नीट यूजी परीक्षा में संदेह के सवाल हैं कायम, जवाब कब मिलेगा ?
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नीट यूजी परीक्षा में संदेह के सवाल हैं कायम, जवाब कब मिलेगा ?

देश भर में इन दिनों नीट यूजी परीक्षा को लेकर कई तरह के सवाल जवाब चल रहे हैं. आलम ये है कि इस परीक्षा का आयोजन कराने वाली संसथान एनटीए सवालों के घेरे में है और उस पर जो संदेह के बदल छाए हैं


NEET UG RESULT CONTROVERY: देश भर में इन दिनों नीट यूजी परीक्षा को लेकर कई तरह के सवाल जवाब चल रहे हैं. आलम ये है कि इस परीक्षा का आयोजन कराने वाली संसथान एनटीए सवालों के घेरे में है और उस पर जो संदेह के बदल छाए हैं, वो छंटने का नाम नहीं ले रहे हैं, फिर चाहे एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट के सामने उन सभी 1563 छात्रों की दोबारा परीक्षा करवाने की बात कही हो, जिन्हें ग्रेस मार्क्स दिए गए थे. आखिर सवाल हो नभी क्यों न जब देश के 24 लाख छात्र-छात्राओं ने इस परीक्षा में भाग लिया हो और परिणाम आने पर एक नहीं अनेकों संदेहास्पद परिस्थितियां पैदा हो गयी हों.

दरअसल, नीट परीक्षा में पेपर लीक जैसे गंभीर आरोप लगे हैं. यहाँ तक कि अलग राज्यों की पुलिस ने अलग गंग पकड़े हैं, जिनमें से कुछ में पेपर लीक जैसे गंभीर आरोप सामने आये हैं, तो किसी में अभ्यर्थियों से 10-10 लाख रूपये के एवज में परीक्षा पास कराने की गारंटी. कुछ उम्मीदवार तो ऐसे भी पाए गए हैं, जो परीक्षा देने के लिए लगभग 1000 किलोमीटर दूर दूसरे प्रदेश में गए. इतना ही नहीं कुछ राज्यों की पुलिस ने ये भी दावा किया है कि एनटीए की तरफ से जाँच में पूरी तरह से सहयोग नहीं किया जा रहा है, जैसे एनटीए से बिहार पुलिस ने नीट परीक्षा के मूल प्रशन पत्र माँगा, जो अभी तक भी एनटीए की तरफ से उपलब्ध नहीं कराया गया है. दरअसल बिहार पुलिस ने जो गैंग पकड़ा, उसके पास से एक जला हुआ परशान पत्र मिला है, उसी के मिलान के लिए पुलिस ने मूल प्रश्न पत्र माँगा है.

इसके अलावा गुजरात पुलिस ने जो गैंग पकड़ा, उसने ये दावा किया था कि वो नीट परीक्षा पास करवा देगा और इसके बदले में उसने एक परीक्षार्थी से 10 लाख रूपये वसूले. गुजरात पुलिस का भी यही कहना है कि एनटीए से जाँच में सहयोग नहीं मिल रहा है.

हम ऐसे ही पांच सवाल आपके सामने रख रहे हैं, जो इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि नीट यूजी परीक्षा में सब कुछ ठीक नहीं रहा है.

1 किस आधार पर दिए गए ग्रेस मार्क्स - नीट परीक्षा में जो बात सबसे ज्यादा चर्चा में आई वो रही ग्रेस मार्क्स. इस बार की परीक्षा में एक - दो नहीं बल्कि 1563 छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए, जो चौकाने वाला आंकड़ा है. एनटीए ने इसके पीछे तर्क दिया कि जिन छात्रों का समय परीक्षा केंद्र की व्यवस्था की वजह से बर्बाद हुआ, उसकी पूर्ति के लिए ये ग्रेस मार्क्स दिए गए, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में परीक्षार्थियों को व्यवस्था के चलते हुए नुक्सान की भरपाई के लिए कहा गया था. जबकि हकीकत ये है कि सुप्रीम कोर्ट ने ये निर्णय सीएलएटी परीक्षा के लिए दिया था, जो ऑनलाइन परीक्षा है, जबकि नीट ऑफ लाइन परीक्षा है. सवाल ये भी उठ रहे हैं कि आखिर कैसे और किसके कहने पर ये किया गया? क्या गवर्निंग बॉडी की इजाजत ली गयी.

एनटीए के इस जवाब पर जो सवाल खड़े होते हैं, उसमें सबसे पहला नम्बर आता है हरियाणा के झज्जर के उस स्कूल की प्रिंसिपल का ये दावा कि उनके यहाँ जो परीक्षा केंद्र था, वहा पर किसी एक भी छात्र का समय व्यवस्था की वजह से बर्बाद नहीं हुआ था. हरियाणा के झज्जर में हरदयाल पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल अंशु यादव ने कहा कि उनके यहां 504 छात्रों ने परीक्षा दी, किसी का एक मिनट बर्बाद नहीं हुआ. अब सवाल उठता है कि आखिर किसके कहने पर इस केंद्र के परीक्षार्थियों को ग्रेस मार्क्स दिए गए. क्या एनटीए ने ऐसा करने से पहले गवर्निंग बॉडी की इजाजत ली थी.

