लोकसभा में आज वंदे मातरम पर ऐतिहासिक बहस की शुरुआत करेंगे पीएम मोदी
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लोकसभा में आज वंदे मातरम पर ऐतिहासिक बहस की शुरुआत करेंगे पीएम मोदी

राष्ट्रीय गीत के 150 वर्ष पूरे होने पर संसद में सत्तापक्ष-विपक्ष आमने-सामने, पीएम मोदी रखेंगे ऐतिहासिक महत्व पर विचार, कांग्रेस के 8 नेता भी देंगे जवाब


Vande Mataram Debate In Parliament : संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार को एक ऐतिहासिक बहस का गवाह बनने जा रहा है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में ‘वंदे मातरम’ की रचना के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर विशेष चर्चा की शुरुआत करेंगे। बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा 7 नवंबर 1875 को पहली बार साहित्यिक पत्रिका बंगदर्शन में छपे इस गीत को आजादी की लड़ाई का सबसे प्रभावशाली स्वर माना जाता है। पीएम मोदी इस गीत के ऐतिहासिक महत्व, स्वतंत्रता आंदोलन में इसकी भूमिका और आज के दौर में इसकी प्रासंगिकता पर अपने विचार साझा कर सकते हैं।

विपक्षी दल भी प्रधानमंत्री के वक्तव्य का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, खासकर इसलिए क्योंकि पिछले महीने एक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कांग्रेस पर 1937 के फैजाबाद अधिवेशन में वंदे मातरम की “जरूरी पंक्तियाँ हटाने” का आरोप लगाया था। मोदी ने कहा था कि कांग्रेस के उस फैसले ने “बंटवारे के बीज बो दिए और राष्ट्रगीत को खंडित कर दिया।” कांग्रेस ने इस आरोप का पलटवार करते हुए दावा किया था कि यह निर्णय रवींद्रनाथ टैगोर की सलाह और सभी धर्मों की भावनाओं को ध्यान में रखकर लिया गया था।


राज्यसभा में भी हलचल, अमित शाह कर सकते हैं बहस की शुरुआत

वंदे मातरम पर चर्चा केवल लोकसभा तक सीमित नहीं रहेगी। मंगलवार को राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इसके ऐतिहासिक संदर्भों पर चर्चा की शुरुआत कर सकते हैं। संसद के कार्यक्रम के अनुसार, लोकसभा में इस बहस के लिए कुल 10 घंटे निर्धारित किए गए हैं, जिनमें से तीन घंटे एनडीए सदस्यों के लिए तय किए गए हैं। अनुमान है कि चर्चा देर रात तक चल सकती है।


सत्र शुरू होने से पहले ही टकराव

शीतकालीन सत्र शुरू होने से ठीक पहले ही विवाद तब भड़क उठा जब राज्यसभा सचिवालय ने एक परामर्श जारी किया कि सांसदों को संसद परिसर में ‘वंदे मातरम’ और ‘जय हिंद’ जैसे नारे लगाने से परहेज करना चाहिए। विपक्ष ने इसे भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए पर भारत की एकता और आज़ादी के प्रतीकों से “असहज” होने का आरोप बताते हुए कड़ा विरोध जताया।

सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा और वंदे मातरम पर बहस के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक होने की पूरी आशंका है।


कांग्रेस के 8 नेता होंगे बहस में शामिल

कांग्रेस की तरफ से पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा और लोकसभा में उप नेता गौरव गोगोई समेत आठ वरिष्ठ नेता चर्चा में भाग लेंगे। इसके अलावा दीपेंद्र हुड्डा, विमल अकोइजम, प्रनीति शिंदे, प्रशांत पडोले, चमाला रेड्डी और ज्योत्सना महंत भी अपने-अपने तर्क रखेंगे।

यह पहली बार होगा जब प्रियंका गांधी लोकसभा में किसी बड़े वैचारिक मुद्दे पर लंबा भाषण देंगी, जिससे बहस और भी दिलचस्प बनने की उम्मीद है।

वंदे मातरम: इतिहास, महत्व और संघर्ष का सफर

‘वंदे मातरम’ का अर्थ है — मैं मां को नमन करता हूं या भारत माता, मैं तेरी स्तुति करता हूं।

‘वंदे’— संस्कृत शब्द, जिसका अर्थ है नमन करना

‘मातरम्’— इंडो-यूरोपीय मूल का शब्द, जिसका अर्थ ‘मां’ है


ऐतिहासिक पड़ाव

7 नवंबर 1875: बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने गीत लिखा

1882: उपन्यास आनंदमठ में प्रकाशित

1896: रवींद्रनाथ टैगोर ने इसे कांग्रेस अधिवेशन में गाया

1905: बंगाल विभाजन विरोध में यह राष्ट्रीय नारा बना

1907: मैडम भीकाजी कामा ने विदेश में वंदे मातरम लिखे ध्वज को फहराया

कांग्रेस के वाराणसी अधिवेशन: पूरे भारत में समारोहों के लिए गीत अपनाया गया

24 जनवरी 1950: ‘वंदे मातरम’ को राष्ट्रीय गीत का दर्जा मिला



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