डॉ. मनमोहन सिंह: भारत के आर्थिक और सामाजिक बदलाव के महानायक
डॉ मनमोहन सिंह की जब भी बात आती है तो 1991 में देश में आये आर्थिक संकट को भी याद किया जाता है, जिसे दूर करने में मनमोहन सिंह ने जो भूमिका निभाई वो संकट मोचन से कम नहीं थी।
Dr Manmohan Singh Demise : डॉ. मनमोहन सिंह, जिन्हें आधुनिक भारत के आर्थिक बदलावों के वास्तुकार के रूप में जाना जाता है, ने अपने कार्यकाल में कई ऐतिहासिक फैसले लिए, जो देश की दिशा और दशा बदलने में मील का पत्थर साबित हुए। चाहे 1991 में पी.वी. नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री के रूप में आर्थिक सुधारों की शुरुआत हो या 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहते हुए ऐतिहासिक योजनाओं का कार्यान्वयन—डॉ. मनमोहन सिंह ने हर भूमिका में अपने कुशल नेतृत्व का परिचय दिया।
आर्थिक सुधारों का युग: 1991 का ऐतिहासिक बदलाव
1991 में, जब भारत गहरे आर्थिक संकट का सामना कर रहा था, डॉ. मनमोहन सिंह ने उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण (LPG) की नीतियों को लागू कर देश की अर्थव्यवस्था को बचाया। इन सुधारों ने भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ जोड़ा और देश में व्यापार, उद्योग और विदेशी निवेश के नए द्वार खोले।
प्रधानमंत्री के रूप में ऐतिहासिक फैसले
डॉ. मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री रहते हुए समाज के सभी वर्गों को सशक्त बनाने के लिए कई क्रांतिकारी योजनाएं शुरू कीं।
1. कृषि ऋण माफी (2008)
कृषि संकट के दौरान, जब किसान कर्ज के दबाव में आत्महत्या कर रहे थे, यूपीए सरकार ने 60,000 करोड़ रुपये की कृषि ऋण माफी योजना लागू की। इस कदम से लाखों किसानों को राहत मिली और कृषि क्षेत्र को एक नई दिशा मिली।
2. राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (नरेगा)
2005 में शुरू की गई यह योजना ग्रामीण भारत के लिए वरदान साबित हुई। हर ग्रामीण परिवार को 100 दिन का रोजगार सुनिश्चित करने वाले इस अधिनियम ने न केवल बेरोजगारी कम की, बल्कि गांवों के बुनियादी ढांचे में भी सुधार किया।
3. आधार और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी)
सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे लोगों तक पहुंचाने के लिए आधार कार्ड और डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) प्रणाली की शुरुआत की गई। इससे न केवल सरकारी सब्सिडी में पारदर्शिता आई, बल्कि भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगी।
4. सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI)
2005 में लागू किए गए सूचना का अधिकार अधिनियम ने नागरिकों को सरकारी संस्थानों से जानकारी मांगने का अधिकार दिया। इस कानून ने शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा दिया।
डॉ. मनमोहन सिंह का दृष्टिकोण
डॉ. सिंह का मानना था कि आर्थिक विकास का उद्देश्य केवल संख्याओं में वृद्धि नहीं है, बल्कि समाज के हर तबके तक इसका लाभ पहुंचाना है। उनके द्वारा शुरू की गई योजनाओं ने यह सुनिश्चित किया कि समाज के कमजोर वर्ग भी विकास की मुख्यधारा से जुड़ सकें।
एक प्रेरणा देने वाला व्यक्तित्व
डॉ. मनमोहन सिंह ने अपनी सरलता और दूरदर्शी सोच से भारतीय राजनीति में एक अलग छवि बनाई। उनकी नीतियों का असर आज भी देश की अर्थव्यवस्था और समाज पर साफ दिखता है। डॉ. सिंह की उपलब्धियां सिर्फ उनकी योजनाओं तक सीमित नहीं हैं; वे भारत की सोच और दृष्टिकोण को बदलने वाले एक सच्चे नेता के रूप में हमेशा याद किए जाएंगे।
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