2- गुजरात पुलिस के खुलासे चौकाने वाले: गुजरात की गोधरा पुलिस ने एक गैंग का भंडाफोड़ किया, जिसने ये खुलासा किया कि उसने नीट यूजी परीक्षा पास कराने के नाम पर छात्रों से 10-लाख रूपये वसूले. पुलिस को इस गैंग के पास से दो करोड़ 30 लाख रूपये के चेक मिले हैं. इसके अलावा गैंग के मुखिया ने पुलिस को बताया कि उसने 16 छात्रों से 10-10 लाख रूपये लिए थे, जिसके बाद गोधरा के झालाराम स्कूल में सबका सेंटर डलवाया गया. यहाँ सबसे ज्यादा चौकाने वाली बात ये है कि जिन छात्रों को गैंग ने परीक्षा दिलवाई उनमें 10 छात्र ऐसे हैं जो बिहार, झारखण्ड और ओडिशा के रहने वाले हैं. यानी परीक्षा केंद्र से कम से कम 1000 किलोमीटर दूर. जबकि नियमत: छात्र 100 से 150 किलोमीटर दूर तक परीक्षा केंद्र चुन सकते हैं. यहाँ सवाल ये उठता है कि आखिर कैसे इतनी दूर परीक्षा केंद्र डाला गया? क्या परीक्षार्थियों ने अपने गलत पते फॉर्म में भरे थे या फिर किसी मिलीभगत से ऐसा हुआ? गुजरात पुलिस का ये भी कहना है कि एनटीए से जाँच से जुड़ कुछ पहलुओं पर सपष्टीकरण माँगा गया है, साथ ही कुछ दस्तावेज, जानकारी भी ताकि सभी सवालों के उत्तर मिल सकें, लेकिन अभी तक ऐसा कुछ हुआ नहीं.

3- बिहार गैंग में किया पेपर लीक का दावा - बिहार पुलिस ने जिस गैंग का भंडाफोड़ किया, उससे पुलिस को ये जानकारी मिली की परीक्षा से 4 घंटे पहले प्रश्नपत्र उनके पास आ चुका था. पुलिस ने 4 परीक्षार्थियों को गिरफ्तार किया. पुलिस का दावा है कि चारों ने ये खुलासा किया है कि उन्हें 5 मई की सुबह 10 बजे से ही प्रशनपत्र के जवाब रटाना शुरू कर दिए गए थे. गैंग के पास पेपर आ गया था, जिसके बाद उसका प्रिंटआउट लिया गया और फिर जवाब रटाने शुरू किये गये.

पुलिस का कहना है कि इस केस में एक जला हुआ प्रश्नपत्र और एक ही सीरियल नम्बर की तीन कॉपी बरामद की गयी हैं. इस आधार पर पेपर लीक का केस दर्ज किया गया है. एनटीए से मूल प्रशनपत्र की मांग की गयी है लेकिन अभी तक मिला नहीं है?

4 - लास्ट डेट निकलने के बाद एक दिन के लिए रजिस्ट्रेशन विंडो क्यों खोली गयी - नीट यूजी परीक्षा के लिए आवेदन की पहली समय सीमा 9 मार्च तक की थी, जिसके बाद इस तारीख को एक हफ्ते के लिए और बढ़ा दिया गया. 16 मार्च को आवेदन समाप्त कर दिए गए. लेकिन लगभग एक महीने बाद 9 अप्रैल को सिर्फ 24 घंटे के लिए आवेदन फिर से खोल दिए गए. अब सवाल ये उठता है कि ऐसा क्यों और किसके कहने पर किया गया? क्या ये बताया जा सकता है कि जिन छात्रों ने 9 अप्रैल को आवेदन किया था, उनका परिणाम क्या रहा?

5 - काउन्सलिंग के लिए इतनी जल्द बाजी क्यों - नीट यूजी परीक्षा को लेकर छात्रों और अभिभावकों की एक बड़ी संख्या में असंतोष है. उनके मन में कई सवाल है, जो संदेह पैदा कर रहे हैं. अधिकतर सवाल परिस्थिति को देखते हुए हैं. इसलिए वो लोग मांग कर रहे हैं कि काउन्सलिंग पर रोक लगायी जाए. उनका ये भी कहना है कि इतने बड़े विवाद के पैदा होने के बाद भी एनटीए को खुद से ही नीट परीक्षा की काउन्सलिंग को कुछ समय के लिए स्थगित कर देना चाहिए था, लेकिन वो ऐसा नहीं कर रहे हैं. काउन्सलिंग की तारीख 6 जुलाई की रखी गयी है, जबकि सुप्रीम कोर्ट में 8 जुलाई की तारीख है. दो दिन के लिए काउंसलिंग टाली जा सकती है और ये देखा जा सकता है कि आखिर सुप्रीम कोर्ट क्या रुख अपनाता है .

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