मणिपुर को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने की उच्च स्तरीय बैठक, सुरक्षा स्थिति पर हुई चर्चा
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मणिपुर को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने की उच्च स्तरीय बैठक, सुरक्षा स्थिति पर हुई चर्चा

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की.


Amit Shah High Level Meeting on Manipur: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार (17 जून) को मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. दिल्ली के नॉर्थ ब्लॉक में गृह मंत्रालय में हुई इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, खुफिया ब्यूरो प्रमुख तपन डेका, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, सेना प्रमुख (डेजिगनेट) लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, जीओसी थ्री कोर एचएस साही, मणिपुर के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह, मणिपुर के मुख्य सचिव विनीत जोशी, मणिपुर के डीजीपी राजीव सिंह और असम राइफल्स के डीजी प्रदीप चंद्रन नायर शामिल हुए.

यह बैठक मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके द्वारा गृह मंत्री से उनके कार्यालय में मुलाकात के एक दिन बाद हुई है और माना जा रहा है कि उन्होंने पूर्वोत्तर राज्य की स्थिति पर चर्चा की थी. बता दें कि इस महीने की शुरूआत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए के दोबारा सत्ता में आने के बाद केंद्र सरकार की यह पहली ऐसी उच्च स्तरीय बैठक है.

यह बैठक पिछले कुछ हफ़्तों में हिंसा से ग्रस्त राज्य में हुई ताजा हिंसा के बाद आयोजित की गई थी. मोरेह के पास एक स्कूल की इमारत में आग लगा दी गई थी. वहीं एक लापता व्यक्ति का सिर कटा शव भी बरामद किया गया था. इसके अलावा पिछले सप्ताह सशस्त्र उग्रवादियों ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के अग्रिम सुरक्षा दल के काफिले पर कांगपोकपी जिले में घात लगाकर हमला किया, जिसमें एक नागरिक चालक और एक सुरक्षा अधिकारी घायल हो गए.

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने पहले कहा था कि मणिपुर एक साल से शांति का इंतजार कर रहा है और इस मुद्दे को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. उन्होंने चुनावी बयानबाजी से दूर होकर देश के सामने मौजूद समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत पर जोर दिया था.

बता दें कि पिछले वर्ष 3 मई से मणिपुर में दो समुदायों कुकी और मैतेई के बीच संघर्ष चल रहा है, जिसमें अब तक कम से कम 225 लोगों की जान जा चुकी है और लगभग 50,000 लोग बेघर हो गए हैं, जिनमें से अनेक अभी भी राहत केंद्रों में रह रहे हैं.

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