हम सक्षम हैं किसी से कहने की जरूरत नहीं, राहुल से अलग है थरूर का अंदाज
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ऑपरेशन सिंदूर के बारे में दुनिया को जानकारी देने वाले एक प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कांग्रेस सांसद शशि थरूर कर रहे थे।

हम सक्षम हैं किसी से कहने की जरूरत नहीं, राहुल से अलग है थरूर का अंदाज

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ट्रंप के मध्यस्थता दावे को नकारा। उन्होंने कहा कि भारत को न किसी से रुकने को कहा गया, न बातचीत के लिए किसी मध्यस्थ की जरूरत है।


कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत-पाकिस्तान सैन्य टकराव में मध्यस्थता का दावा किए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत को न तो किसी से रुकने की सलाह लेनी पड़ी न ही किसी मध्यस्थता की मांग की गई। भारत को अमेरिकी राष्ट्रपति और उनके पद की बहुत इज़्ज़त है, लेकिन हमने कभी किसी से मध्यस्थता की अपील नहीं की।

थरूर अमेरिकी दौरे पर पहुंचे बहुदलीय भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। यह प्रतिनिधिमंडल 24 मई को भारत से न्यूयॉर्क पहुंचा था और गयाना, पनामा, कोलंबिया और ब्राजील होते हुए अब वाशिंगटन पहुंचा है। इस दौरे का उद्देश्य 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके बाद भारत द्वारा की गई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ कार्रवाई पर भारत का रुख स्पष्ट करना है।

'हमें बंदूक की नोक पर बातचीत मंज़ूर नहीं'

थरूर ने कहा कि पाकिस्तान जब तक आतंक का ढांचा नहीं तोड़ता, बातचीत की कोई संभावना नहीं है। जब तक वे आतंक की भाषा बोलते हैं, हम ताकत की भाषा बोलेंगे। इसके लिए किसी तीसरे पक्ष की ज़रूरत नहीं है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत पाकिस्तान से बात करने में सक्षम है, लेकिन बंदूक की नोक पर नहीं। अगर आपका पड़ोसी आपके बच्चों पर अपने शिकारी कुत्ते छोड़ दे और फिर कहे कि चलिए बात करते हैं, तो क्या आप बात करेंगे?

‘हमारी स्पष्ट नीति है’

थरूर ने कहा कि अमेरिका अच्छी तरह समझ चुका है कि भारत की नीति एकदम स्पष्ट है आतंक के साए में कोई बातचीत नहीं। हम उन्हीं से बात करेंगे जो पहले आतंक को त्यागें। और यदि पाकिस्तान यह दिखाए कि वह सामान्य संबंध चाहता है, तो बातचीत संभव है।

‘सलाह देने की ज़रूरत नहीं थी’

राष्ट्रपति ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने भारत को सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए कहा था। इस पर थरूर बोले हमें किसी ने रुकने को नहीं कहा। हमने पहले ही कहा था कि अगर पाकिस्तान रुकता है, तो हम भी रुक जाएंगे। अगर अमेरिका ने पाकिस्तान से यही कहा, तो वह उनके और पाकिस्तान के बीच की बात है।

थरूर ने कहा कि अमेरिका के साथ भारत का रणनीतिक संबंध बेहद अहम है और हम इसे किसी छोटी बात के कारण खतरे में नहीं डालना चाहते। उन्होंने यह बात भी दोहराई कि यह बयान किसी आलोचना की भावना से नहीं बल्कि सकारात्मक और रचनात्मक दृष्टिकोण से दिया जा रहा है।प्रतिनिधिमंडल में शामिल कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने शशि थरूर की सराहना करते हुए कहा कि वह हमेशा पार्टी से पहले देश को रखते हैं। वहीं भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने देवड़ा की बात का समर्थन करते हुए कहा, “बिल्कुल सही।”

भारत-पाक टकराव की पृष्ठभूमि

22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर निशाना साधते हुए सटीक हमले किए थे। पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर जवाबी हमले की कोशिश की, जिसका भारत ने तीखा जवाब दिया। 10 मई को दोनों देशों के सैन्य संचालन प्रमुखों के बीच बातचीत के बाद जमीनी संघर्ष समाप्त हुआ।

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