पड़ोसियों से समस्या होती ही है, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने क्यों कही यह बात
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पड़ोसियों से समस्या होती ही है, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने क्यों कही यह बात

विदेश मंत्री डॉ एस जयशकंर ने कहा कि पड़ोसियों से परेशानी सार्वभौमिक सत्य है। आप दुनिया के किसी भी देश को देख सकते हैं।


Dr S Jaishankar: भारत के पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी कहा करते थे कि आप दोस्त को बदल सकते हैं। लेकिन पड़ोसी नहीं बदल सकते। अब अगर आपका पड़ोसी दोस्ताना व्यवहार रखे तो सोने पर सुहागा। लेकिन पड़ोसी अशांत हो उसकी वजह से परेशानियों का अंबार। यह वो सच्चाई है जिसे आप चाहें या ना चाहें स्वीकार करना ही होगा। एक किताब के विमोचन के दौरान विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने खास बात कही। उन्होंने कहा कि पड़ोसियों से समस्या होती ही है। आप दुनिया का कोई एक मुल्क बता दो जिसका अपने पड़ोसी से किसी तरह का विवाद नहीं है। इस परेशानी को आप खत्म नहीं कर सकते। यह एक सतत प्रक्रिया है जिसमें आपको सतर्क रहना होगा। वैश्वित समीकरणों के हिसाब से निर्णय लेने पड़ते हैं।

पड़ोसी से परेशानी

विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा कि ऐसी सूरत में जब कोई कहता है कि बांग्लादेश में यह हो रहा है, मालदीव में वो हो रहा है तो उसे समझना चाहिए कि कुछ अनोखी बात नहीं है। जिस पड़ोसी के साथ आप के गहरे ताल्लुकात है उस सूरत में बड़ी समस्याओं का आप सामना कर सकते हैं।

पाकिस्तान को लेकर दो टूक

विदेश मंत्री ने पाकिस्तान के मुद्दे पर भी बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि अब बातचीत का दौर समाप्त हो चुका है। पाकिस्कतान की तरफ से जो भी सकारात्मक या नकारात्मक जवाब आएंगे उसी तरह से जवाब दिया जाएगा। हर क्रिया की प्रतिक्रिया होती है। अगर जम्मू कश्मीर को देखें तो अनुच्छेद 370 अस्तित्व में नहीं है। जहां तक पाकिस्तान की बात है तो भारत का स्पष्ट मानना है कि आतंकवाद मूल अड़चन है और उसके बारे में उन्हें सोचना होगा। पाकिस्तान के साथ खराब रिश्ते के लिए इमरान खान सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि ये समस्या है कि 2019 के बाद इमरान सरकार की तरफ से ऐसे कदम उठाए गए जिसकी वजह से दोनों मुल्कों के रिश्ते प्रभावित हुए। भारत की तरफ से कुछ नहीं किया गया उनकी तरफ से नकारात्मक माहौल बनाया गया। जहां तक बात बांग्लादेश की है कि तो उनसे भी रिश्ते एक जैसे नहीं रहे। संबंधों में उतार चढ़ाव आते रहे हैं। लेकिन खास बात यह है कि हमें आपसी हितों का ध्यान रखना होगा।
पड़ोसी देशों से भारत के रिश्ते
भारत के कुल सात पड़ोसी देश हैं जिनमें चीन, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव, पाकिस्तान और अफगानिस्तान है। इनमें से नेपाल, भूटान, श्रीलंका, मालदीव के साथ संबंध बेहतर रहे हैं। हालांकि अब बदलते समय के साथ भूटान को छोड़कर सभी पड़ोसियों से खट्टे मीठे अनुभव है। लेकिन चीन और पाकिस्तान दो ऐसे मुल्क रहे जिनसे अनुभव अच्छा नहीं रहा। चीन ने जहां 1962 की लड़ाई लड़ी वहीं पाकिस्तान ने 1965, 1971 और 1999 में लड़ाई लड़ी। पाकिस्तान की तरफ से आतंकवाद के रूप में क्षद्म लड़ाई कभी नहीं रुकी। चीन के साथ मैक्मोहन लाइन ने भारत के साथ सीमा निर्धारित की। लेकिन चीन की तरफ से भारतीय इलाकों में घुसपैठ की कोशिश होती रहती है। डोकलाम और गलवान उसके उदाहरण है।
इसी तरह पाकिस्तान की तरफ से पहले जम्मू-कश्मीर के घाटी वाले इलाके को अशांत करने की कोशिश की गई। अब जह वहां शांति है तो जम्मू के इलाके में घुसपैठ की कोशिश होती रहती है। भारत सरकार ने कहा है कि हम अपने सभी पड़ोसियों से बेहतर संबंध चाहते हैं कि लेकिन उस तरह का भाव पड़ोसी मुल्कों की भी तरफ से भी नजर आना चाहिए।
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