किसानों का आज फिर से दिल्ली कूच, शंभु बॉर्डर पर कड़ी चौकसी, सड़कों पर बनाई कील-कंक्रीट की दीवार
शंभु बॉर्डर पर किसान नेता का आंदोलन 300वें दिन में प्रवेश कर गया है. सरकार की ओर से बातचीत का कोई निमंत्रण न मिलने के कारण 101 किसानों का जत्था फिर आज दोपहर 12 बजे दिल्ली की तरफ बढ़ेगा.
farmers agitation: किसान एक बार फिर शंभु बॉर्डर से दिल्ली की ओर कूच करने जा रहे हैं. किसानों ने इसकी वजह केंद्र सरकार की ओर से बातचीत का कोई निमंत्रण न मिलना बताया है. किसानों के आंदोलन को देखते हुए हरियाणा और दिल्ली-हरियाणा के शंभु बॉर्डर पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. सीमाओं पर चौकसी बढ़ाने के साथ-साथ किसानों को रोकने के लिए तैयारी युद्ध स्तर पर की गई है. सड़कों पर किलें, थ्री लेकर बैरिकेडिंग और कंक्रीट की दीवार बनाई गई है, जिससे कि किसान आगे न बढ़ सकें.
शंभु बॉर्डर पर किसान नेता का आंदोलन 300वें दिन में प्रवेश कर गया है. वहीं, शुक्रवार को किसानों ने दिल्ली की तरफ मार्च करने की तैयारी की थी. लेकिन भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच वह आगे नहीं बढ़ पाए थे. इसी बीच उन्होंने केंद्र सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया था. लेकिन सरकार की ओर से बातचीत का कोई निमंत्रण न मिलने के कारण 101 किसानों का जत्था फिर आज दोपहर 12 बजे दिल्ली की तरफ बढ़ेगा.
101 किसानों का एक समूह, जिन्हें “मरजीवदास” (अपने प्राणों की आहुति देने के लिए तैयार) कहा जाता है, मार्च का नेतृत्व करेंगे. वहीं, शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एसकेएम के संयोजक सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि हमने बातचीत के लिए केंद्र सरकार के निमंत्रण का इंतजार किया. लेकिन हमें कोई निमंत्रण नहीं मिला. हम फिर से राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च करने की कोशिश करेंगे. इस बार भी हमारे किसान पैदल और बिना सुरक्षा के होंगे.
उन्होंने कहा कि शुक्रवार को जब उन्हें शंभू बैरियर पर रोका गया तो उन्होंने अपना मांगपत्र हरियाणा के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को सौंप दिया था. पंधेर ने कहा कि हरियाणा पुलिस अधिकारियों ने तब उन्हें बताया था कि वे बातचीत के लिए केंद्र को मांगपत्र भेजेंगे. इस बीच किसान अंबाला में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के कार्यान्वयन पर सवाल उठा रहे हैं, जिसके तहत पांच या उससे अधिक लोगों के गैरकानूनी रूप से एकत्र होने पर प्रतिबंध है.
किसान नेता गुरमनीत मंगत ने कहा कि अंबाला प्रशासन ने बीएनएसएस की धारा 163 का हवाला देते हुए किसानों को आगे बढ़ने से रोक दिया. जबकि म्यूजिकल नाइट , जिसमें सैकड़ों लोग एकत्र हुए, बिना किसी प्रतिबंध के आयोजित की गईं. अंबाला प्रशासन द्वारा बीएनएसएस की धारा 163 के कार्यान्वयन का चुनिंदा रूप से उपयोग किया जा रहा है. बीएनएसएस की धारा 163 को लागू करने के पीछे एकमात्र कारण किसानों को आगे बढ़ने से रोकना है.
वहीं, करनाल हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने पंजाब के डीजीपी गौरव यादव से मीडियाकर्मियों को प्रदर्शन स्थल से कम से कम एक किलोमीटर की सुरक्षित दूरी पर रखने को कहा. अपने पत्र में कपूर ने कहा कि शुक्रवार को जब किसानों का जत्था हरियाणा की सीमा पर पहुंचा तो कई मीडियाकर्मी भी उनके साथ थे. जबकि पहले अनुरोध किया गया था कि उन्हें प्रदर्शन स्थल के पास न जाने दिया जाए. उन्होंने कहा कि इस वजह से हरियाणा पुलिस को सीमा पर कानून-व्यवस्था की स्थिति को संभालने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.