पाक को बेनकाब करने की कवायद, 7 सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में इन्हें मिला मौका
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पाक को बेनकाब करने की कवायद, 7 सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में इन्हें मिला मौका

भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाने के लिए 32 देशों में सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने का फैसला किया है।


भारत सरकार ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद और 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत की स्थिति स्पष्ट करने के लिए एक बड़ा कूटनीतिक कदम उठाया है। इसके तहत केंद्र सरकार ने सात अलग-अलग सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों का गठन किया है जो 32 देशों की यात्रा पर निकलेंगे। इनका अंतिम पड़ाव होगा बेल्जियम के ब्रुसेल्स स्थित यूरोपीय संघ मुख्यालय, जहां सभी 59 सदस्य मिलकर भारत की आवाज बुलंद करेंगे।

इन प्रतिनिधिमंडलों में शामिल हैं 51 सांसद और पूर्व मंत्री, जो अलग-अलग राजनीतिक दलों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इनके साथ भारतीय विदेश मंत्रालय के आठ वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं। प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करेंगे — बैजयंत पांडा, रविशंकर प्रसाद, संजय कुमार झा, श्रीकांत शिंदे, शशि थरूर, कनिमोझी करुणानिधि और सुप्रिया सुले।

सत्ता और विपक्ष दोनों साथ

एनडीए के 31 सांसद और विपक्ष के 20 सांसद/पूर्व मंत्री इन डेलिगेशन का हिस्सा हैं।

हर प्रतिनिधिमंडल में 7 से 8 सदस्य होंगे, जिनके साथ एक-एक विदेश सेवा अधिकारी भी नियुक्त किया गया है।

सभी टीमों में कम से कम एक मुस्लिम प्रतिनिधि रखा गया है चाहे वे नेता हों या राजनयिक।

कांग्रेस की ओर से सुझाए गए चार नामों में से केवल आनंद शर्मा को जगह मिली है, जबकि गौरव गोगोई, सैयद नसीर हुसैन और अमरिंदर सिंह राजा वारिंग को शामिल नहीं किया गया, जिस पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आपत्ति जताई। फिर भी कांग्रेस ने कहा कि उनके नेता भारत सरकार के अनुरोध पर डेलिगेशन में हिस्सा लेंगे।

सरकारी पक्ष और उद्देश्य

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इस मिशन को ‘एक भारत, एक मिशन, एक संदेश’ करार दिया। उन्होंने कहा कि ये डेलिगेशन आतंकवाद के खिलाफ भारत की सामूहिक प्रतिबद्धता को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर दर्शाएंगे।

इन प्रतिनिधिमंडलों में शामिल कई दिग्गज नेता जैसे गुलाम नबी आजाद, एमजे अकबर, वी. मुरलीधरन, सलमान खुर्शीद, एसएस अहलूवालिया और आनंद शर्मा वर्तमान में सांसद नहीं हैं लेकिन पूर्व मंत्रियों और वरिष्ठ राजनयिकों के रूप में उनका अनुभव उपयोग किया जा रहा है।

प्रमुख प्रतिनिधिमंडलों का ब्योरा और गंतव्य

1. बैजयंत पांडा (भाजपा) के नेतृत्व में

गंतव्य: सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन, अल्जीरिया

सदस्य: निशिकांत दुबे, रेखा शर्मा, असदुद्दीन ओवैसी, सतनाम संधू, गुलाम नबी आजाद, हर्ष श्रृंगला

2. रविशंकर प्रसाद (भाजपा) के नेतृत्व में

गंतव्य: यूके, फ्रांस, जर्मनी, ईयू, इटली, डेनमार्क

सदस्य: दग्गुबत्ती पुरंदेश्वरी, प्रियंका चतुर्वेदी, एमजे अकबर, अमर सिंह, पंकज सरन

3. संजय झा (जदयू) के नेतृत्व में

गंतव्य: इंडोनेशिया, मलेशिया, दक्षिण कोरिया, जापान, सिंगापुर

सदस्य: यूसुफ पठान, बृज लाल, जॉन ब्रिटास, सलमान खुर्शीद, मोहन कुमार

4. श्रीकांत शिंदे (शिवसेना) के नेतृत्व में

गंतव्य: यूएई, लाइबेरिया, कांगो, सिएरा लियोन

सदस्य: बांसुरी स्वराज, अतुल गर्ग, ई.टी. मोहम्मद बशीर, एसएस अहलूवालिया, सुजान चिनॉय

5. शशि थरूर (कांग्रेस) के नेतृत्व में

गंतव्य: अमेरिका, पनामा, गुयाना, कोलंबिया, ब्राजील

सदस्य: शांभवी चौधरी, सरफराज अहमद, मिलिंद देवड़ा, तेजस्वी सूर्या, तरनजीत संधू

6. कनिमोझी (डीएमके) के नेतृत्व में

गंतव्य: स्पेन, ग्रीस, स्लोवेनिया, लातविया, रूस

सदस्य: राजीव राय, मियां अल्ताफ अहमद, अशोक मित्तल, मंजीव पुरी, जावेद अशरफ

7. सुप्रिया सुले (राकांपा-एसपी) के नेतृत्व में

गंतव्य: मिस्र, कतर, इथियोपिया, दक्षिण अफ्रीका

सदस्य: अनुराग ठाकुर, मनीष तिवारी, राजीव प्रताप रूडी, सैयद अकबरुद्दीन, आनंद शर्मा

‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत का एक रणनीतिक कूटनीतिक प्रयास है, जिसका उद्देश्य वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को उजागर करना और भारत के रुख को स्पष्टता के साथ पेश करना है। इस मिशन के तहत भारत ने एकजुटता, समावेशिता और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की दिशा में एक साहसिक कदम उठाया है।

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