
पहलगाम के गुनहगार हासिम मूसा का पकड़ा जाना क्यों है जरूरी?
पहलगाम आतंकी हमले में जिन तीन संदिग्धों की तस्नवीर जारी की गई है उनमें से एक का नाम हासिम मूसा है। इसके बारे में कहा जा रहा है कि यह कमांडो रह चुका है।
Hasim Moosa: सुरक्षा एजेंसियों ने पहलगाम आतंकी हमले की साजिश रचने वाले तीन आतंकियों की पहचान कर ली है, जिसमें 25 पर्यटकों और एक कश्मीरी टट्टू सवारी ऑपरेटर को बेरहमी से गोली मार दी गई थी।इनमें से दो आतंकी लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद और उसके डिप्टी सैफुल्लाह कसूरी इस वक्त पाकिस्तान में हैं, जबकि तीसरा आतंकी हाशिम मूसा के जम्मू-कश्मीर में छिपे होने की आशंका जताई जा रही है।
हाशिम मूसा की तलाश में अभियान
सुरक्षा तंत्र से जुड़े सूत्रों के अनुसार, हाशिम मूसा दक्षिण कश्मीर के जंगलों में कहीं छिपा हुआ है और उसे पकड़ने के लिए ऑल-आउट ऑपरेशन चलाया जा रहा है। एजेंसियों को अंदेशा है कि वह पाकिस्तान भागने की कोशिश कर सकता है।जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हाशिम मूसा की जानकारी देने वाले को 20 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है और आश्वासन दिया है कि सूचना देने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी।
पाकिस्तान कनेक्शन साबित करना मकसद
सूत्रों के मुताबिक, हाशिम मूसा को जिंदा पकड़ना प्राथमिक लक्ष्य है, ताकि इस जघन्य हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता को साबित किया जा सके।जानकारी के मुताबिक, हाशिम मूसा पाकिस्तान के स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) का पैरा-कमांडो रह चुका है। बाद में उसने लश्कर-ए-तैयबा ज्वाइन कर ली और तब से कई आतंकी हमलों में शामिल रहा है। बताया जाता है कि वह 2023 में भारत में घुसपैठ करके आया।
पहले भी कई हमलों में रहा है शामिल
22 अप्रैल 2025- पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमला; 26 मौतें
23 अप्रैल 2025- जांच एजेंसियों ने हमले की साजिश का खुलासा किया
24 अप्रैल 2025- हाशिम मूसा की पहचान; ऑपरेशन शुरू
25 अप्रैल 2025- इनाम की घोषणा; सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर
27 अप्रैल 2025- भारत ने सिंधु जल संधि और वीज़ा सेवा निलंबित की
28 अप्रैल 2025- पाकिस्तान की धमकी: शिमला समझौते से पीछे हटने का संकेत
पहलगाम हमले की जांच में सामने आया है कि हाशिम मूसा इस हमले के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक था। उसके साथ आदिल ठोकर और आसिफ शेख भी इस हमले में शामिल थे।पुलिस ने इन तीनों आतंकियों पर ₹20 लाख का इनाम घोषित किया है।
भारत-पाक संबंध और भी खराब
पहलगाम त्रासदी के बाद भारत और पाकिस्तान के संबंध निचले स्तर पर पहुंच गए हैं। भारत ने सिंधु जल संधि और पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीज़ा सेवाएं स्थगित कर दी हैं।इसके जवाब में इस्लामाबाद ने धमकी दी है कि वह सभी द्विपक्षीय समझौतों को समाप्त कर सकता है, जिनमें 1972 का शिमला समझौता भी शामिल है, जो नियंत्रण रेखा (LOC) की वैधता सुनिश्चित करता है।