
भारत ने रचा इतिहास! जापान को पीछे छोड़कर बना चौथे नंबर की अर्थव्यवस्था
सरकार का कहना है कि इसी रफ्तार को बनाए रखा तो भारत अगले 2.5 से 3 साल में जर्मनी को भी पीछे छोड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।
भारत ने जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का रास्ता साफ कर लिया है। सरकार की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 4.18 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है। सरकार का कहना है कि इसी रफ्तार को बनाए रखा तो भारत अगले 2.5 से 3 साल में जर्मनी को भी पीछे छोड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। 2030 तक GDP 7.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। फिलहाल, अमेरिका सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था है, उसके बाद चीन का स्थान है।
तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था
भारत की आर्थिक वृद्धि मुख्य रूप से मजबूत घरेलू मांग, निजी खपत और वित्तीय स्थिति में सुधार से प्रेरित है, भले ही वैश्विक व्यापार में अनिश्चितताएं जारी हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2025–26 की दूसरी तिमाही में भारत की वास्तविक GDP 8.2 प्रतिशत बढ़ी, जो पिछले छह तिमाहियों में सबसे अधिक है। इससे पहले पहली तिमाही में यह वृद्धि 7.8 प्रतिशत और पिछली वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही में 7.4 प्रतिशत रही थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस वृद्धि ने उम्मीदों से बेहतर परिणाम दिखाए और यह वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत की अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शाती है। शहरी खपत और व्यावसायिक क्षेत्र में मजबूत क्रेडिट फ्लो ने विकास को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने बढ़ाई उम्मीदें
विश्व बैंक ने 2026 में 6.5 प्रतिशत विकास की उम्मीद जताई है, जबकि मूडीज के अनुसार भारत G20 में सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा,और 2026 में 6.4 प्रतिशत तथा 2027 में 6.5 प्रतिशत विकास दर्ज करेगा। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने 2025 के लिए भारत की वृद्धि दर को 6.6 प्रतिशत और 2026 के लिए 6.2 प्रतिशत करने का पूर्वानुमान दिया है। OECD ने 2025 में 6.7 प्रतिशत और 2026 में 6.2 प्रतिशत विकास का अनुमान जताया है। S&P ने चालू वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत और अगले वर्ष में 6.7 प्रतिशत वृद्धि का पूर्वानुमान दिया है। एशियन डेवलपमेंट बैंक ने 2025 के लिए 7.2 प्रतिशत और Fitch ने FY26 के लिए 7.4 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है, जिसे मजबूत उपभोक्ता मांग के आधार पर बढ़ाया गया है।
आर्थिक संकेतक भी बेहतर
सरकारी रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि मुद्रास्फीति नियंत्रित है, बेरोज़गारी घट रही है और निर्यात प्रदर्शन मजबूत हो रहा है। वित्तीय स्थिति स्थिर बनी हुई है, क्रेडिट वृद्धि और मजबूत मांग के चलते। सरकार ने दोबारा यह लक्ष्य भी स्पष्ट किया कि 2047 तक भारत की स्वतंत्रता की शताब्दी के अवसर पर, देश उच्च मध्यम आय वाली अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ेगा। इसके लिए संरचनात्मक सुधार, सतत आर्थिक विकास और सामाजिक प्रगति पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

