगानिस्तान के कंधार ले गए. तीन दिनों तक चले वार्ता के बाद भारत को तीन आतंकियों को रिहा करना पड़ा जिसमें मसूद अजहर भी शामिल है जिसके बाद बंधक बने यात्रियों को छुड़ाया जा सका था.

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