
ईरान पर हमले के लिए भारतीय एयर स्पेस का इस्तेमाल नहीं, सरकार ने किया दावा खारिज
भारत सरकार की फैक्ट-चेकिंग इकाई ने अमेरिकी ज्वॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल डैन केन की एक प्रेस ब्रीफिंग का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने अमेरिकी विमानों द्वारा अपनाए गए वैकल्पिक मार्गों का विवरण दिया और इन दावों को बेबुनियाद करार दिया।
प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की फैक्ट चेक इकाई ने उन दावों को खारिज किया है जो सोशल मीडिया पर यह कहकर फैलाए जा रहे हैं कि अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करने के लिए "ऑपरेशन मिडनाइट हैमर" के दौरान भारतीय हवाई क्षेत्र का उपयोग किया।
रविवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट में PIB फैक्ट चेक इकाई ने इन दावों को फर्जी करार देते हुए स्पष्ट किया, "ऑपरेशन मिडनाइट हैमर के दौरान अमेरिका ने भारतीय हवाई क्षेत्र का उपयोग नहीं किया।"
कई सोशल मीडिया पोस्ट्स में यह आरोप लगाया गया कि अमेरिकी सेना ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर सैन्य हमले करने के लिए भारतीय हवाई क्षेत्र का उपयोग किया।
PIB की फैक्ट चेक इकाई ने अमेरिकी ज्वॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल डैन केन की एक प्रेस ब्रीफिंग का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने अमेरिकी विमानों द्वारा अपनाए गए वैकल्पिक मार्गों की जानकारी दी और इन दावों को बेबुनियाद बताया।
फैक्ट चेक यूनिट ने अपनी पोस्ट में लिखा, "कई सोशल मीडिया अकाउंट्स ने दावा किया कि ऑपरेशन मिडनाइट हैमर के दौरान अमेरिका ने ईरान पर हमले के लिए भारतीय हवाई क्षेत्र का उपयोग किया। यह दावा झूठा है। जनरल डैन केन ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि अमेरिकी विमानों ने कौन-से रास्ते अपनाए थे।"
ऑपरेशन की जानकारी
रविवार को ईरान में परमाणु स्थलों पर अमेरिकी हमलों के बाद, जनरल डैन केन ने कहा कि ऑपरेशन मिडनाइट हैमर को ईरान की परमाणु हथियार क्षमताओं को गंभीर रूप से क्षति पहुंचाने के लिए डिज़ाइन किया गया था।
पेंटागन में प्रेस ब्रीफिंग के दौरान, जनरल केन ने ऑपरेशन का विस्तृत नक्शा और समयरेखा प्रस्तुत की, जिसमें स्पष्ट दिखाया गया कि किसी भी अमेरिकी विमान ने भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश नहीं किया।
उन्होंने बताया, "लगभग शाम 6:40 बजे (ईरान में रात 2:10 बजे), B-2 विमान ने फोर्डो में पहले लक्ष्य पर GBU-57 MOP बम गिराए। जैसा कि राष्ट्रपति ने कहा, बाकी बमवर्षकों ने भी अपने लक्ष्य को सफलतापूर्वक भेदा। कुल 14 MOP बम दो मुख्य परमाणु ठिकानों पर गिराए गए। नतांज़, फोर्डो और इस्फहान में सभी तीन परमाणु स्थलों पर हमले शाम 6:40 से 7:05 बजे ईएसटी (ईरान में स्थानीय समय अनुसार 2:10 बजे) के बीच हुए। इस्फहान पर टॉमहॉक मिसाइलें अंतिम वार थीं, जिससे पूरे ऑपरेशन में चौंकाने का तत्व बना रहे।"
जनरल केन ने बताया कि अमेरिकी सेना ने ऑपरेशन में कई धोखे की रणनीतियाँ अपनाईं, जैसे कि नकली विमानों का इस्तेमाल, ताकि दुश्मन को भ्रमित किया जा सके और दुश्मन के लड़ाकू विमानों और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों की पहचान हो सके।
उन्होंने यह भी बताया कि शुक्रवार मध्यरात्रि को B-2 बमवर्षकों का एक बड़ा स्क्वाड्रन अमेरिका से रवाना हुआ। उन्होंने कहा, "ऑपरेशन के दौरान मुख्य स्ट्राइक पैकेज – सात B-2 स्पिरिट बमवर्षकों का पूर्व की ओर शांतिपूर्वक निकला, जिसमें संचार न्यूनतम रखा गया। एक नकली पैकेज को प्रशांत क्षेत्र की ओर भेजा गया ताकि दुश्मन को भ्रम में रखा जा सके।"
यह ऑपरेशन अमेरिकी सेंट्रल कमांड द्वारा जनरल एरिक कुरिल्ला के नेतृत्व में अंजाम दिया गया।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दिन में पहले बताया कि "बहुत सफल" हमलों में ईरान के नतांज़, फोर्डो और इस्फहान स्थित भूमिगत परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया गया।