Hindenburg Report News: हिंडनबर्ग ने जो ताजा रिपोर्ट पेश की है उसमें सेबी के चेयरपर्सन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अडानी समूह से रिश्ता तक जोड़ा है हालांकि इस मामले में सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति की तरफ से सफाई आ चुकी है। यह बात अलग है कि कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने एक्स पर लिखा कि सेबी, प्रधानमंत्री और निर्मला सीतारमण हिंडनबर्ग द्वारा उठाए गए तथ्यात्मक और बिंदुवार मुद्दों का बिंदुवार जवाब कब देंगे? हम उस तारीख का इंतजार कर रहे हैं...क्या उन्होंने अगोरा पर जवाब दिया? क्या उन्होंने इस बात का जवाब दिया कि सेबी अध्यक्ष बनने के बाद भी उन्होंने अपने ईमेल आईडी से पैसे के लिए मेल भेजा था?
क्या सेबी अध्यक्ष बनने से पहले उन्होंने ऑफशोर कंपनियों में अपने निवेश का खुलासा किया था? क्या भारत सरकार को संदेह था कि उनकी कंपनियों ने गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी की ऑफशोर कंपनियों में निवेश किया है? अगर उनके पास ऐसी जानकारी थी, तो उन्हें सेबी अध्यक्ष क्यों बनाया गया? अगर उनके पास जानकारी नहीं थी, तो वे सत्ता में रहकर क्या कर रहे हैं? अगर उन्हें यह नहीं पता है तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए..."
टूलकिट गैंग एक बार फिर सक्रिय
अब इस मामले पर बीजेपी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद मैदान में उतरे और कांग्रेस पर तीखे शब्दों से हमला किया।भारत की जनता से मुंह की खाने के बाद कांग्रेस पार्टी, उसके सहयोगी और टूलकिट गैंग ने मिलकर भारत में आर्थिक अराजकता और अस्थिरता लाने की साजिश रची है? शनिवार को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट जारी होती है, रविवार को हंगामा होता है, इसलिए सोमवार को पूंजी बाजार में अस्थिरता होती है...भारत शेयरों के मामले में भी सुरक्षित, स्थिर और आशाजनक बाजार है। बाजार को सुचारू रूप से चलाना सेबी की कानूनी जिम्मेदारी है...जब जुलाई में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में पूरी जांच पूरी करने के बाद सेबी ने हिंडनबर्ग के खिलाफ नोटिस जारी किया, तो अपने बचाव के पक्ष में कोई जवाब दिए बिना ही उन्होंने यह हमला, एक बेबुनियाद हमला किया है..."
जॉर्ज सोरोस का फिर उछला नाम
आज हम कुछ मुद्दे उठाना चाहते हैं। हिंडनबर्ग में किसका निवेश है? क्या आप इस सज्जन जॉर्ज सोरोस को जानते हैं जो नियमित रूप से भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करते हैं...वे वहां के मुख्य निवेशक हैं...नरेंद्र मोदी के प्रति अपनी रोगात्मक नफरत में, कांग्रेस पार्टी ने आज भारत के खिलाफ ही नफरत पैदा कर ली है। अगर भारत का शेयर बाजार गड़बड़ा जाता है, तो क्या छोटे निवेशकों को परेशानी होगी या नहीं?...कांग्रेस पार्टी की राजनीति में एक टूलकिट राजनीति है, दूसरी चिट राजनीति है। अगर परीक्षा में चिट पाई जाती है, तो कार्रवाई होती है। लेकिन कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं को जो चिट मिलती है, उसका क्या किया जाना चाहिए?...वे पूरे शेयर बाजार को क्रैश करना चाहते हैं, छोटे निवेशकों के पूंजी निवेश को रोकना चाहते हैं और यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि भारत में कोई आर्थिक निवेश न हो..."