
गड़बड़ी या साज़िश? राहुल गांधी के वार पर चुनाव आयोग ने दिये दो विकल्प
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर 1 लाख से अधिक फर्जी वोट जोड़ने का आरोप लगाया। EC ने दो विकल्प दिए: शपथपत्र पर हस्ताक्षर करें या देश से माफ़ी मांगें।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा कर्नाटक में लोकसभा चुनाव के दौरान मतदाता सूची में गड़बड़ी का दावा करने के एक दिन बाद चुनाव आयोग (EC) ने शुक्रवार, 8 अगस्त को तीखी प्रतिक्रिया दी। आयोग ने राहुल से कहा कि या तो वह 1960 के मतदाता पंजीकरण नियमों के तहत नियम 20(3)(b) के अनुसार शपथपत्र पर हस्ताक्षर करें या फिर देश से माफ़ी मांगें।
EC सूत्रों ने ANI के हवाले से कहा, अगर राहुल गांधी को अपने विश्लेषण पर विश्वास है और उन्हें लगता है कि चुनाव आयोग पर लगाए गए उनके आरोप सही हैं, तो उन्हें घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर करने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। अगर वह हस्ताक्षर नहीं करते हैं, तो इसका अर्थ है कि उन्हें अपने ही विश्लेषण और आरोपों पर विश्वास नहीं है। ऐसे में उन्हें देश से माफ़ी मांगनी चाहिए। चुनाव आयोग के एक सूत्र ने आगे कहा, “इसलिए उनके पास दो ही विकल्प हैं या तो शपथपत्र पर हस्ताक्षर करें या फिर देश से माफ़ी मांगें।
राहुल गांधी का EC पर बड़ा आरोप: BJP के साथ मिलकर 'चुनाव चोरी'
गुरुवार को राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि चुनाव आयोग और बीजेपी मिलकर भारत में चुनाव प्रक्रिया को व्यवस्थित रूप से प्रभावित कर रहे हैं। उन्होंने इसे "काले और सफेद में प्रमाण" बताते हुए बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र से डेटा प्रस्तुत किया।
कांग्रेस द्वारा छह महीने तक की गई फिजिकल वेरिफिकेशन के आधार पर राहुल ने दावा किया कि उन्होंने 1,00,250 फर्जी वोटरों की पहचान की है, जिन्हें पांच श्रेणियों में बांटा गया:
डुप्लीकेट वोटर पंजीकरण:
11,965 लोग कई बूथों पर वोटर के रूप में पंजीकृत पाए गए। उदाहरण के लिए, गुरकीरत सिंह डंग चार अलग-अलग बूथों में पंजीकृत थे, जबकि आदित्य श्रीवास्तव कर्नाटक, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश की विभिन्न सीटों पर पंजीकृत थे।
फर्जी और अमान्य पते:
राहुल के अनुसार, 40,009 मतदाता ऐसे पते पर पंजीकृत पाए गए जो फर्जी या अमान्य थे। एक छोटे एक-कमरे के फ्लैट पर 80 वोटर पंजीकृत थे, जबकि 68 वोटर एक ब्रुअरी 153 बीयर क्लब के पते पर दर्ज थे।
बल्क रजिस्ट्रेशन
एक ही पते पर बड़ी संख्या में वोटर पंजीकरण किए गए, जिसमें 10,452 लोग संदिग्ध रूप से जुड़े हुए थे।
फोटो पहचान के बिना रजिस्ट्रेशन
4,132 वोटर ऐसे थे जिनका पंजीकरण बिना वैध फोटो पहचान पत्र के किया गया।
अनुचित उम्र और प्रक्रिया
33,692 वोटरों को ऐसे फॉर्म के माध्यम से जोड़ा गया जो नए वोटरों के लिए होता है, लेकिन इनमें से अधिकतर 18–25 वर्ष की उम्र श्रेणी में नहीं थे।
राहुल का दावा
राहुल गांधी ने कहा कि ये गड़बड़ियां सीधे बेंगलुरु सेंट्रल सीट के चुनाव परिणाम को प्रभावित करती हैं। कांग्रेस प्रत्याशी मंसूर अली खान इस सीट से 32,707 वोटों से बीजेपी के पीसी मोहन से हार गए थे। राहुल के अनुसार, महादेवपुरा क्षेत्र से बीजेपी को 1,14,046 वोटों की बढ़त मिली, जो कांग्रेस के लिए नुकसानदेह साबित हुई।
उन्होंने महाराष्ट्र और हरियाणा के हालिया विधानसभा चुनावों में भी इसी तरह की गड़बड़ियों का आरोप लगाया। राहुल ने कहा कि 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच पांच महीनों में महाराष्ट्र की मतदाता सूची में जितने वोटर जुड़े, उतने पिछले पांच सालों में भी नहीं जुड़े थे।
डेटा नहीं दे रहा आयोग, CCTV फुटेज भी नष्ट
राहुल ने चुनाव आयोग पर मशीन-रीडेबल डेटा न देने और सीसीटीवी फुटेज को सिर्फ 45 दिनों में नष्ट करने के नए नियम पर भी सवाल उठाए। उन्होंने इसे सबूतों को छुपाने और चुनावी गड़बड़ी में शामिल होने का प्रमाण बताया।
'शपथ लेकर आरोप लगाएं'
कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राहुल गांधी को चुनौती दी कि वह अपने आरोपों को शपथ लेकर सार्वजनिक करें। वहीं, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने राहुल के आरोपों को एक “एनजीओ द्वारा तैयार की गई झूठी रिपोर्ट बताया।राहुल ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, मैंने जो डेटा दिया है, वह चुनाव आयोग की खुद की वेबसाइट से लिया गया है। ये मेरे नहीं, उनके ही दस्तावेज हैं। क्या वे इन दस्तावेजों से इनकार कर सकते हैं? मेरा वचन ही मेरी शपथ है।”