बांग्लादेशी सरकार को भारत का करारा जवाब, उप उच्चायुक्त को किया तलब
Bangladesh-India border: ढाका ने आरोप लगाया है कि भारत द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन करते हुए 1,156 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा पर पांच स्थानों पर बाड़ लगाने की कोशिश कर रहा है.
Bangladesh india border dispute: लगता है भारत और बांग्लादेश (Bangladesh) के बीच तल्खी खत्म होते हुए नजर नहीं आ रही है. पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से हटाने के बाद से बांग्लादेश का रुख भारत के लिए सही नहीं रहा है. सीमा विवाद को लेकर एक दिन पहले ही बांग्लादेश (Bangladesh) ने भारत के उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को तलब किया था. वहीं, अब भारत ने भी जैसे को तैसा दिखाते हुए सोमवार को बांग्लादेश (Bangladesh) के उप उच्चायुक्त नूरल इस्लाम को तलब किया. भारत का यह कदम बांग्लादेश के लिए करारा जवाब माना जा रहा है.
बांग्लादेशी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि बांग्लादेश के विदेश सचिव राजदूत मोहम्मद जशीम उद्दीन ने रविवार को विदेश मंत्रालय में भारत के उच्चायुक्त प्रणय वर्मा के सामने बांग्लादेश-भारत सीमा पर बीएसएफ की हालिया गतिविधियों पर बांग्लादेश (Bangladesh) सरकार की गहरी चिंता व्यक्त की. बांग्लादेश के विदेश मंत्री से मुलाकात के बाद, भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा ने कहा कि मैंने विदेश सचिव से मुलाकात कर अपराध मुक्त सीमा सुनिश्चित करने, तस्करी, अपराधियों की आवाजाही और मानव तस्करी की चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करने तथा सुरक्षा के लिए सीमा पर बाड़ लगाने के संबंध में समझ बनाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर चर्चा की.
भारतीय दूत ने कहा कि हमारे दो सीमा रक्षक बल, बीएसएफ और बीजीबी संवाद में हैं और समझ को लागू किया जाएगा तथा अपराधों से निपटने के लिए सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाया जाएगा. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश ने आरोप लगाया है कि भारत द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन करते हुए भारत-बांग्लादेश सीमा पर पांच स्थानों पर बाड़ लगाने की कोशिश कर रहा है.
भारत-बांग्लादेश तनाव
भारत और बांग्लादेश (Bangladesh) के बीच तनाव तब से बढ़ रहा है. जब से प्रधानमंत्री शेख हसीना देश छोड़कर भाग गई हैं और भारत में एक अज्ञात स्थान पर रह रही हैं. शेख हसीना के पद से हटाए जाने के बाद से ही बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है. जिसमें हिंदुओं के स्वामित्व वाले मंदिरों और संपत्तियों पर हमले और तोड़फोड़ की व्यापक घटनाएं सामने आई हैं.
बांग्लादेश सरकार ने शनिवार को कहा कि पिछले साल 4 अगस्त के बाद से अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ अधिकांश घटनाएं 'राजनीतिक प्रकृति की' थीं, न कि 'सांप्रदायिक'. मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस की प्रेस विंग ने कहा कि पुलिस जांच तब की गई, जब बांग्लादेश (Bangladesh) हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद ने हाल ही में दावा किया कि अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के 5 अगस्त को देश छोड़कर भाग जाने से एक दिन पहले से सांप्रदायिक हिंसा की 2,010 घटनाएं हुई हैं. छात्रों के नेतृत्व में हुए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद उनकी 16 साल की सरकार गिर गई थी.