CEC नियुक्ति पर राहुल गांधी को गंभीर ऐतराज, दूसरे दल भी उठा रहे सवाल
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CEC नियुक्ति पर राहुल गांधी को गंभीर ऐतराज, दूसरे दल भी उठा रहे सवाल

ज्ञानेश कुमार अब अगले मुख्य चुनाव आयुक्त होंगे। चयन समिति के निर्णय पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजरी दे दी है। लेकिन विपक्ष खासतौर से कांग्रेस को ऐतराज है।


CEC Gyanesh Kumar Appointment: 17 फरवरी को मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति मुद्दे पर चयन करने वाली पैनल की बैठक हुई है। पैनल ने ज्ञानेश कुमार के नाम पर हरी झंडी दे दी है, इसका अर्थ यह हुआ कि ज्ञानेश कुमार अब अगले मुख्य चुनाव आयुक्त होंगे। लेकिन कांग्रेस ने ऐतराज जताया है कि पैनल में उनकी असहमति को दर्ज नहीं किया गया। इस मामले की तह तक जाने से पहले पैनल की संरचना को समझना जरूरी है। मौजूदा पैनल में प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और पीएम अपने मंत्रिमंडल से एक सदस्य को चुन सकता है। अब इस गणित से पैनल को देखें तो इसमें सत्ता पक्ष प्रभावी है। मौजूदा पैनल में पीएम नरेंद्र मोदी, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और गृहमंत्री अमित शाह शामिल थे।

कांग्रेस इस मामले में सवाल क्यों उठा रही है। दरअसल इसके पीछे दो वजह है। पहली वजह यह कि नेता प्रतिपक्ष की तरफ से असहमति दर्ज कराई गई जिसे सत्ता पक्ष ने नजरंदाज किया। दूसरी वजह यह कि सीईसी, ईसी चयन से संबंधित मामले की सुनवाई 19 फरवरी को सु्प्रीम कोर्ट में होनी है, ऐसे में जल्दबाजी की जरूरत क्या थी।

  • ज्ञानेश कुमार के नाम की चयन समिति ने सिफारिश की
  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नाम पर मंजूरी दी
  • कानून मंत्रालय ने ज्ञानेश कुमार के नाम का ऐलान किया

राहुल गांधी ने क्यों उठाया सवाल

मौजूदा मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार 18 फरवरी को रिटायर हो रहे हैं। इससे पहले 17 फरवरी को चयन समिति की बैठक हुई। बैठक में ज्ञानेश कुमार के नाम पर मुहर लगी। राहुल गांधी का कहना था कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है, 19 फरवरी को इस विषय पर सुनवाई होने जा रही है लिहाजा इसे टाल दिया जाए। उन्होंने कहा कि सीईसी और ईसी के चयन के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं लंबित हैं, बेहतर होगा कि अदालती निर्णय से पहले कोई फैसला ना हो।कांग्रेस को मुख्य शिकायत यह है कि मुख्य न्यायधीश को चयन प्रक्रिया से बाहर रखने में पारदर्शिता प्रभावित होगी।

सुप्रीम कोर्ट में है केस

साल 2024 में संसद ने एक कानून पारित किया। उस कानून के तहत मुख्य चुनाव आयुक्त की चयन प्रक्रिया से चीफ जस्टिस को बाहर रखा गया। 2024 से पहले तक सीईसी की नियुक्ति वरिष्ठता के आधार पर होती थी।सीईसी की नियुक्ति प्रक्रिया में चीफ जस्टिस भी शामिल होते थे। बता दें कि सीईसी और दूसरे चुनाव आयुक्त की नियुक्ति, सेवा की शर्त, कार्यालय की अवधि अधिनियम 2023 के प्रोविजंस के तहत होती है।

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