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भारत-पाक DGMO वार्ता में बनी सहमति, एक दूसरे पर नहीं चलायेंगे गोली, बॉर्डर पर घटाये जाएंगे सैनिक

भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर के ऐलान के बाद पहली बार भारत के डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई और पाकिस्तान के डीजीएमओ मेजर कासिफ अब्दुल्लाह के बीच सोमवार 12 मई को बात हुई है.


India-Pakistan DGMO Talks: भारत और पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस के बीच हुई बातचीत में ये फैसला लिया गया है कि दोनों पक्ष एक दूसरे पर एक भी गोली नहीं दागेंगे. साथ ही दोनों देशों के डीजीएमओ ने ये भी फैसला लिया है कि बॉर्डर और फॉरवर्ड एरिया से अपनी सैन्य टुकड़ियों को घटाने के उपायों पर भी विचार करेंगे.

भारत-पाक बॉर्डर और फॉरवर्ड एरिया पर घटायेंगे सैनिक

10 मई 2025 को भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर के ऐलान के बाद पहली बार भारत के डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई और पाकिस्तान के डीजीएमओ मेजर कासिफ अब्दुल्लाह के बीच सोमवार 12 मई को बात हुई है. पहले ये बातचीत दोपहर में होनी थी लेकिन बाद में इसका समय बदल गया और शाम 5 बजे ये बातचीत हुई है. इस बातचीत के बाद भारतीय सेना ने एक बयान में कहा, "डीजीएमओ के बीच हुई बातचीत में इस प्रतिबद्धता के साथ ये चर्चा की गई कि दोनों पक्ष एक भी गोली एक दूसरे पर नहीं दागेंगे या फिर एक-दूसरे के खिलाफ कोई आक्रामक या शत्रुतापूर्ण कार्रवाई नहीं करेंगे. दोनों पक्षों के बीच इस बात पर भी सहमति बन गई है कि बार्डर और फॉरवर्ड एरिया से दोनों पक्ष अपनी सेनाओं की संख्या में कमी लाने के लिए फौरन कार्रवाई करने विचार करेंगे.

पाकिस्तान को हुए नुकसान के सबूत

इससे पहले सोमवार 12 मई को आर्मी, भारतीय वायुसेना और नौसेना के डीजीएमओ ने साझा प्रेस कॉंफ्रेंस में साक्ष्य के साथ इस बात को बताया कि कैसे ऑपरेशन सिंदूर के क्रम में भारतीय ऑर्म्ड फोर्सेज ने अपने अचूक निशाने के जरिए पाकिस्तान के एयर फील्ड्स से लेकर उसके एयर डिफेंस सिस्टम्स और उसके सैन्य ठिकानों को नुकसान पहुंचाया है. एयर मॉर्शल ए के भारती ने कहा, भारत ने पाकिस्तान और पीओके में चल रहे आतंक के अड्डों को निशाना बनाया है ये लड़ाई पाकिस्तान सेना के खिलाफ नहीं था लेकिन पाकिस्तान की सेना आतंकवाद के साथ खड़ी नजर आई.

ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ भारक की पॉलिसी

रात 8 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा, "ऑपरेशन सिंदूर अब आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत की स्थापित नीति है, जो भारत के रणनीतिक दृष्टिकोण में एक निर्णायक बदलाव को दर्शाता है." उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन ने आतंकवाद विरोधी उपायों में एक नया पैमाना, एक न्यू नॉर्मल स्थापित किया है. प्रधानमंत्री ने भारत के सुरक्षा सिद्धांत के तीन प्रमुख स्तंभों के बारे में बताया जिसमें पहला है निर्णायक जवाबी कार्रवाई, जब भारत पर किसी भी आतंकवादी हमले का मजबूती से जवाब दिया जाएगा. भारत अपनी शर्तों पर जवाबी कार्रवाई करेगा, आतंकी ठिकानों को उनकी जड़ों पर निशाना बनाएगा. दूसरा है एटॉमिक ब्लैकमेल को बर्दाश्त नहीं करना, भारत एटॉमिक धमकियों से नहीं डरेगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अपने नागरिकों को किसी भी खतरे से बचाने के लिए निर्णायक कदम उठाता रहेगा.

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