नए लेबर कोड से घट जाएगी आपकी टेक-होम सैलरी, अब PF और ग्रेच्युटी का ज्यादा पैसा कटेगा
x
नए श्रम कानूनों से PF और ग्रेच्युटी के भुगतान भी बढ़ेंगे

नए लेबर कोड से घट जाएगी आपकी टेक-होम सैलरी, अब PF और ग्रेच्युटी का ज्यादा पैसा कटेगा

महीने के अंत में सैलरी के रूप में आपके हाथ में जो पैसा आता है, वो कम हो जाएगा। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि 21 नवंबर से नए लेबर कोड लागू हो जाने के बाद कर्मचारियों के रिटायरमेंट फंड में जाने वाला कंट्रीब्यूशन बढ़ जाएगा।


केंद्र सरकार ने जो नये लेबर कोड लागू किए हैं, उनमें सैलरी वाले कर्मचारियों के लिए थोड़े चिंता की बात ये हो सकती है कि उनकी इन-हैंड सैलरी या जिसे टेक-होम सैलरी भी कहते हैं, वो घट सकती है। ऐसा इसलिए होने जा रहा है क्योंकि नए लेबर कोड कंपनियों को ये सुनिश्चित करने के लिए बाध्य करते हैं कि कर्मचारियों की बेसिक सैलरी उनके CTC का कम से कम 50 फीसदी हो। तो इससे सीधा-सीधा होगा ये कि आपकी टेक-होम सैलरी कम हो सकती है।

मतलब महीने के अंत में सैलरी के रूप में आपके हाथ में जो पैसा आता है, वो कम हो जाएगा। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि 21 नवंबर से नए लेबर कोड लागू हो जाने के बाद कर्मचारियों के रिटायरमेंट फंड में जाने वाला कंट्रीब्यूशन बढ़ जाएगा। और सिर्फ यही नहीं होगा, चूंकि PF और ग्रेच्युटी दोनों की गणना बेसिक सैलरी पर आधारित है, इसलिए बेसिक बढ़ने से इन दोनों में जाने वाला योगदान भी बढ़ जाएगा।

मतलब कि इससे आपका जो प्रोविडेंट फंड है यानी जो PF है और जो ग्रेच्युटी है, उसके भुगतान भी बढ़ेंगे। अभी PF में योगदान बेसिक सैलरी के 12% पर आधारित होता है। तो इसे सीधे-सरल शब्दों में कहें तो आपकी तुरंत मिलने वाली सैलरी थोड़ी कम हो जाएगी। हां, लेकिन लंबी अवधि में रिटायरमेंट सुरक्षा बढ़ेगी। इन लेबर कोड को लागू करते समय सरकार ने भी यही कहा है कि इन नए एकीकृत कानूनों का मकसद कर्मचारियों की सोशल सिक्योरिटी को मजबूत करना है।

केंद्र सरकार ने नए श्रम कानूनों की अधिसूचना जारी कर दी है, जिसमें कंपनियों के लिए ये सुनिश्चित करना जरूरी होगा कि बेसिक सैलरी, कर्मचारी की CTC का कम से कम 50% हो। इससे कंपनियों को पे-स्ट्रक्चर मतलब वेतन का ढांचा बदलना पड़ सकता है। कई कर्मचारियों के लिए इसका मतलब होगा कि समय के साथ उनकी इन-हैंड सैलरी कम हो सकती है, क्योंकि रिटायरमेंट सेविंग्स में योगदान बढ़ेगा।

सरकार ने 29 मौजूदा केंद्रीय श्रम कानूनों को मिलाकर चार बड़े लेबर कोड में बदला है,

1. वेज कोड (2019)

2. इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड (2020)

3. सोशल सिक्योरिटी कोड (२०२०)

4. ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन्स कोड (2020)

वेज कोड शुक्रवार से लागू हो गया है, और सरकार अगले 45 दिनों के भीतर इसके विस्तृत नियम जारी करने वाली है।

कंपनियों को इन नियमों के अनुरूप अपना सैलरी स्ट्रक्चर बदलना होगा। और ये तय है कि आपकी टेक होम सैलरी कम हो जाएगी लेकिन सरकार का कहना है कि ये नियम उन कंपनियों पर रोक लगाने के लिए है, जो बेसिक सैलरी को कृत्रिम रूप से कम रखकर बाकी भत्तों यानी अलाउंसेज को बढ़ा देती थीं, जिससे उन्हें PF और ग्रेच्युटी जैसी देयताओं का बोझ कम हो जाता था।


Read More
Next Story