
ऑपरेशन सिंदूर से पाक को हर मोर्चे पर जवाब, जानें- भारत को क्या हुआ हासिल
रविवार को भारतीय फौज की तीनों इकाइयों की तरफ से विस्तार में ऑपरेशन सिंदूर के बारे में बताया गया है। भारतीय रक्षा बलों ने कहा कि हम अपने उद्देश्य को हासिल कर चुके हैं।
India Pakistan Conflict: पाकिस्तान से संघर्ष के बीच भारत ने रविवार को तीन बड़ी बात रही। पहला, ऑपरेशन सिंदूर को जिस मसकद के साथ शुरू किया गया उस उद्देश्य को हासिल करने में कामयाब हुए। दूसरा, हमारा अभियान अभी भी जारी है। तीसरा, जहां तक नेवी की बात है तो हम कराची पोर्ट को निशाना बनाने के लिए पूरी तरह तैयार थे उसका असर यह हुआ कि पाकिस्तान का नौसेनिक बेड़ा पोर्ट तक सीमित रहा। इन सबके बीच भारतीय रक्षा बलों ने बताया कि हमने क्या और किया। यही नहीं ऑपरेशन सिंदूर से और क्या कुछ हासिल हुआ।
9 आतंकी ठिकाने तबाह
भारत ने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिद्दीन जैसे आतंकी संगठनों के 9 हाई-वैल्यू लॉन्चपैड तबाह कर दिए। ये स्थान आतंकवादी प्रशिक्षण और भारत के खिलाफ हमलों की योजना बनाने के मुख्य केंद्र माने जाते थे।
पाकिस्तान के भीतर गहराई तक स्ट्राइक
भारत ने पहली बार युद्ध की परंपरागत सीमाओं को लांघते हुए पाकिस्तान के हृदयस्थल तक हमला किया। पंजाब प्रांत के बहावलपुर जैसे संवेदनशील स्थानों पर हमले हुए – जहां अमेरिका तक ने कभी ड्रोन नहीं भेजे थे।भारत ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया कि न तो LoC और न ही पाकिस्तान का भूगोल अब अछूत है, अगर आतंक वहीं से उपजता है।
आतंक के खिलाफ नई नीति
भारत ने पहली बार स्पष्ट किया कि आतंकी और उनके समर्थकों में कोई भेद नहीं किया जाएगा। यह पाकिस्तान की राज्य प्रायोजित आतंकवाद की नीति पर सीधा वार था।इस ऑपरेशन ने उन कथित 'रोग एलिमेंट्स' को भी बेनकाब किया जो पाकिस्तान की सत्ता के भीतर बैठकर आतंकवाद चला रहे थे।
पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली नाकाम
भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान की एयर डिफेंस ग्रिड को बायपास या जाम करते हुए 23 मिनट में पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया। राफेल विमानों से दागे गए SCALP मिसाइल और HAMMER बमों ने बिना किसी नुकसान के मिशन को सफल बनाया।
भारत की एयर डिफेंस क्षमताओं का प्रदर्शन
भारत ने अपनी वायु रक्षा प्रणाली की मजबूती को भी दर्शाया। 'आकाशतेर' एयर डिफेंस सिस्टम ने सैकड़ों पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइलों को मार गिराया और अब इसे वैश्विक निर्यातक के रूप में देखा जा रहा है।
आतंकियों का सफाया, लेकिन नियंत्रण में कार्रवाई
भारत ने केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, नागरिक या सैन्य संरचना पर पहले चरण में कोई हमला नहीं हुआ। यह भारत की "ज़ीरो टॉलरेंस" नीति का पालन करते हुए नियंत्रण में रखी गई कार्रवाई थी।
आतंकी सरगनाओं का खात्मा
भारत के मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल कई आतंकवादी इस हमले में मारे गए। एक ही रात में कई आतंकी मॉड्यूल्स की कमान ढह गई।
पाकिस्तान की वायुसेना को भारी नुकसान
9-10 मई की रात को हुए हमलों में भारत ने पहली बार किसी परमाणु शक्ति संपन्न देश की एयर फोर्स बेस पर हमला किया। नूर खान, रफीकी, मुरिद, सियालकोट, पासरूर, बहावलपुर, स्कारू, सरगोधा और जैकबाबाद समेत 11 ठिकानों पर हमला हुआ।इससे पाकिस्तान की वायुसेना की 20% संरचना नष्ट हो गई। 'भोलारी' एयरबेस पर हुए हमले में 50 से अधिक लोग मारे गए, जिनमें स्क्वाड्रन लीडर उस्मान यूसुफ और चार एयरमैन शामिल थे।
तीनों सेनाओं की तालमेलभरी कार्रवाई
भारतीय थलसेना, नौसेना और वायुसेना ने इस ऑपरेशन को समन्वय से अंजाम दिया – यह भारत की संयुक्त युद्ध क्षमता में बढ़ोतरी का प्रमाण है।
वैश्विक संदेश – आतंक का जवाब अब मिलेगा
भारत ने यह स्पष्ट कर दिया कि वह अपनी जनता की सुरक्षा के लिए किसी से अनुमति नहीं मांगेगा। अब आतंकवादियों और उनके आकाओं के लिए कोई सुरक्षित स्थान नहीं बचा है।
बदला अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण
जहां पहले वैश्विक नेता भारत से संयम की मांग करते थे, अब उन्होंने भारत के आतंक के खिलाफ रुख को समर्थन दिया है।
कश्मीर को आतंक से अलग करना
ऑपरेशन सिंदूर ने पहली बार भारत-पाक संबंधों को केवल आतंकवाद के चश्मे से देखा। कश्मीर मुद्दे को इससे पूर्णतः अलग रखा गया। आतंक के खिलाफ यह स्पष्ट और लक्षित कार्रवाई थी। भारत ने यह दिखा दिया है कि अब आतंक की हर कीमत चुकानी पड़ेगी "कहीं भी, कभी भी"।