भट्ठी में झुलस रहा है उत्तर भारत, अगले 5 दिन तक राहत नहीं, क्या है वजह
गर्मी के मौसम में तो गर्मी पड़ेगी. लेकिन अब यह जानलेवा साबित हो रही है. उत्तर भारत के सभी राज्यों में पारा औसतन पारा 40 के पार है.
Heatwaves in North India: आसमान से आग के गोले बरस रहे हैं. पूरा उत्तर भारत आग की भट्टी में झुलस रहा है. उत्तर भारत के हर एक इलाकों पर पारा चालीस डिग्री के पार. कहीं कहीं तो पारा 45 के पार है. भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पश्चिम राजस्थान और पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्सों में लू के थपेड़ों से परेशाना होना पड़ेगा. इसी तरह से उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ में भयकंर गर्मी पड़ रही है. अगर 17 मई की बात करें तो आगरा, बाड़मेर,आयानग दिल्ली, ग्वालियर में तापमान 46 डिग्री के पार था.
अगले पांच दिन गर्मी सताएगी
मौसम विभाग का कहा है कि उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में अगले पांच दिनों में अधिकतम तापमान 45 डिग्री होने की उम्मीद है। अब तक इस सीजन का अधिकतम तापमान 9 मई को राजस्थान के फलौदी में 46.2 डिग्री दर्ज किया गया है.मौसम विभाग का कहना है कि लू की स्थिति तब उत्पन्न होती है जब अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस या सामान्य से 4.5 डिग्री अधिक हो जाता है. मई 2023 में दिल्ली का अधिकतम तापमान 43.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, हालांकि उस महीने कोई लू नहीं चली.मौसम संबंधी रुझानों पर प्रकाश डालते हुए, वरिष्ठ आईएमडी वैज्ञानिक डॉ. नरेश कुमार का कहना है कि अप्रैल से लेकर हाल के दिनों तक, लगातार पश्चिमी विक्षोभ ने उत्तर पश्चिम भारत को प्रभावित किया, जिसके परिणामस्वरूप जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में छिटपुट वर्षा हुई, जिससे तापमान तुलना में कम रहा है हालांकि मई में तापमान बढ़ गया और देश भर में कई स्थानों पर 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है.
दक्षिण भारत के लिए आईएमडी का पूर्वानुमान
इस बीच, दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत, विशेषकर तमिलनाडु और केरल में भारी वर्षा का अनुमान है. दक्षिण पश्चिम मानसून की प्रगति 23 मई से शुरू होने वाले सप्ताह के दौरान होने की संभावना है. आईएमडी ने कहा कि अगले कुछ दिनों में तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, केरल, माहे, लक्षद्वीप और दक्षिण कर्नाटक में गरज, बिजली और तेज़ हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है.
क्या है आईएमडी की सलाह
आईएमडी ने लोगों को हल्के और ढीले सूती कपड़े पहनने की सलाह दी है. आईएमडी के मुताबिक अपने सिर को छाते, टोपी या कपड़े के टुकड़े से सुरक्षित रखने की सलाह दी जाती है.
गर्मी की यह है वजह
आईएमडी ने जो सलाह दी है उस पर अमल करने की जरूरत है. लेकिन अहम सवाल यह भी है कि आखिर ऐसा क्यो हो रहा है. क्या इसके लिए ग्लोबल वार्मिंग जिम्मेदार है या वजह कुछ और है. मौसम के जानकार कहते हैं कि आप हवाओं के घूमने फिरने पर रोक नहीं लगा सकते हैं. मौसम तंत्र आपस में इस तरह से एक दूसरे से बंधा हुआ है कि कहीं कोई छेड़छाड़ करेगा तो उसका असर दुनिया के अलग अलग मुल्कों पर होगा. आज विकास के नाम पर हम तेजी से वनों और जंगलों का नाश कर रहे हैं उसकी वजह जल चक्र, वायु चक्र में असमानता आई है और उसकी वजह से अत्यधिक गर्मी, जिस मौसम में ठंड होना चाहिए वहां गर्मी, बरसात के मौसम में सूखे की दिक्कत, रेगिस्तान में बाढ़ की दिक्कत. जहां गर्मी पहले से पड़ रही है वहां और गर्मी. दरअसल हम सब किसी ना किसी रूप में ग्रीन हाउस गैस का उत्सर्जन कर रहे हैं और उसकी वजह से कभी पारा चालीस के पार तो कभी पैंतालिस के पार पहुंच जा रहा है.