
नेशनल हेराल्ड केस में ED को झटका, खड़गे का हमला— मोदी-शाह दें इस्तीफा
Mallikarjun Kharge: खड़गे ने कहा कि नेशनल हेराल्ड केस का मकसद गांधी परिवार को परेशान करना है और यह मामला राजनीतिक बदले की भावना से दर्ज किया गया था।
National Herald case: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार सुबह भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से इस्तीफे की मांग की। यह प्रतिक्रिया उस फैसले के बाद आई है, जिसमें दिल्ली की एक अदालत ने नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया। चार्जशीट में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नाम शामिल थे।
बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए खड़गे ने कहा कि नेशनल हेराल्ड केस का मकसद गांधी परिवार को परेशान करना है और यह मामला राजनीतिक बदले की भावना से दर्ज किया गया था। खड़गे ने कहा कि अदालत का यह फैसला नरेंद्र मोदी और अमित शाह के मुंह पर करारा तमाचा है। उन्हें इस्तीफा देना चाहिए और यह कहना चाहिए कि भविष्य में वे जनता को परेशान नहीं करेंगे। उन्होंने नेशनल हेराल्ड मामले को “झूठा” बताते हुए कहा कि इसे “राजनीतिक प्रतिशोध” और “दुर्भावना” के तहत आगे बढ़ाया गया।
खड़गे ने कहा कि नेशनल हेराल्ड अखबार की स्थापना 1938 में स्वतंत्रता सेनानियों ने की थी, लेकिन मौजूदा भाजपा सरकार अब इसे मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आरोपों से जोड़कर बदनाम करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि इस मामले में कुछ भी नहीं है, फिर भी भाजपा कांग्रेस नेताओं को परेशान करने के लिए इसे मुद्दा बना रही है। कांग्रेस अध्यक्ष ने दोहराया कि मौजूदा सरकार राजनीतिक फायदे के लिए ईडी जैसे केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए कर रही है। हालांकि, अदालत के हालिया फैसले के बाद “न्याय के पक्ष में फैसला आया है।” खड़गे ने कहा कि सच की जीत हुई है। हम इस फैसले का स्वागत करते हैं।
नेशनल हेराल्ड केस पर अदालत की टिप्पणी
मंगलवार को नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान लेने से इनकार करते हुए दिल्ली की अदालत ने कहा कि कानूनन इस चार्जशीट पर न्यायिक संज्ञान लेना और गांधी परिवार को तलब करना संभव नहीं है। अदालत ने यह भी कहा कि ईडी का मामला एक ओर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जैसी दूसरी जांच एजेंसी की एकतरफा अति-हस्तक्षेप को दर्शाता है और दूसरी ओर यह धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की व्यवस्था से आगे बढ़ने का एक “अविवेकपूर्ण प्रयास” है।
राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने कहा कि चूंकि धन शोधन के अपराध से संबंधित वर्तमान अभियोजन शिकायत एक सार्वजनिक व्यक्ति डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा धारा 200 सीआरपीसी के तहत दायर शिकायत पर आधारित है, न कि किसी एफआईआर पर, इसलिए इस शिकायत पर संज्ञान लेना कानूनन स्वीकार्य नहीं है।

