पश्चिम बंगाल के 2 IPS पर राजभवन की छवि खराब करने का आरोप, गृह मंत्रालय ने शुरू की कार्रवाई
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बंगाल के राज्यपाल कार्यालय को बदनाम करने के लिए कोलकाता पुलिस आयुक्त और डीसीपी सेंट्रल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी है.
Disciplinary Action against West Bengal IPS Officers: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रविवार को बंगाल के राज्यपाल कार्यालय को बदनाम करने के लिए कोलकाता पुलिस आयुक्त और डीसीपी सेंट्रल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी है. यह कार्रवाई बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस द्वारा प्रस्तुत एक विस्तृत रिपोर्ट के आधार पर की गई है.
न्यूज एजेंसी के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के कार्यालय की छवि खराब करने के आरोप में कोलकाता के पुलिस आयुक्त विनीत गोयल और एक डीसीपी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की है. केंद्रीय मंत्रालय ने यह कार्रवाई पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस द्वारा गोयल और कोलकाता पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) सेंट्रल इंदिरा मुखर्जी के संबंध में एक रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद की है. इस रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि दोनों ऐसे तरीके से काम कर रहे हैं, जो एक लोक सेवक के लिए पूरी तरह से अनुचित है.
बोस ने जून के अंतिम सप्ताह में गृह मंत्री को सौंपी अपनी रिपोर्ट में इस मुद्दे को उठाया है कि कोलकाता पुलिस के अधिकारियों ने चुनाव बाद हुई हिंसा के पीड़ितों को उनसे मिलने की अनुमति नहीं दी. जबकि उन्होंने इसके लिए उन्हें अपेक्षित अनुमति दी थी. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस द्वारा सौंपी गई विस्तृत रिपोर्ट के आधार पर आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
रिपोर्ट की प्रतियां 4 जुलाई को राज्य सरकार को भेजी गई थीं. बंगाल के राज्यपाल ने राजभवन में तैनात अन्य पुलिस अधिकारियों पर भी अप्रैल-मई 2024 के दौरान एक महिला कर्मचारी द्वारा लगाए गए मनगढ़ंत आरोपों को बढ़ावा देने और प्रोत्साहित करने का आरोप लगाया है.
इन आरोपों में कहा गया है कि इन आईपीएस अधिकारियों ने अपने कृत्यों से न केवल राज्यपाल के कार्यालय को कलंकित किया है, बल्कि इस तरह से काम किया है जो एक लोक सेवक के लिए पूरी तरह से अनुचित है. उन्होंने सुविधाजनक तरीके से आचरण नियमों की अनदेखी की है.