राहुल गांधी ने गुजरात जीतने की दी है चुनौती, जानें- दावे में कितना दम
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राहुल गांधी ने गुजरात जीतने की दी है चुनौती, जानें- दावे में कितना दम

लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बहस के दौरान राहुल गांधी ने सत्ता पक्ष की तरफ मुखातिब होते हुए कहा कि इस दफा गुजरात भी जीतेंगे.


Rahul Gandhi LokSabha Speech: सोमवार को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी करीब 90 मिनट तक बोले. अपनी इस स्पीच में उन्होंने भगवान शिव, जीसस क्राइस्ट और गुरुनानक देव की फोटो दिखाते हुए कहा कि उनके लिए धर्म का मतलब क्या है. वो अपनी स्पीच में नफरत, असत्य, डरो मत डराओ मत के जरिए सत्ता पक्ष पर निशाना साधते रहे, उस बीच गुजरात विधानसभा चुनाव का जिक्र किया जो 2027 में होने हैं. राहुल गांधी ने कहा कि अब गुजरात भी जीत कर दिखाएंगे. अब बीजेपी की दी उनकी चुनौती को आंकड़ों के जरिए समझने की कोशिश करेंगे उसमें कितना दम है.

गुजरात में कांग्रेस की कितनी ताकत
गुजरात में विधानसभा चुनाव 2027 में होने हैं. लेकिन उससे पहले 2022 असेंबली चुनाव नतीजों में कांग्रेस का प्रदर्शन कैसा रहा है. 2022 विधानसभा में कांग्रेस को महज 17 सीटें मिली थीं. संख्या बल में कमी की वजह से नेता प्रतिपक्ष सदन में नहीं हैं. इसके साथ ही 2024 आम चुनाव में कांग्रेस के खाते में एक सीट आई है. बता दें कि 182 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस की सदस्य संख्या 13 से आप अंदाजा लगा सकते हैं. सबसे बड़ी बात ये भी है कि गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के चार विधायक पाला बदल बीजेपी का हिस्सा बन गए.जब राहुल गांधी लोकसभा में बीजेपी को गुजरात जीतने का दावा कर रहे थे उसी समय सोशल मीडिया पर रिएक्शन आने लगे कि आखिर कांग्रेस में बचा कौन है. हकीकत तो ये है कि भूपेंद्र पटेल सरकार में कई मंत्री पूर्व कांग्रेसी रहे हैं.

जमीन पर फिलहाल कांग्रेस कमजोर
सियासी पंडितों के मुताबिक राजकोट टीआरपी गेम हादसे के बाद सफल बंद के बाद कांग्रेस के खेमे में उत्साह है. कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को लगता है कि अब लोगों का मिजाज बदल रहा है. गुजरात में कांग्रेस की मौजूदा ताकत देखें तो 13 विधायक, लोकसभा और राज्यसभा में एक एक सांसद हैं. वहीं बीजेपी का बड़े शहरों की नगरपालिका और नगरनिगमों पर बीजेपी का कब्जा है. यही नहीं सहका
री क्षेत्रों में कांग्रेस का आधार पहले ही ध्वस्त हो चुका है.

पिछले 30 साल से कांग्रेस के हाथ में सत्ता नहीं
1995 में कांग्रेस ने गुजरात में सत्ता खो दी और तब से लेकर आज की तारीख में वापसी नहीं कर सकी. छबीलदास मेहता, कांग्रेस के आखिरी सीएम रहे.1995 में बीजेपी का उदय हुआ और पिछले 27 साल से पार्टी सत्ता में है. पिछले 27 साल में एक दफा साल 1996 से लेकर 1997 तक गुजरात की कमान शंकर सिंह वाघेला के हाथ में थी जिन्हें कांग्रेस का समर्थन हासिल था. अगर वोट शेयर की बात करें बीजेपी को लोकसभा में 61 फीसद और कांग्रेस के खाते में 31 फीसद मत मिले. अगर वोट शेयर की बात करें तो राहुल गांधी का दावा यथार्थ से परे है. हालांकि सियासत में गणित की जगह केमिस्ट्री की भूमिका अहम होती है. अगर ऐसा ना होता तो इंडिया ब्लॉक को देश के सबसे बड़े सूबों में से एक यूपी में शानदार विजय नहीं मिलती.

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